उत्तर प्रदेश में पेराई सत्र 2020-21 में गन्ना उत्पादकता में बना रिकॉर्ड, शामली जिला रहा अव्वल
उत्तर प्रदेश में गत पेराई सत्र में चीनी उत्पादन में रिकॉर्ड बनने के बाद आगामी सत्र के लिए गन्ना क्षेत्रफल व उत्पादकता में वृद्धि को शुभ संकेत माना जा रहा है।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में पेराई सत्र 2020-21 के लिए गन्ना सर्वेक्षण कार्य पूरा होने बाद जारी आंकड़ों में गत सत्र की तुलना में 1.4 प्रतिशत क्षेत्रफल बढ़ोतरी दर्ज की गई है। दूसरी ओर गन्ना उत्पादकता उत्तर प्रदेश में अब तक सर्वाधिक रहा है, जिसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों का बोलबाला रहा। सर्वाधिक उत्पादकता में 990.64 क्विंटल प्रति हेक्टेयर गन्ने की उपज प्राप्त करके शामली प्रदेश में प्रथम रहा है। वहीं मेरठ जिले को 910.04 क्विंटल प्रति हेक्टयर उत्पादन पर दूसरा और मुजफ्फरनगर को 907. 64 प्रति हेक्टेयर गन्ना पैदा करने पर तीसरा स्थान मिला है।
उत्तर प्रदेश में गत पेराई सत्र में चीनी उत्पादन में रिकॉर्ड बनने के बाद आगामी सत्र के लिए गन्ना क्षेत्रफल व उत्पादकता में वृद्धि को शुभ संकेत माना जा रहा है। गन्ना और चीनी क्षेत्र में वर्चस्व बने रहने के साथ किसानों की आय भी बढ़ेगी। गन्ना आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि आगामी सत्र के लिए गन्ना क्षेत्रफल 27.16 लाख हेक्टेयर आंका गया, जबकि गत पेराई सत्र में कुल क्षेत्रफल 26.78 लाख हेक्टेयर था। यानि इस बार लगभग 38 हजार हेक्टयर गन्ना क्षेत्र बढ़ा है। गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा ने उत्पादकता बढ़ने पर किसानों को बधाई देते हुए कहा कि सरकार गन्ने की फसल की गुणवत्ता बढ़ाने में हरसंभव सहायता करेगी।
पौधा गन्ना क्षेत्र 2.89 प्रतिशत वृद्धि : उत्तर प्रदेश में पौधा (नया) गन्ना का क्षेत्रफल 13.69 लाख हेक्टयर आंका गया है। इसके अलावा पेड़ी गन्ना क्षेत्रफल 13.47 लाख हेक्टेयर है। किसान हरवीर सिंह का कहना है कि जून माह में पर्याप्त वर्षा होने के कारण गन्ने की फसल अभी अच्छी है। कोई बीमारी न लगी तो गत वर्ष की तुलना में पैदावार में भी बढ़ोतरी तय है।
औसत गन्ना उत्पादकता 81.10 टन प्रति हेक्टेयर : वर्ष 2019-20 के लिए गन्ना कटाई आंकड़े भी जारी किए गए। गन्ना आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि प्रदेश की औसत उत्पादकता 81.10 टन प्रति हेक्टेयर दर्ज की गई है जो प्रदेश की इतिहास में सर्वाधिक है। किसानों द्वारा गन्ने की फसल में रुचि लेने के कारण उत्पादकता व क्षेत्रफल में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। गत पेराई सत्र की तुलना में गन्ने की उपज छह क्विंटल प्रति हेक्टेयर अधिक रही है।