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जोन से बाहर स्थानांतरित होंगे दारोगाः डीजीपी

डीजीपी ने सोमवार को जोन में तैनात एडीजी, रेंज में तैनात आइजी, एसएसपी के साथ अपराध नियंत्रण के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।

By Ashish MishraEdited By: Published: Mon, 05 Jun 2017 07:45 PM (IST)Updated: Mon, 05 Jun 2017 07:45 PM (IST)
जोन से बाहर स्थानांतरित होंगे दारोगाः डीजीपी

लखनऊ (जेएनएन)। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सुलखान सिंह ने प्रदेश की कानून व्यवस्था चाक-चौबंद करने के लिये परम्परागत पुलिसिंग पर जोर दिया है। लंबे समय से जिलों में तैनात उपनिरीक्षकों को जोन के बाहर स्थानांतरित करने का निर्देश दिया है। कम्युनिटी पुलिसिंग को बढ़ावा देने की हिदायत भी दी है।
डीजीपी ने सोमवार को जोन में तैनात एडीजी, रेंज में तैनात आइजी, एसएसपी के साथ अपराध नियंत्रण के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि स्थानांतरण नियमावली के विरुद्ध जिलों में तैनात उपनिरीक्षकों को जोन के बाहर स्थानांतरित किया जाए। अपराध में शामिल या अपराधियों से संबंध रखने के लिए चिह्नित पुलिस कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। माफिया एवं अन्य प्रभावशाली अपराधियों की सूची बनायी जाए और उनके जमानतदारों का सत्यापन कराया जाए।

चौराहों के 25 मीटर तक ठेले न लगें
गाडिय़ों पर मानक विपरीत लगी नंबर प्लेट, हूटर-सायरन, लाल-नीली बत्तियां, झंडे, तख्तियां हटाने का अभियान चलाया जाए। चालकों को सीट बेल्ट लगाने के लिए प्रेरित किया जाए। हेलमेट पहनना सुनिश्चित किया जाए। गाडिय़ों से काली फिल्म हटायी जाएं। यातायात पुलिस चुस्त-दुरुस्त, स्मार्ट वर्दी में रहे। वसूली की शिकायत पर रोक लगाई जाए। चौराहों से से 25 मीटर ठेले, वाहन न खड़े होने दिये जाएं।

गोवध पर एनएसए लगाएं
गोवध एवं वध के लिए गोवंश के परिवहन पर सख्ती से रोक लगायी जाए। ऐसे अपराधियों के विरुद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, गिरोहबंद अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई की जाए। न्यायालयों में विचाराधीन प्रकरणों में पैरवी कर परिणाम तक पहुंचा जाए। माफिया व गिरोहबंद अपराधियों की जमानतें निरस्त करायी जाएं। मॉल्स, सार्वजनिक स्थानों में सादी वर्दी में महिला सिपाही व अधिकारियों के दस्ते तैनात किये जाएं।

विवादों का ब्योरा तैयार करें
डीजीपी ने कहा कि क्षेत्र के विवादों को रजिस्टर में दर्ज कर इनको हल कराने की कोशिश हो। आवश्यकता पडऩे पर निरोधात्मक कार्रवाई की जाए ताकि बलवा, हत्या जैसी वारदात न हो पाए। अधिकारी जमीनों पर कब्जा करने वालों की सूची तैयार करें। पांच वर्षों में जमीन, प्लॉट पर कब्जा करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए।

आतंकी गतिविधियों पर नजर रखें
डीजीपी ने कहा कि भीड़-भाड़ वाले स्थानों की नियमित निगरानी कराई जाए। ताकि कोई आतंकवादी घटना न हो सके। दुकानदारों इत्यादि का सहयोग लिया जाए। स्थानीय सहयोग से सीसीटीवी, चौकीदार का इंतजाम कराया जाए। त्योहारों को बारे में अभी से अध्ययन कर लिया जाए। विवादित बिंदु को हल कराया जाये।

दस से एक कार्यालय पर बैठें
डीजीपी ने पुलिस अफसरों को स्पष्ट रूप से कहा कि वह प्रतिदिन सुबह दस बजे से दोपहर एक बजे तक कार्यालय में अवश्य बैठें। कार्यालय के कार्यो का निस्तारण करने के अलावा नागरिकों से मिलकरउनकी शिकायतों का निस्तारण करेंगे। नागरिकों की शिकायतों के निराकरण पर पूरी गंभीरता एवं तत्परता बरती जाए।

ये हिदायतें भी
- एसपी जवानों के अवकाश, ड्यूटी से विश्राम, भोजन, शौचालय, आवास, चिकित्सा की व्यवस्था तथा परिवार कल्याण की समस्या निराकरण करायें।
- थानाध्यक्ष, प्रतिसार निरीक्षक मासिक निरीक्षण, दैनिक मुआयना मालखाना एवं नक्शा नौकरी खुद लिखें।
- बंदियों के एस्कोर्ट के संबंध में बंदी की प्रकृति के अनुसार स्पष्ट, लिखित आदेश दिया जाए।
-कचहरी, लॉक-अप ड्यूटियां जल्दी-जल्दी बदली जाएं।
- चरित्र सत्यापन, पासपोर्ट, लाइसेंस प्रार्थना पत्र पर एक सप्ताह में रिपोर्ट लगा दी जाए।
- एनसीआर की तीन दिन में जांच पूरी हो और सिर्फ आक्रामक पक्ष के विरुद्ध कार्रवाई हो।
-टेम्पो, रिक्शा, ऑटो में ओवरलोडिंग रोकी जाए।
-गाजियाबाद, नोएडा पुलिस के अधिकारियों को दिल्ली पुलिस के समन्वय बनाकर कार्य करने का निर्देश दिया गया।
 

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