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मोबाइल का अधिक प्रयोग हो रहा घातक, युवाओं के सिर से निकल रहे सींग

रिसर्च से पता चला है कि मोबाइल के अधिक प्रयोग से युवाओं के सींग निकल रहे हैं। जो युवा सिर को ज्यादा झुकाकर मोबाइल प्रयोग कर रहे हैं उनकी खोपड़ी में सींग विकसित हो रहे हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 22 Jun 2019 04:31 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jun 2019 08:52 AM (IST)
मोबाइल का अधिक प्रयोग हो रहा घातक, युवाओं के सिर से निकल रहे सींग
मोबाइल का अधिक प्रयोग हो रहा घातक, युवाओं के सिर से निकल रहे सींग

लखनऊ, जेएनएन। आज के दौर में हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुके मोबाइल फोन का अधिक उपयोग घातक भी हो रहा है। इसके अधिक प्रयोग से शरीर में तमाम प्रकार के विकार पैदा होने की खबरों के बीच अब बेहद चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है।

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एक रिसर्च से पता चला है कि मोबाइल के अधिक प्रयोग से युवाओं के सींग निकल रहे हैं। जो युवा सिर को ज्यादा झुकाकर मोबाइल प्रयोग कर रहे हैं, उनकी खोपड़ी में सींग विकसित हो रहे हैं। महीना भर पहले प्रकाशित की गई शोध रिपोर्ट में 18 वर्ष से 86 वर्ष तक के 1200 लोगों के एक्स-रे को शामिल किया गया था। शोधकर्ताओं ने पाया कि 33 फीसदी लोगों में सींग जैसी हड्डी के विकसित होने की बात सामने आई थी।

मोबाइल आज हमारी जिंदगी का ऐसा हिस्सा बन गया है जिसके बिना जीना कठिन लगता है। लगता है कि सारी दुनिया मोबाइल में समा गई है। घर बैठे खाना ऑर्डर करने से लेकर दूर परदेस में बैठे अपनों से उनको देखते हुए बात करने में यह बेहद मददगार है। वैसे यह सब तो हम जानते ही हैं। इसमें नया कुछ नहीं है, लेकिन जो बात हमें नहीं पता वह यह है कि मोबाइल जैसी छोटी सी मशीन हमारे शरीर के अंदर अस्थि-पंजर यानी कि कंकाल को भी बदल रही हैं। शोध के मुताबिक मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल करने वाले युवाओं के सिर में 'सींगÓ निकल रहे हैं। सिर के स्कैन में इस बात की पुष्टि भी हो गई है।

इसके उपयोग की वाहवाही के बीच एक रिसर्च तो कुछ और ही कह रहा है। इस रिसर्च के अनुसार मोबाइल इस्तेमाल करने वाले युवाओं के सिर के स्कैन में बेहद चौंकाने वाला सच सामने आया है। इन सिरों में अब सींग उगने लगे हैं। मोबाइल अब कंकाल स्तर पर बदलाव कर रहा है। अमेरिका में रिसर्च किया गया है, जिसके अनुसार अधिक मोबाइल फोन चलाने वाले युवाओं के सिर पर सींग निकल रहे हैं। यह नया प्रयोग बायो मैकेनिक्स (जैव यांत्रिकी) पर किया गया है। जिसमें यह सामने आया है कि जो युवा सिर को ज्यादा झुकाकर मोबाइल प्रयोग कर रहे हैं, उनकी खोपड़ी में सींग विकसित हो रहे हैं। रिसर्च में 18 से 30 वर्ष के ऐसे युवाओं को शामिल किया गया जो कि एक दिन में ही मोबाइल पर कई घंटे बिताते हैं।

सनशाइन कोस्ट यूनिवर्सिटी, क्वींसलैंड (ऑस्ट्रेलिया) में इस रिसर्च में इस प्रक्रिया को विस्तृत तरीके से समझाया गया है। इसमें कहा गया है कि रीढ़ की हड्डी से शरीर का वजन शिफ्ट होकर सिर के पीछे की मांसपेशियों तक जाता है। इससे कनेक्टिंग टेंडन और लिगामेंट्स में हड्डी विकसित होती है। इसी का रिजल्ट है कि युवाओं में हुक या सींग की तरह की हड्डियां बढ़ रही हैं, जो गर्दन के ठीक ऊपर की तरह खोपड़ी से बाहर निकली हुई है।

रिपोर्ट में उस चित्र को भी दिखाया गया है जिसमें खोपड़ी के निचले हिस्से में एक कांटेदार सींगनुमा हड्डी दिख रही है। इस प्रयोग में लगे डॉक्टरों का कहना है कि इंसान की खोपड़ी का वजन करीब साढ़े चार किलो होता है। मोबाइल के प्रयोग के दौरान लोग अपने सिर को आगे पीछे की तरफ हिलाया करते हैं। ऐसे में गर्दन के निचले हिस्से की मांसपेशियों में खिंचाव आने लगता है। इसी कारण कुछ दिन बाद इसी कारण हड्डियां बाहर की तरफ निकल जाती हैं। सिर पर ज्यादा दबाव पडऩे के कारण सींग जैसी दिखने वाली हड्डियां निकल रही हैं।

महिलाओं की तुलना में पुरुष ज्यादा प्रभावित

रिसर्च में शामिल शोधकर्ताओं का पहला पेपर जर्नल ऑफ एनाटॉमी में 2016 में प्रकाशित हुआ था। इस पेपर में 18 से 30 वर्ष आयु वर्ग के 216 लोगों के एक्स-रे को शामिल किया गया था। 41 फीसदी युवा वयस्कों के सिर की हड्डी में वृद्धि देखी जा सकती है। यह पहले के अनुमान में ज्यादा थी और साथ ही पुरुष इससे ज्यादा प्रभावित थे।

दूसरी डिवाइस भी खतरनाक

सिर्फ मोबाइल ही नहीं शोधकर्ता मानते है कि स्मार्टफोन की तरह के दूसरी डिवाइस भी इसी तरह का असर दे रही हैं। यह सभी यंत्र मानव स्वरूप को बदल रहे हैं। शोधकर्ताओं का दावा है कि टेक्नोलॉजी का मानव शरीर पर पडऩे वाले प्रतिकूल प्रभाव का यह अपने तरह का पहला रिसर्च है। 2018 में दूसरे पेपर में चार टीनएजर्स की केस स्टडी को सामने रखा गया था जिनके सिर पर सींग आई थीं। इसके शोधकर्ताओं ने दावा किया कि इन बच्चों के सिर पर जो सींगें आईं हैं वह गर्दन के दबाव के कारण हैं। इन्हें शोधकर्ताओं ने आनुवांशिक मानने से इंकार कर दिया। इससे पहले प्रकाशित शोध रिपोर्ट में 18 साल से लेकर 86 वर्ष तक के 1200 लोगों के एक्स-रे को शामिल किया गया जिसमें शोधकर्ताओं ने पाया कि 33 फीसदी लोगों में सींग जैसी हड्डी के विकसित हो गई थी।  

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