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लविवि पेपर लीक कांड: परीक्षा निरस्त होने से नाराज छात्रों का फूटा गुस्सा, कुलपति से हुई तीखी नोकझोंक Lucknow News

लखनऊ विश्वविद्यालय के विधि तृतीय वर्ष के तृतीय सेमेस्टर की संपन्न हो चुकी परीक्षा दोबारा न कराने पर धरने पर बैठे छात्र।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 04 Jan 2020 02:55 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jan 2020 08:23 PM (IST)
लविवि पेपर लीक कांड: परीक्षा निरस्त होने से नाराज छात्रों का फूटा गुस्सा, कुलपति से हुई तीखी नोकझोंक Lucknow News
लविवि पेपर लीक कांड: परीक्षा निरस्त होने से नाराज छात्रों का फूटा गुस्सा, कुलपति से हुई तीखी नोकझोंक Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। लखनऊ विश्वविद्यालय की एलएलबी तृतीय सेमेस्टर की हो चुकी परीक्षाएं निरस्त किए जाने से लॉ के छात्रों का रोष शनिवार को फूट पड़ा। प्रकरण को लेकर कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय से मिलने पहुंचे छात्रों ने परीक्षा निरस्त किए जाने के निर्णय को वापस लिए जाने की मांग की। इस दौरान कुलपति से छात्रों की तीखी नोकझोंक भी हुई। किसी स्तर पर सुनवाई न होने से नाराज छात्र धरने पर बैठ गए। देर शाम तक छात्र विवि प्रशासन के निर्णय के खिलाफ अड़े रहे।

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गौरतलब है कि 11 दिसंबर को पेपर लीक का ऑडियो वायरल होने के मामले में जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर परीक्षा निरस्त किए जाने के निर्णय को देखते हुए लविवि प्रशासन पहले से ही चौकन्ना दिखाई दिया। शनिवार सुबह से ही लविवि परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया।

दोपहर करीब 12 बजे एलएलबी (त्रिवर्षीय पाठ्यक्रम) तीसरे सेमेस्टर के छात्र विवि पहुंचे और प्रशासनिक भवन के सामने प्रदर्शन शुरू कर दिया। कुछ छात्रों ने कुलपति से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन भी सौंपा। छात्रों का कहना था कि पेपर लीक किए जाने में जो लोग शामिल थे, उन पर कार्रवाई न कर छात्रों को परेशान किया जा रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन का पूर्व में हुई परीक्षाओं को निरस्त किए जाने का निर्णय पूरी तरह से गलत है। लॉ के छात्रों का कहना था कि लॉ की परीक्षा की वजह से नेट, पीसीएस समेत कई अन्य परीक्षाओं की तैयारी नहीं कर पा रहे हैं, जो पेपर एक बार दिए जा चुके हैं, उन्हें वह दोबारा क्यों दें। 

नाराज छात्रों ने किया एलान
छात्रों का कहना है कि पेपर लीक होने के बाद विवि ने दिसंबर में दो बार नया शेड्यूल जारी किया। मगर, उसे निरस्त कर दिया गया और फिर नया कार्यक्रम जारी किया गया। यदि परीक्षा निरस्त करनी थी तो पूरे लॉ फैकल्टी की जाए। छात्रों का कहना है कि यदि परीक्षा के निरस्त किए जाने का निर्णय वापस न लिया गया तो 9 जनवरी को वह प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।


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