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लखनऊ के बीबीएयू में नॉन वेज भोजन पर बैन के बाद विवाद

राजधानी लखनऊ में बाबा भीमराव अंबेडकर सेंट्रल यूनिवर्सिटी (बीबीएयू) के हॉस्टल के भोजन में नॉन वेज भोजन पर बैन के बाद विवाद हो गया है। हॉस्टल के छात्र-छात्राएं कुलपति के इस फरमान का विरोध कर रहे हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 03 May 2016 04:46 PM (IST)Updated: Tue, 03 May 2016 04:49 PM (IST)
लखनऊ के बीबीएयू में नॉन वेज भोजन पर बैन के बाद विवाद

लखनऊ। राजधानी लखनऊ में बाबा भीमराव अंबेडकर सेंट्रल यूनिवर्सिटी (बीबीएयू) के हॉस्टल के भोजन में नॉन वेज भोजन पर बैन के बाद विवाद हो गया है। हॉस्टल के छात्र-छात्राएं कुलपति के इस फरमान का विरोध कर रहे हैं।

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कुलपति प्रोफेसर आरसी सोबती ने कल मेस प्रभारी से साफ कहा यदि छात्रावासों की मेस में मीट बना तो सख्त कार्रवाई होगी। प्रोफेसर सोबती ने सभी प्रभारियों को निर्देश जारी किए हैं। कनिष्ठ छात्रावास के अधीक्षक प्रशासनिक की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि मेस में शाकाहारी भोजन ही बनाया जाएगा। यदि कोई छात्र दबाव बनाएगा तो उसके ऊपर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

विश्वविद्यालय में तीन-तीन छात्रावास छात्रव छात्राओं के हैं। इनमे रहने वाले विद्यार्थी अक्सर मीट बनाने का दबाव बनाते हैं। मीट बनने की सूचना विवि प्रशासन को कई बार हुई। कुलपति ने आपत्ति दर्ज कर ऐसे विद्यार्थियों और मेस प्रभारियों को सख्त हिदायत भी दी गई। इसके बावजूद मीट बनाने का सिलसिला चल रहा था। नये निर्देश के बाद अब कार्रवाई की जाएगी। विवि प्रवक्ता प्रो.कमल जायसवाल ने बताया कि कुलपति की ओर से निर्देश दिए गए हैं। हालांकि उन्होंने मीट बनाने की बात से मना किया है। उधर मेस की व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने में विद्यार्थियों से सहयोग की अपील भी की गई है।

आज जमकर विरोध

आज करीब 200 छात्र-छात्रा इस फरमान के खिलाफ अनशन पर बैठ गये। बीबीएयू के प्रवक्ता प्रोफेसर कमल जायसवाल के मुताबिक उस्मानिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कांचा इलइया के यहां कैंपस में बीफ खाने को लेकर एक बयान से माहौल बिगडऩे की आशंका थी जिसके बाद यह फैसला लिया गया

क्या कहा था कांचा इलइया ने

प्रोफेसर कांचा इलइया यहां 14 अप्रैल 2016 को डॉ. अंबेडकर पर आयोजित एक सेमिनार में शिरकत करने यहां आये थे। इस दौरान उन्होंने कहा था कि हमलोग शाकाहारी हैं, इस वजह से हमारा दिमाग डिब्बा हो गया है। बीफ खाने से दिमाग बढ़ता है, हम बीफेरियंस थे। बीफ खाना भूल गये इसलिए इंडिया बाकी देशों से पिछड़ गया। विदेशों में सभी बीफ का सेवन करते हैं इसलिए उनका दिमाग तेजी से बढ़ रहा है, इसीलिए हमें बीफ खाना चाहिये।

उनके बयान के बाद से यूनिवर्सिटी में बवाल शुरू हो गया था। कुछ स्टूडेंट्स इसका विरोध कर रहे थे जिसकी वजह से कई दिन तक पढ़ाई बाधित हुई। वाइस चांसलर प्रोफेसर आरसी सोबती ने पूरे मामले की जांच कराई और उसके बाद यह फैसला लिया गया। अंबेडकर यूनिवर्सिटी दलित स्टूडेंट्स यूनियन के नेता अजय कुमार ने प्रोफेसर कमल जायसवाल को दलित विरोधी मानसिकता का बताते हुए कहा कि नॉनवेज पर बैन लगाना गलत है। साथ ही उन्होंने उनकी बर्खास्तगी की मांग भी की।


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