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डिफेंस सिस्टम करें मजबूत, एंटीबायोटिक को कहें बाय

सीडीआरआइ में एंटीबायोटिक्स और मानव स्वास्थ्य पर कार्यशाला।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 27 Jan 2019 10:02 AM (IST)Updated: Sun, 27 Jan 2019 10:02 AM (IST)
डिफेंस सिस्टम करें मजबूत, एंटीबायोटिक को कहें बाय

लखनऊ, जेएनएन। एंटीबायोटिक बगैर डॉक्टरी सलाह के न लें। यही नहीं, यदि डॉक्टर की सलाह पर एंटीबायोटिक ले रहे हैं तो जितने दिन डॉक्टर कहें उतनी डोज अनिवार्य रूप से लें। एंटीबायोटिक की आधी-अधूरी डोज लेना घातक हो सकता है। 

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केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआइ) में एंटीबायोटिक्स और मानव स्वास्थ्य पर आयोजित कार्यशाला में शहर के 11 विद्यालयों के 125 छात्र-छात्राओं व उनके शिक्षकों ने भाग लिया। बरेली के भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आइवीआरआइ) की डॉ.अलका तोमर ने कहा कि एंटीबायोटिक प्राकृतिक प्रतिरक्षी तंत्र को कमजोर करती हैं। उन्होंने कहा कि उचित खानपान, व्यायाम एवं अच्छी नींद लेकर इसे मजबूत बनाया जा सकता है। इससे बीमारी कोसों दूर रहेगी। 

केजीएमयू की प्रो.अमिता जैन ने कहा कि टीबी के इलाज में लापरवाही या गलत दवाओं का सेवन उसे ड्रग रेजिस्टेंट टीबी (एमडीआर) में बदल देता है। वैसे तो टीबी का सौ प्रतिशत इलाज संभव है लेकिन एमडीआर टीबी का इलाज मुश्किल है। आइवीआरआइ के डॉ.ऋषीन्द्र वर्मा ने कहा कि एंटीबायोटिक का गलत इस्तेमाल खतरनाक है। भारत में बिकने वाली 64 प्रतिशत एंटीबायोटिक दवाएं निश्चित मानकों के अनुसार नहीं हैं। 

बच्चे बनेंगे 'पर्यावरण दूत' 

केजीएमयू के रेेसपिरेटरी मेडिसिन विभाग के हेड डॉ.सूर्यकांत ने बच्चों का आह्वान किया कि वह पर्यावरण दूत बन पर्यावरण की रक्षा का संकल्प लें। उन्होंने कहा एक व्यक्ति दिन भर में 350 लीटर ऑक्सीजन का इस्तेमाल करता है जो पौधों से मुफ्त मिलती है। इसलिए अपने जन्मदिन पर एक पौधा अवश्य रोपें व उसकी देखरेख भी करें। माता-पिता की शादी की सालगिरह पर भी पौधे रोपने के लिए प्रेरित करें। जवाहर लाल नेहरू सेंटर ऑफ एडवांस सांटिफि क रिसर्च केपीएचडी स्कॉलर्स आदित्य भट्टाचार्य ने मैरीन एंटीबायोटिक्स पर चल रहे अनुसंधान की जानकारी दी। मौमिता बासु ने संक्रामक बीमारियों के कारण और निदान पर चर्चा की एवं डॉ.स्वेता सिकदर ने एंटिबायोटिक्स के अतीत व वर्तमान परिदृश्य के बारे में जानकारी दी। सीडीआरआइ के निदेशक प्रो. तपस कुंडू ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों का उद्देश्य समाज में जागरूकता लाना है। 

विजेता रहे

पोस्टर प्रतियोगिता में स्प्रिंग डेल कॉलेज ने प्रथम स्थान, सेंट्रल एकेडमी जानकीपुरम ने दूसरा स्थान प्राप्त किया एवं स्प्रिंग डेल कॉलेज, सिटी मांटेसरी स्कूल महानगर एवं डीपीएस इंदिरा नगर ने संयुक्त रूप से तीसरा स्थान प्राप्त किया।


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