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चला योगी आदित्यनाथ का चाबुक : घोटाले के आरोपी डीपीआरओ तथा सीएमओ के खिलाफ कार्रवाई

पंचायतीराज विभाग में करोड़ों रुपये के परफोरमेंस ग्रांट घोटाले के आरोपित सात जिला पंचायत अधिकारियों (डीपीआरओ) को तैनाती से हटाकर निदेशालय से संबद्ध कर दिया गया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 16 Dec 2019 11:25 PM (IST)Updated: Tue, 17 Dec 2019 07:22 AM (IST)
चला योगी आदित्यनाथ का चाबुक : घोटाले के आरोपी डीपीआरओ तथा सीएमओ के खिलाफ कार्रवाई

लखनऊ, जेएनएन। भ्रष्टाचार तथा कार्य में शिथिलता बरतने वालों पर योगी आदित्यनाथ का चाबुक लगातार चल रहा है। प्रदेश सरकार ने घोटाले के आरोपित सात डीपीआरओ के साथ दस दस सीएमओ के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की गई है।

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पंचायतीराज विभाग में करोड़ों रुपये के परफोरमेंस ग्रांट घोटाले के आरोपित सात जिला पंचायत अधिकारियों (डीपीआरओ) को तैनाती से हटाकर निदेशालय से संबद्ध कर दिया गया है। विजिलेंस जांच में फंसे इन अधिकारियों को जांच की निष्पक्षता के लिए हटाया गया है। जिन जिला सात पंचायत अधिकारियों को हटाया गया है। उसमें से अधिकतर धांधली वाले जिलों से अन्यत्र तैनात थे।

हटाए जाने वाले डीपीआरओ में राजेंद्र प्रसाद (मथुरा) अब उन्नाव में डीपीआरओ कार्यरत थे, को निदेशालय से संबद्ध किया है। गोरखपुर में डीपीआरओ रहे राधाकृष्ण भारती इन दिनों सोनभद्र में तैनात थे। उनको भी निदेेशालय में संबद्ध कर दिया गया है। वहीं सहारनपुर में तैनात रहे अमरजीत सिंह को प्रतीक्षारत उप निदेशक बुलंदशहर से निदेशालय भेजा है। वाराणसी में डीपीआरओ रहे अरविंद कुमार सिंह को उपनिदेशक लखनऊ मंडल से हटा दिया गया। तब बाराबंकी में जिला पंचायत अधिकारी चंद्रिका प्रसाद जो अब बरेली में डीपीआरओ थे को भी निदेशालय भेज दिया गया है। अलीगढ़ में डीपीआरओ रही शहनाज अंसारी जो अब कासगंज में तैनात थीे को भी हटाया गया है। प्रतापगढ़ के डीपीआरओ लालजी दुबे जो घोटाले के समय गाजीपुर में तैनात थे को भी निदेशालय से संबद्ध कर दिया गया है।

10 मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई 

मुख्य सचिव लोक भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रगति की समीक्षा कर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को निर्देश दे रहे थे। मुख्य सचिव ने सभी मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को अपने यहां रैन बसेरा का निरीक्षण कर 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट राहत आयुक्त को देने के लिए कहा है। 

मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने आयुष्मान भारत योजना में लापरवाही बरतने वाले 10 मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसमें पात्र लाभार्थियों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए गोल्डन कार्ड बनाने व वितरण कराने आदि कार्यों में लापरवाही बरती गई। जिन सीएमओ के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए उनमें उन्नाव, सुलतानपुर, लखीमपुर खीरी, कानपुर, शाहजहांपुर, अमेठी, गोंडा, बदायूं, कानपुर देहात व बांदा शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

गंगा यात्राओं से पहले निर्मल हो गंगा की धारा

मुख्य सचिव ने जनवरी में बिजनौर से कानपुर व बलिया से कानपुर तक निकलने वाली पांच दिवसीय दो गंगा यात्राओं में निर्मल धारा के लिए सफाई व्यवस्था समय से सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। यह दोनों गंगा यात्राएं प्रदेश के 26 जिलों से गुजरने वाली गंगा नदी के जल एवं सड़क मार्ग से गुजरेगी। 1026 ग्राम पंचायतों से गुजरने वाली दोनों गंगा यात्राओं में संबंधित विभाग सफाई एवं अन्य आवश्यक कार्य के साथ-साथ फलदार पौधे एवं औषधीय पौधे लगाने के कार्य प्राथमिकता से कराएं। इन गांवों में खेल प्रतियोगिताएं भी कराई जाएं। उन्होंने कहा कि दोनों गंगा यात्राओं में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, प्रदेश सरकार के मंत्री, सांसद व विधायक 1026 ग्राम पंचायतों में से किसी ग्राम पंचायत में चार रात विश्राम करेंगे।

सभी छात्र-छात्राओं को उपलब्ध हो स्वेटर

मुख्य सचिव ने बेसिक विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को शत-प्रतिशत स्वेटर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने जिलाधिकारियों को माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा के गैर शासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में छात्रों की संख्या के अनुसार उनकी उपस्थिति आदि की आकस्मिक जांच एक सप्ताह में कराने के निर्देश दिए।

कन्या सुमंगला योजना के लिए पांच जिलों में विशेष अभियान

मुख्य सचिव ने कन्या सुमंगला योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को योजना का लाभ देने में लापरवाही बरतने पर नाराजगी जताई। उन्होंने हमीरपुर, अलीगढ़, जौनपुर, रामपुर एवं आगरा के जिलाधिकारियों को अपने यहां विशेष अभियान चलाकर पात्र लाभार्थियों को योजना का लाभ देने के निर्देश दिए। मथुरा के डीएम ने बताया कि जिला कार्यक्रम अधिकारी मुख्यालय में बैठक होने की सूचना देकर जिले से बाहर हैैं। इस पर मुख्य सचिव ने संबंधित प्रमुख सचिव से कहा कि यदि मुख्यालय स्तर पर कोई विभागीय बैठक आयोजित नहीं की गई है, तो संबंधित डीपीओ के खिलाफ कार्रवाई की जाए।  


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