अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश चुनाव के लिए बनाई रणनीति, भाजपा सरकार से क्षुब्ध
लोकसभा चुनाव के लिए कमर कस रहे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की नजर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के चुनाव पर भी है। मध्य प्रदेश में सपा के प्रत्याशी भी उतारे गए हैं।
लखनऊ (जेएनएन)। लोकसभा चुनाव के लिए कमर कस रहे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की नजर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के चुनाव पर भी है। मध्य प्रदेश में सपा के प्रत्याशी भी उतारे गए हैं। सोमवार देर रात फीरोजाबाद से लखनऊ जाते समय अखिलेश कुछ देर के लिए चचेरे भाई व जिला पंचायत अध्यक्ष अभिषेक यादव के इटावा आवास पहुंचे। यहां मध्य प्रदेश के चुनाव को लेकर एक घंटे तक रणनीति तैयार की। अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर तीखे हमले भी किए और कहा कि यूपी में भाजपा नहीं आरएसएस की सरकार है। वैमनस्य और सांप्रदायिकता को बढ़ावा दिया जा रहा है। कोई सुरक्षित नहीं है। प्रचार तंत्र पर भाजपा का कब्जा है।
चाचा-चाची का लिया पैर छूकर आशीर्वाद
इटावा जिले से लगने वाले आधा दर्जन विधान सभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी भी सौंपी। अभिषेक यादव ने बताया कि वार्ता का मुख्य बिंदु आसपास के जिलों में संगठन की मजबूती के अलावा मध्य प्रदेश चुनाव रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने सीमा से सटी मप्र की तीन विधानसभा सीटों के साथ ही तीन-चार अन्य सीटों पर खास फोकस करने को कहा है। प्रभारी चयन से लेकर अन्य रिपोर्ट देने को भी कहा है। मध्य प्रदेश के जिले से लेकर गांव स्तर तक के कार्यकर्ताओं से मिलने का भी निर्देश दिया गया है। अखिलेश मानते हैं कि लोकसभा चुनाव काफी अहम है और पार्टी को हर हाल में बढ़त हासिल करनी होगी। अखिलेश ने चाचा राजपाल सिंह यादव और चाची प्रेमलता यादव का पैर छूकर आशीर्वाद भी लिया।
यूपी में भाजपा नहीं आरएसएस की सरकार
अखिलेश यादव ने लखनऊ में भाजपा सरकार पर तीखा हमला किया कि प्रदेश में उसकी नहीं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की सरकार है। भाजपा जातियों के बीच नफरत फैलाकर सामाजिक वैमनस्य बढ़ा रही है। साम्प्रदायिकता को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। अखिलेश ने कार्यकर्ताओं से कहा कि राज्य में कोई सुरक्षित नहीं है। बड़े पैमाने पर वसूली की जा रही है। प्रचार तंत्र पर भी भाजपा का कब्जा है। भाजपा सरकार की नीतियों के कारण किसानों और नौजवानों का बहुत अहित हो रहा है। किसानों को खाद, बीज, ईंधन सब महंगा पड़ रहा है।
40 हजार उद्यमी देश छोड़ विदेश गए
किसानों की आय बढ़ाने के लिए समाजवादी सरकार में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के किनारे मंडियों की स्थापना की व्यवस्था की गई थी। बिना मंडियों के किसानों को लाभ नहीं मिल सकता है। भाजपा सरकार ने इस व्यवस्था को ठप्प कर दिया है। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा की गलत आर्थिक नीतियों के चलते 40 हजार उद्योगपति भारत छोड़कर विदेश चले गए हैं। बैंकों को घाटे में पहुंचा दिया है। नोटबंदी से कालाधन पर कहीं रोक नहीं लगी। जीएसटी के कारण बेरोजगारी में वृद्धि हो गई है। देश की अर्थव्यवस्था पर संकट है। समाज में भय और तनाव है। लोग आतंकित हैं। उन्होंने कहा कि तमाम समस्याओं का समाधान गांधीवादी और समाजवादी सोच से ही हो सकता है।