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रंगों से दोस्ती-खुशबू से याराना, बस थोड़ी सी जानकारी और महक उठेगी बगिया

मौसम के हिसाब से लगाएं पौधे और करें देखभाल। फूलों और बागवानों के बीच राजभवन में दो दिवसीय फल शाकभाजी और पुष्प प्रदर्शनी 22 और 23 फरवरी को लगेगी।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sat, 15 Feb 2020 11:29 AM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2020 11:29 AM (IST)
रंगों से दोस्ती-खुशबू से याराना, बस थोड़ी सी जानकारी और महक उठेगी बगिया
रंगों से दोस्ती-खुशबू से याराना, बस थोड़ी सी जानकारी और महक उठेगी बगिया

लखनऊ [रूमा सिन्हा]। मुस्कराते शोख रंगों व अजब- गजब आकार के फूलों का संसार हर किसी को लुभाता है। विविधता इतनी कि प्रकृति के रचयिता की इन अनोखी कृतियों को देख दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर हो जाएं। उस पर इनकी भीनी-भीनी खुशबू मानो किसी परीलोक में पहुंचा देती है। यह कोई ख्वाब नहीं बल्कि हकीकत है। बस जरूरत इस बात की है कि हम एक बार अपने चारों ओर नजर घुमाकर देखें।

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जाड़े का मौसम फूलों के लिए खास है। रंग-बिरंगे फूलों की इस कदर वेरायटी कि किसी को भी रश्क हो जाए। फूलों का राजा कहे जाने वाले गुलाब की किस्मों की बात करें तो लाल, गुलाबी, पीला, बैंगनी, नारंगी गुलाब को छोड़ भी दें तो हरे रंग का गुलाब तक बेहद आकर्षक होता है। मिनी गुलाब हो या बड़े गुलाब, सिंगल गुलाब हो, खुशबूदार गुलाब हो या बेल फूलों के संसार को और समृद्ध बनाती हैं। देशी गुलाब तो सर्दी हो या गर्मी हर मौसम में गार्डन की शोभा बढ़ाते रहते हैं।
 
ऐसे लगाएं फूल
जाड़े में खिलने वाले मौसमी फूलों की तो बात ही निराली है। हालांकि प्रकृति ने गर्मी व बारिश के मौसम में खिलने वाले फूलों की भी अनगिनत किस्मों से नवाजा है। जाड़े के मौसम में लगभग 50-60 किस्म के फूल खिलते हैं। इन फूलों की विविधता देखने लायक होती है। चाहे रंग हों या खूबसूरत आकार, फूलों की छटा देखते ही बनती है। फ्लास्क, आइस फ्लावर, हेलीक्राइसम (पेपर फ्लावर), सेंटेरिया, गजेनिया, स्वीट पी, साल्विया, सिनरेरिया, पैंजी, बर्बिना, कैंडीटफ्ट, एंटीराइनम (डॉग फ्लावर), डायंथस, कार्नेशन, गेंदा, कॉसमॉस, पिटूनिया, सफेद गेंदा जैसे फूल बगीचे की रंगत में चार चांद लगा देते हैं।
 
यह हैं खास फूल
एनबीआरआइ के पूर्व उद्यान प्रभारी डॉ.आरके रॉय बताते हैं कि वैसे तो हर फूल खास होता है, लेकिन कुछ फूलों की पहचान विशेष रूप से है। इनमें एंटीराइनम (ड्रैगन फ्लावर), क्रायोथेमिस (गोल्डन बेल), एल्पीनिया (शेल जिंजर), रैबिट इयर प्लांट, केल, केलिंड्रा (पाउडर पफ ), बेलोपोरॉन (लॉलीपॉप) अपने आकार के लिए विशेष रूप से पसंद किए जाते हैं। इसके अलावा कागज की तरह दिखने वाला हेलीक्राइसम, कुत्ते के मुंह की तरह दिखने वाला एंटीराइनम जिसे डॉग फ्लावर कहते हैं, भी पुष्पप्रेमियों के बीच काफी लोकप्रिय है।
 
गर्मी में भी इसलिए गुलजार रहता है बगीचा
मई-जून की झुलसाती धूप में भी बगीचा फूलों से गुलजार रहता है। तेज धूप में आंखों को शीतलता देने वाला समर साइप्रस जो घास की तरह नजर आता है, शोख रंग के ‘फायर बॉल’ में गेंद की तरह बड़े-बड़े फूल आते हैं, जो तीस से चालीस दिन तक अपनी रंगत बिखेरते रहते हैं। सूरजमुखी (सन फ्लावर) सूरज की चाल से कदम मिलाता है। मनमोहक मुसंडा गुलाबी, सफेद व हल्के पीले रंग में ऐसा प्रतीत होता है मानो फूलों का गुलदस्ता हो। लाल, पीले, नारंगी, सफेद, गुलाबी रंगों के पोचरुलाका को टोकरियों में भी लगाया जा सकता है। फूलों से लदी टोकरियां बालकनी व पोर्च की सुंदरता बढ़ाती हैं।

फूलों की खेती से बदली किस्मत
लखनऊ के आसपास ही करीब 250 हेक्टेयर क्षेत्र में ग्लैडिओलस, गेंदा, जर्बेरा, रजनीगंधा व गुलाब की खेती की जाती है। मैंगो बेल्ट में भी बागवान फूलों की खेती से अतिरिक्त कमाई कर रहे हैं। दरअसल एनबीआरआइ ने ग्लैडिओलस की व्यावसायिक खेती की तकनीक विकसित कर किसानों को अतिरिक्त आय अर्जित करने की राह क्या दिखाई, लखनऊ और आसपास बड़े पैमाने पर फूलों की खेती होने लगी है।
 
अगरबत्ती, गुलाब जल व इत्र ने बनाया आत्मनिर्भर
पूजा में चढ़ाए जाने वाले फूलों से अगरबत्ती व कोन तैयार कर बहुत सी महिलाएं स्वरोजगार से जुड़कर आज आत्मनिर्भर हो चुकी हैं। एनबीआरआइ व सीमैप न केवल अगरबत्ती बल्कि गुलाब जल तैयार करने की ट्रेनिंग देकर आत्मनिर्भर बना रहे हैं। यही नहीं, एनबीआरआइ शुष्क फूल-पत्तियों से सजावटी चीजें व बधाई कार्ड आदि बनाने का प्रशिक्षण देकर लोगों को आत्मनिर्भर बना रहा है।
 
राजभवन में पुष्प प्रदर्शनी के लिए मूल्यांकन आज से
फूलों और बागवानों के बीच राजभवन में दो दिवसीय फल, शाकभाजी और पुष्प प्रदर्शनी 22 और 23 फरवरी को लगेगी। मूल्यांकन का परिणाम राजभवन में प्रदर्शनी के अंतिम दिन 23 फरवरी को घोषित किया जाएगा। आलमबाग के राजकीय उद्यान में 63 श्रेणियों में 224 प्रतिभागियों ने प्रतियोगिता के लिए अपना पंजीयन कराया है। उद्यान अधीक्षक डॉ.जेआर वर्मा ने बताया कि व्यक्तिगत वर्ग के लिए गृह वाटिका और सरकारी उद्यानों का मूल्यांकन शनिवार से शुरू होगा। उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण निदेशक एसबी शर्मा ने बताया कि प्रदर्शनी में गुलाब वाटिका के साथ ही मंडप प्रतियोगिताएं भी होंगी।
 

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