बच्चों को साहित्य से जोड़ेंगी कहानियां, ऑनलाइन मंच पर होगा बच्चों का कहानी पाठ
नवंबर माह के हर शुक्रवार को बच्चों द्वारा मजेदार कहानियां प्रस्तुत की जाएंगी। बच्चों को इसके लिए वरिष्ठों के मार्गदर्शन में कहानी पाठ का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा। इससे उनकी साहित्यिक किताबों से दोस्ती भी होगी और वो साहित्यकारों के बारे में जानेंगे भी।
लखनऊ, जेएनएन। नवंबर माह बच्चों को समर्पित करते हुए कथा रंग ने एक अनूठी पहल की है। अॉनलाइन कहानी पाठ के जरिए बाल और युवा पीढ़ी को साहित्य से जोड़ने का प्रयास होगा। इससे उनकी साहित्यिक किताबों से दोस्ती भी होगी और वो साहित्यकारों के बारे में जानेंगे भी। इस प्रयास के तहत नवंबर माह के हर शुक्रवार को बच्चों द्वारा मजेदार कहानियां प्रस्तुत की जाएंगी। बच्चों को इसके लिए वरिष्ठों के मार्गदर्शन में कहानी पाठ का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा। इस बार नन्ही सृष्टि श्रीवास्तव ने महादेवी वर्मा की मेरा परिवार कृति से गिल्लू कहानी पढ़ी। कहानी के जरिए एक गिलहरी का मनुष्य के प्रति प्रेम का सुंदर चित्रण किया गया। साथ ही पशु-पक्षियों से अपनत्व का भाव रखने की सीख दी गई। वहीं, दूसरी कहानी बिल्ली मौसी एक लोक कथा को नन्हे आद्विक ने उम्दा तरीके से पेश किया। श्रोताओं ने बच्चों के कहानी पढ़ने की कला की सराहना की।
शिक्षक प्रतिभागी, बच्चे निर्णायक
इस दिशा में एक और प्रयास कथा रंग की ओर से किया जा रहा। 17 नवंबर को एक प्रतियोगिता आयोजित की जा रही, जिसमें शिक्षक हिस्सा लेंगे और बच्चे निर्णायक की भूमिका निभाएंगे। बच्चे शिक्षकों के हुनर को आंकेंगे। कथा रंग की अध्यक्ष नूतन वशिष्ठ ने बताया कि बाल दिवस को देखते हुए हम इस बार कुछ अलग करने की कोशिश कर रहे हैं। बच्चों की प्रतिभा और उत्साह अद्भुत है। हमारी कोशिश है कि बच्चे और युवा साहित्य और साहित्यकारों से परिचित हों, पढ़ने की आदत डालें।