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कासगंज की यह बेटी प्रथम आई तो सौतेली मां ने किताब जलाईं

कासगंज की रहने वाली गुलफ्शा अभी 12 साल की। पढ़ाई के लिए कभी प्रोत्साहन नहीं मिला। अच्छे नंबरों से पास होने पर मां का पीठ ठोकना दूर की बात थी। उल्टे वह पढ़ती तो सौतेली मां उस पर जुल्म करती।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sat, 14 May 2016 05:23 PM (IST)Updated: Sun, 15 May 2016 08:09 AM (IST)
कासगंज की यह बेटी प्रथम आई तो सौतेली मां ने किताब जलाईं

लखनऊ। कासगंज की रहने वाली गुलफ्शा अभी 12 साल की। पढ़ाई के लिए कभी प्रोत्साहन नहीं मिला। अच्छे नंबरों से पास होने पर मां का पीठ ठोकना दूर की बात थी। उल्टे वह पढ़ती तो सौतेली मां उस पर जुल्म करती। इसके बाद भी कक्षा पांच की परीक्षा में अव्वल रही। अब उसने कक्षा छह में प्रवेश लिया तो मां ने हद ही कर दी। उसकी किताबें जला डालीं। गुलफ्शा फिर भी हिम्मत नहीं हारी, कल जली हुई किताबें लेकर स्कूल पहुंच गई।

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कासगंज के उच्च प्राथमिक विद्यालय भिटौना में कक्षा छह की छात्रा गुलफ्शा की जिंदगी की तस्वीर में शुरू से ही दर्द रहा। जन्म देने के बाद मां दुनिया छोड़कर गई। पिता नत्थू खां ने दूसरी शादी कर ली और गुड्डो बेगम सौतेली मां बनकर आई। जब गुलफ्शा की पढ़ाई की बारी आई, तो गुड्डो ने जोरदार विरोध किया। पिता की जिद पर किसी तरह स्कूल में नाम लिख गया, लेकिन मां ने कभी सुकून से पढऩे नहीं दिया। पढ़ाई को लेकर उसका उत्पीडऩ करती। उसे बेरहमी से पीटा जाता। सबकुछ सहकर भी छोटी सी बालिका स्कूल जाती रही। धीरे-धीरे उसका दिमाग और ज्ञान निखरता गया। कक्षा पांच की परीक्षा का परिणाम आया तो वह 35 बच्चों वाली कक्षा में प्रथम थी। बेटी की इस उपलब्धि खुश होने की बजाय गुरुवार सुबह मां ने किताबें जला डालीं और उसकी पिटाई भी की। फिर भी हिम्मत दिखा गुलफ्शा अधजली किताबें लेकर शुक्रवार को स्कूल पहुंच गई। वहां शिक्षिकाओं को रोते हुए पूरी बात बताई। शिक्षिकाओं ने उसके घर पहुंच मां से बात कर समझाने का प्रयास किया, तो जवाब मिला, घर का मामला है, वे चली जाएं। बेसिक शिक्षा अधिकारी गीता वर्मा ने बताया कि मामला जानकारी में आया है। बालिका को निगरानी में रखते हुए अभिभावकों को समझाया जाएगा। जिला समन्वयक को भेजकर मां-बाप को उसकी पढ़ाई जारी रखने के लिए तैयार करेंगे। ध्यान रखा जाएगा कि होनहार बच्ची का उत्पीडऩ न हो।


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