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अपना घर समझकर अस्पताल ठीक करें डॉक्टर : सिद्धार्थनाथ

स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने डॉक्टरों से कहा कि जब आपके घर से कुछ नहीं जा रहा, तब आपको तो 110 फीसद खर्च करके सरकार से और रकम मांगनी चाहिए।

By Nawal MishraEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 10:46 PM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 10:46 PM (IST)
अपना घर समझकर अस्पताल ठीक करें डॉक्टर : सिद्धार्थनाथ

लखनऊ (जेएनएन)। स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने डॉक्टरों से सरकारी अस्पतालों की देखभाल और साफ-सफाई का इंतजाम अपने घर की तरह करने की नसीहत दी है। अस्पतालों को दिए जाने वाले धन में से भी केवल 40 फीसद खर्च होने पर सवाल उठाते हुए मंत्री ने डॉक्टरों से कहा कि जब आपके घर से कुछ नहीं जा रहा, तब आपको तो 110 फीसद खर्च करके सरकार से और रकम मांगनी चाहिए। 

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बुधवार को लखनऊ में स्वच्छ भारत अभियान के तहत प्रदेश के जिला अस्पतालों, सीएचसी व पीएचसी को कायाकल्प अवार्ड से पुरस्कृत करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बरेली के जिला अस्पताल में मंगलवार को वह निरीक्षण के लिए पहुंचे तो वहां बच्चों के वार्ड के सामने नाली और गंदगी का बुरा हाल था। एक हफ्ते पहले बरेली के स्वास्थ्य अधिकारियों ने उन्हें नगर आयुक्त द्वारा कार्यवाही न किए जाने की जानकारी दी थी लेकिन, पता करने पर सामने आया कि अस्पताल में हुए निर्माण की वजह से नाली बंद हुई थी। कायाकल्प अवार्ड के लिए प्रदेश की 820 सीएचसी में केवल 189 और 2800 पीएचसी में केवल 389 की दावेदारी पर भी उन्होंने असंतोष जताया। मंत्री ने कहा कि इसके पीछे कहीं न कहीं कुछ कमी आ रही है। 

सिंह ने बताया कि उन्हें एम्स में एंजियोप्लास्टी कराने का सुझाव दिया जा रहा था लेकिन, उन्होंने अपने प्रदेश के डॉक्टरों पर भरोसा किया और लोहिया संस्थान में उपचार कराया। उन्होंने डॉक्टरों को सम्मान बनाये रखने का सुझाव दिया और पैर न छूने की भी नसीहत दी। जिला अस्पतालों तथा सीएचसी व पीएचसी में सुधार का जिम्मा उन्होंने प्रभारी चिकित्साधिकारियों तथा सीएमओ व सीएमएस का ठहराया। आयोजन में मौजूद स्वास्थ्य राज्य मंत्री महेंद्र सिंह ने भी पुरस्कृत इकाइयों को बधाई देते हुए कहा कि तेजी से आ रहे बदलाव का ही नतीजा है कि पहले जहां एक अवार्ड नहीं मिलता था, वहीं इस बार केंद्र से 12 अवार्ड मिले हैैं।

ललितपुर को पहला स्थान

कायाकल्प अवार्ड 2017-18 के तहत ललितपुर के जिला महिला अस्पताल ने जहां पहला स्थान प्राप्त किया है, वहीं लखनऊ के डॉ.राममनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय को दूसरा और लखनऊ के ही रानी लक्ष्मीबाई संयुक्त चिकित्सालय को तीसरा स्थान मिला है। प्रदेश के 37 जिलास्तरीय अस्पतालों के साथ 25 सीएचसी व 54 पीएचसी को विभिन्न श्रेणियों में यह अवार्ड दिया गया है। सीएचसी की श्रेणी में जौनपुर की डोभी सीएचसी पहला, गोरखपुर की पिपराइच सीएचसी को दूसरा स्थान मिला। साथ ही कायाकल्प विषय पर कॉफी टेबल बुक और फैसिलिटी ब्रांडिंग बुक का भी विमोचन किया गया।

योजना में चुने गए 51 अस्पताल

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि विश्व बैंक की योजना के तहत प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों के कायाकल्प का निर्णय लिया गया है। पहले चरण में इसके लिए 51 अस्पतालों को चुना गया है। इसके तहत हॉस्पीटल अपकीप, सैनिटेशन व हाइजिन, वेस्ट मैनेजमेंट, इन्फैक्शन कंट्रोल, सपोर्ट मैनेजमेंट और हाइजिन प्रमोशन के छह बिंदुओं पर 500 अंकों के सापेक्ष तीन चरणों में मूल्यांकन की व्यवस्था की गई है।


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