प्रवासी महिलाओं को पढ़ा रही समृद्धि का पाठ, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से मिला रोजगार
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की ओर दी जा रही ट्रेनिंग समूह से जोड़ कर दिया जाएगा काम।
लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। कोलकाता राजधानी तो सनफ वापस आ गई, लेकिन उनके सामने अब परिवार चलाने की चुनौती थी। चिनहट में चलने वाले एक महिला स्वयं सहायता समूह से वह जुड़ी तो उन्हें न केवल ट्रेनिंग मिली बल्कि अब वह 300-400 रोज कमाई भी करने लगी हैं। पहले से काम कर रही महिलाओं की मदद से अकेले सनफ ही नहीं दिल्ली से अाई प्रीति सिंह, प्रियंका सिंह, शादाब सहित राजधानी में करीब एक हजार प्रवासी महिलाएं अपने हुनर को निखार कर अपनी रोजी रोटी का इंतजाम करने लगी हैं। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन उनकी मदद कर उन्हें हुनरमंद बनाकर रहा है। समूह की महिलाओं की ओर से लगी इस समृद्धि की पाठशाला में महिलाएं जिंदगी जीने का सबक सीख रही हैं।
सूबे में चार लाख प्रावासी महिलाएं
लॉकडाउन में राजधानी समेत प्रदेश में चार लाख प्रवासी महिलाएं वापस आई हैं। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की ओर से उनके स्किल की जांच की गई तो 1,98533 महिलाएं कुशल श्रेणी में पाई गईं जिनको थोड़ा प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ा जा सकता है। बाकी दो लाख महिलाओं को उनके घर के पास चल रहे समूह से जोड़कर रोजगार दिया जाएगा।
सिलाई के साथ सिखाया जाएगा पशुपालन
प्रवासी महिलाओं को सिलाई के साथ ही पशुपालन, खाद्य प्रसंस्करण व खिलौने बनाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। मिशन के प्रवक्ता मनोज कुमार ने बताया कि हर राजधानी के हर ब्लॉक के साथ ही प्रदेश के सभी जिलों में प्रशिक्षण देने का कार्य शुरू हो चुका है। समूह से जुड़कर महिलाएं अपनी आजीविका भी चला पाएंगी। 8
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के निदेशक सुजीत कुमार ने बताया कि बाहर से आए प्रवासी महिलाओं को प्रशिक्षण देने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। राजधानी समेत कई जिलों में वे कमाई भी करने लगी हैं। पहले से काम कर रहीं स्वयं सहायता समूह से जोड़कर उन्हें रोजगार दिया जा रहा है। चार लाख श्रमिकों में करीब दो लाख कुशल हैं। ट्रेनिंग के लिए कई विभागों को जिम्मेदारी दी गई है।