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राज्य कर्मचारियों ने काम ठप कर सीएम योगी को भेजा ज्ञापन, मांगें पूरी नहीं होने पर हड़ताल की चेतावनी

पुरानी पेंशन बहाल करने वेतन समिति की रिपोर्ट जारी करने और वेतन व भत्तों की विसंगति दूर करने सहित कई अन्य मांगें लेकर सड़क पर उतरे राज्य कर्मचारियों ने हड़ताल की चेतावनी दी है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 21 Jan 2020 07:45 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jan 2020 08:17 AM (IST)
राज्य कर्मचारियों ने काम ठप कर सीएम योगी को भेजा ज्ञापन, मांगें पूरी नहीं होने पर हड़ताल की चेतावनी
राज्य कर्मचारियों ने काम ठप कर सीएम योगी को भेजा ज्ञापन, मांगें पूरी नहीं होने पर हड़ताल की चेतावनी

लखनऊ, जेएनएन। पुरानी पेंशन बहाल करने, वेतन समिति की रिपोर्ट जारी करने और वेतन व भत्तों की विसंगति दूर करने सहित कई अन्य मांगें लेकर सड़क पर उतरे राज्य कर्मचारियों ने हड़ताल की चेतावनी दी है। कर्मचारियों ने मंगलवार को मंडल मुख्यालयों पर धरना दिया और मंडलायुक्तों के जरिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भेजे ज्ञापन में सरकार के साथ हुए समझौतों पर अमल करा के कर्मचारियों का उत्पीडऩ बंद कराने की मांग की है।

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राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के आह्वान पर स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, परिवार कल्याण, परिवहन, वाणिज्य कर, कृषि, सिंचाई, शिक्षा व राजस्व सहित एक दर्जन से अधिक विभागों के कर्मचारियों ने मंगलवार को कामकाज ठप कर दिया। परिषद महामंत्री अतुल मिश्र ने बताया कि जिलों के कर्मचारी अपने मंडल मुख्यालय पहुंचे और मंडलायुक्त कार्यालय पर धरना देकर विरोध जताया। लखनऊ में कर्मचारियों ने जीपीओ पर प्रदर्शन किया। परिषद ने आंदोलन में लाखों कर्मचारियों के शामिल होने का दावा किया है। धरने के बाद हुई बैठक में पार्टी पदाधिकारियों ने हड़ताल व आंदोलन के अगले चरण पर फैसला लेने के लिए दो फरवरी को प्रांतीय बैठक बुलाने का निर्णय किया।

परिषद अध्यक्ष सुरेश रावत ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली के लिए 21 नवंबर को सभी जिलों में मशाल जुलूस और 12 दिसंबर को जिलों में धरना दिए जाने के बाद भी सरकार द्वारा अब तक निर्णय न किए जाने से कर्मचारियों में आक्रोश है। परिषद पदाधिकारियों ने केंद्र सरकार द्वारा अधिकांश संवर्गों की वेतन विसंगति दूर किए जाने का हवाला देते हुए प्रदेश में अब तक इस पर काम न होने को लेकर भी असंतोष जताया है। धरने के दौरान सभाओं में भी वक्ताओं ने बताया कि कर्मचारी कोई नहीं मांगें नहीं, बल्कि पुरानी मांगों पर सरकार के साथ हुए समझौते लागू करने की मांग कर रहे हैं।

धरने में कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा, नर्सेज संघ, फार्मासिस्ट फेडरेशन, वन विभाग सांख्यिकी सेवा संघ, वन विभाग मिनिस्टीरियल कर्मचारी संघ, राजकीय निगम कर्मचारी महासंघ, माध्यमिक शिक्षक संघ, सहायक वन कर्मचारी संघ, सिंचाई संघ, राजस्व अधिकारी संघ, ट्यूबवेल टेक्निकल कर्मचारी संघ, वाणिज्य कर मिनिस्टीरियल स्टाफ एसोसिएशन, बेसिक हेल्थ वर्कर एसोसिएशन, मातृ शिशु कल्याण महिला कर्मचारी संघ, एनएचएम कर्मचारी संघ, आप्टोमेट्रिस्ट एसोसिएशन, एक्स-रे टेक्नीशियन एसोसिएशन, समाज कल्याण मिनिस्टीरियल एसोसिएशन व विकास प्राधिकरण संघ के पदाधिकारी व सदस्य मौजूद थे।


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