उत्तर प्रदेश में छह महीने के लिए हड़ताल पर रोक लगाने से कर्मचारी संगठनों ने जताया विरोध
उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा राज्य में छह महीने के लिए हड़ताल पर रोक लगाने से तमाम कर्मचारी संगठन नाराज हैं जो कि अपना विरोध भी जता चुके हैं।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा राज्य में छह महीने के लिए हड़ताल पर रोक लगाने से तमाम कर्मचारी संगठन नाराज हैं, जो कि अपना विरोध भी जता चुके हैं। प्रदेश में कोरोना संकट को देखते हुए राज्य सरकार ने अगले छह महीने तक के लिए हड़ताल पर रोक लगा दी है। कोई भी अधिकारी व कर्मचारी संगठन अपनी मांगों को लेकर हड़ताल नहीं कर सकेगा। माना जा रहा है कि सरकार ने यह फैसला भत्तों में कटौती के बाद कुछ कर्मचारी संगठनों के आक्रोश और आंदोलन की चेतावनी के मद्देनजर लिया है।
उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने प्रदेश सरकार द्वारा एस्मा लगाने का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि अभी तक सरकार एस्मा तभी लगाती थी जब कर्मचारी संगठन हड़ताल का नोटिस देते थे। अभी किसी ने भी हड़ताल का नोटिस नहीं दिया है। अपर मुख्य सचिव वित्त ने सरकार को भ्रमित करके भत्तों की कटौती कर दी है। बचत के आंकड़े बढ़ा-चढ़ाकर दिखाए हैं। इन अनावश्यक कटौती पर सांकेतिक विरोध किया जा रहा था।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के उपाध्यक्ष सुनील यादव ने कहा कि यह कदम कर्मचारी विरोधी और संविधान की मूल भावना के विपरीत है। कोरोना महामारी के बीच कर्मचारी पूरी ईमानदारी से काम कर रहा है। उसके भत्ते खत्म कर दिए गए। विरोध किया तो हड़ताल पर छह महीने की रोक लगा दी गई। वहीं, महामंत्री अतुल मिश्रा ने कहा जिस तरह आंदोलन पर रोक लगाई जा रही है, इससे साफ है कि आगे कर्मचारियों का और नुकसान किया जा सकता है। उधर, जवाहर भवन-इंदिरा भवन महासंघ के महामंत्री सुशील कुमार बच्चा ने भी हड़ताल पर रोक लगाने की निंदा की है। कहा कि यह फैसला कर्मचारियों का मनोबल तोड़ने वाला है।
यूपी में छह माह तक हड़ताल पर रोक
बता दें कि उत्तर प्रदेश में कोरोना संकट को देखते हुए राज्य सरकार ने अगले छह महीने तक के लिए हड़ताल पर रोक लगा दी है। इस संबंध में कार्मिक विभाग के अपर मुख्य सचिव मुकुल सिंहल ने शुक्रवार को अधिसूचना भी जारी कर दी। उत्तर प्रदेश अत्यावश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम, 1966 की धारा तीन की उपधारा एक के अधीन शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्यपाल ने छह माह की अवधि के लिए हड़ताल पर प्रतिबंध लगाया है। इसके दायरे में उत्तर प्रदेश राज्य के कार्य-कलापों से संबंधित किसी लोक सेवा, राज्य सरकार के स्वामित्वाधीन या नियंत्रणाधीन किसी निगम के अधीन किसी सेवा तथा किसी स्थानीय प्राधिकरण के अधीन सेवा में हड़ताल नहीं की जा सकेगी।
भत्तों की कटौती से तमाम कर्मचारी संगठन नाराज
कोरोना के मद्देनजर वित्तीय संकट को देखते हुए बीते दिनों राज्य सरकार ने कुछ कड़े फैसले किए हैं। इसके तहत अधिकारियों-कर्मचारियों को दिए जाने वाले विभिन्न भत्तों आदि में कटौती कर दी गई है जिस पर तमाम कर्मचारी संगठन नाराज हैं। कुछ संगठनों ने बैठक कर इस पर सरकार के प्रति रोष भी जताया था और धरना-प्रदर्शन और हड़ताल की भी चेतावनी दी थी। इसे देखते हुए ही यह कदम उठाया गया।