UP Cabinet Decision: रक्षा-एयरोस्पेस क्षेत्र में स्टार्टअप और एमएसएमई इकाइयों को भी मिलेगा प्रोत्साहन
स्टार्टअप और एमएसएमई इकाइयों को नीति के तहत लाभ देने के लिए शर्तें तय की गई हैं। कंपनी को आवंटित भूमि का उपयोग रक्षा व एयरोस्पेस क्षेत्र से जुड़ी सामग्री की आपूर्ति के लिए करना होगा और उत्पादन शुरू होने पर उसे इसका साक्ष्य देना होगा।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश रक्षा तथा एयरोस्पेस इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति में संशोधन का फैसला करते हुए इस क्षेत्र में पहली बार काम करने वाली स्टार्टअप और एमएसएमई इकाइयों को भी नीति के तहत लाभ देने का फैसला किया है। यूपी सरकार के इस फैसले से डिफेंस कॉरिडोर में स्टार्टअप और छोटी इकाइयों को निवेश के लिए बढ़ावा मिलेगा। इससे डिफेंस कॉरिडोर में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। इस बाबत औद्योगिक विकास विभाग के प्रस्ताव को शुक्रवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दे दी गई।
स्टार्टअप और एमएसएमई इकाइयों को नीति के तहत लाभ देने के लिए शर्तें तय की गई हैं। कंपनी को आवंटित भूमि का उपयोग केवल नीति के अंदर परिभाषित रक्षा व एयरोस्पेस क्षेत्र से जुड़ी सामग्री की आपूर्ति के लिए करना होगा और उत्पादन शुरू होने पर उसे इसका साक्ष्य देना होगा। ऐसा न करने पर भूमि का आवंटन या पट्टा निरस्त कर दिया जाएगा।
यदि कोई स्टार्टअप या एमएसएमई इकाई नीति के तहत उत्पादन शुरू करने से पहले स्टांप ड्यूटी से छूट जैसे कोई अन्य लाभ प्राप्त करती है तो उसके बराबर धनराशि की बैंक गारंटी देने के बाद ही ऐसे लाभ प्रदान किये जाएं। यदि इकाई नीति से संबंधित सामग्री की आपूर्ति करने में विफल रहती है तो दिए गए लाभ को वापस लेने के लिए उसक बैंक गारंटी को राज्य सरकार के पक्ष में जब्त कर लिया जाएगा।
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