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NHM Recruitment 2022: यूपी के सरकारी अस्पतालों में स्टाफ नर्स और एएनएम के 8,037 खाली पदों पर होगी भर्ती

UP Latest News उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्टाफ नर्स व स्वास्थ्य कार्यकर्ता (महिला) यानी एएनएम के खाली 8037 पदों को जल्द भरा जाए। भर्ती प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती जाए।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 27 Jun 2022 07:41 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jun 2022 07:41 PM (IST)
NHM Recruitment 2022: यूपी के सरकारी अस्पतालों में स्टाफ नर्स और एएनएम के 8,037 खाली पदों पर होगी भर्ती
UP Latest News: एनएचएम गवर्निंग बाडी की बैठक में दिए सुधार के निर्देश।

NHM Recruitment 2022: लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं में लगातार सुधार कर रही है। इसी कड़ी में अस्पतालों में कर्मचारियों की कमी को भी पूरा किया जा रहा है। राज्य में विभिन्न अस्पतालों में स्टाफ नर्स और महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता यानी आग्जिलरी नर्स मिडवाइफरी (एएनएम) के 8,037 पदों भर्ती की तैयारी है।

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राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की गवर्निंग बाडी की सोमवार को बैठक मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की अध्यक्षता में हुई। बैठक में उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रत्येक मरीज को बेहतर स्वास्थ्य सुविधांए उपलब्ध कराईं जाएं। संसाधनों का बेहतर ढंग से उपयोग किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्टाफ नर्स व स्वास्थ्य कार्यकर्ता (महिला) यानी एएनएम के खाली 8,037 पदों को जल्द भरा जाए। भर्ती प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती जाए।

गवर्निंग बाडी की बैठक में अधिकारियों ने मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा को बताया कि एनएचएम के तहत संविदा पर स्टाफ नर्स, कम्युनिटी हेल्थ वर्कर, एएनएम और नर्सिंग स्टाफ के कुल 58,746 पदों में से 46,197 पद संविदा कर्मियों के माध्यम से भरे गए हैं। मुख्य सचिव ने अस्पतालों में आ रहे मरीजों को अच्छी सुविधाएं मिल रहीं हैं या नहीं इसके लिए मरीजों का फीड बैक लिया जाए।

उन्होंने सभी अस्पतालों में सर्वे कर मरीजों से फीडबैक लेने के निर्देश दिए। एनएचएम द्वारा कोविड काल में भर्ती किए गए संविदा स्वास्थ्य कर्मियों को स्थाई पदों पर भर्ती में वरीयता देने और कुछ अंक निर्धारित करने का प्रस्ताव रखा गया। फिलहाल इस मुद्दे पर मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) के माध्यम से जांच कराने पर सहमति बनी, ताकि आगे किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो।


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