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National Doctors Day 2020: ये हैं धरती के भगवान, नौकरी और रिटायरमेंट के बाद भी निभा रहे हैं फर्ज

नौकरी के साथ साथ समय निकालकर समाज सेवा कर रहे हैं डॉक्टर नेशनल डॉक्टर्स डे पर विशेष स्टोरी।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 08:26 AM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 03:23 PM (IST)
National Doctors Day 2020: ये हैं धरती के भगवान, नौकरी और रिटायरमेंट के बाद भी निभा रहे हैं फर्ज

लखनऊ, जेएनएन। भगवान के बाद धरती पर अगर किसी को भगवान का दर्जा दिया जाता है तो वह हैं डॉक्टर। जिनमें बहुत से ऐसे भी हैं जो न केवल अस्पताल के भीतर बल्कि उसके बाहर भी समाज की सेवा कर रहे हैं। कुछ इलाज सहित फ्री दवाएं बांट रहे हैं, तो कुछ समाज में सेहत के प्रति लोगों में जागरूकता फैला रहे हैं। कुछ नौकरी करते हुए तो कुछ रिटायरमेंट के बाद समाज सेवा कर अपना फर्ज निभा रहे हैं। एक जुलाई को नेशनल डॉक्टर डे पर शहर के कुछ ऐसे ही डॉक्टरों के समाज सेवा से जुड़े पहलुओं पर कुसुम भारती की रिपोर्ट...

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डॉक्टर से पहले अच्छा इंसान बनें : 

केजीएमयू में दंत रोग विभागाध्यक्ष डॉ. असीम टिक्कू कहते हैं, जो अच्छा इंसान होगा वह एक अच्छा डॉक्टर भी जरूर होगा क्योंकि डॉक्टरी पेशे में इंसानियत बहुत जरूरी है। यही मैं अपने स्टूडेंट्स को भी समझाता हूं। मुझे याद है, करीब 20 साल पहले सर्दियों के दिन थे। मैं कॉलविन तालुकेदार कॉलेज से मैच खेलकर लौट रहा था। वहां एक महिला निर्वस्त्र अवस्था में खुद को छिपाने की कोशिश कर रही थी। लोग उसे देखते हुए गुजर रहे थे मगर कोई उसकी पीड़ा नहीं समझ रहा था। मैंने अपना स्वेटर उतारकर उसे दिया। जिसे उसने तुरंत पहना और वहां से चली गई। हालांकि वह स्वेटर मैंने लंदन से मंगाया था और मेरा फेवरिट था। मगर जब मैंने उसे वह दिया तो एक अलग तरह का सुख महसूस किया। इस घटना के बाद यही सीखा कि जो सुख बांटने में है, वह संचय करने में नहीं है। अब तक ओरल हाइजीन की दिशा में हजारों बच्चों व बड़ों को जागरूक करने के साथ ही टूथपेस्ट भी बांट चुका हूं। भविष्य में वंचित व निर्बल आय वर्ग के बच्चों को शिक्षित करूंंगा।

किशोरियों को कर रही जागरुक 

क्वीनमेरी अस्पताल की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ प्रो रेखा सचान समय समय पर ग्रामीण महिलाओं को स्त्री रोग के प्रति जागरुक करती रहती हैं। जिसमें महिलाओं को पीरयड की अनियमितता, ब्रेस्ट कैंसर, बच्चेदानी के कैंसर आदि के बारे में जानकारी देती हैं। खास तौर पर किशोरियों को मैंस्ट्रुअल हाइजीन के बारे में जानकारी देती हैं। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा किशोरावस्था में स्त्री रोगों के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी होता है। 

 फ़्री बांट रहे कोरोना की दवा : 

केंद्रीय होम्योपैथिक परिषद के पूर्व सदस्य व  होम्योपैथी चिकित्सक डॉ.  अनुरूद्ध वर्मा कहते हैं, समाज सेवा का भाव कॉलेज के समय से ही था जो आज भी बरकरार है। कोरोना काल में अब तक हजारों लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाव की होम्योपैथिक दवाएं फ्री बांट चुका हूं। समाज सेवा की प्रेरणा मां व पिताजी से मिली है।

हर महीने ग्रुप में करते हैं सोशल एक्टीविटी:

क्वीन मेरी में प्रोफेसर व गाइनोकोलॉजिस्ट डॉ. पुष्पलता शंखवार कहती हैं, हमारा करीब 15 लोगों का फ्रेंड ग्रुप है, जो पिछले 10 सालों से समाज-सेवा कर रहा है। ग्रुप में डॉक्टरों  के अलावा दूसरी फील्ड के लोग भी शामिल हैं। हम सब आपस में कंट्रीब्यूट करके हर महीने रविवार के दिन गांवों और स्लम एरिया में जाकर लोगों की मदद करते हैं। राशन, कपड़े, फल के अलावा बच्चों को स्टेशनरी आदि बांटते हैं। लॉकडाउन के दौरान गोसाईंगंज में सपेरा गांव के लोगों को राशन व जरूरत का सामान पहुंचाया। समाज सेवा की प्रेरणा मुझे अपने पेरेंट से मिली।

 

महिलाओं को कैंसर के प्रति कर रहे जागरूक :

केजीएमयू के क्वीन मेरी में प्रोफेसर व स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. उमा सिंह कहती हैं, 1995 से डॉक्टरी पेशे में हूं। अक्सर लोगों की मदद करती रहती थी। मगर पिछले चार सालों से बड़े स्तर पर महिलाओं में कैंसर समस्या पर काम कर रही हूं। सर्विक्स, ब्रेस्ट व अन्य कैंसर के प्रति महिलाओं व किशोरियों को जागरूक करने के लिए सोशल एक्टिविटी प्रोग्राम करती हूं। मेरे साथ कई और डॉक्टर भी हैं। हमने लखनऊ के बाहर एक गांव भी गोद लिया है, जहां कैंसर, हाइजीन सहित शिक्षा के प्रति जागरूक करने का काम कर रहे हैं। गांव में पहले से बहुत सुधार आया है।


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