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उत्तर प्रदेश में रोगों की रोकथाम के लिए आज से तीन दिन तक चलेगा विशेष स्वच्छता अभियान

कोविड-19 एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम के लिए उत्तर प्रदेश में शुक्रवार से तीन दिवसीय विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 10 Jul 2020 03:15 AM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 03:15 AM (IST)
उत्तर प्रदेश में रोगों की रोकथाम के लिए आज से तीन दिन तक चलेगा विशेष स्वच्छता अभियान

लखनऊ, जेएनएन। कोविड-19 और अन्य वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम के लिए उत्तर प्रदेश में शुक्रवार से तीन दिवसीय विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने सभी जिलाधिकारियों को इसके निर्देश भेज दिए हैं। यह अभियान 10, 11 एवं 12 जुलाई को संचालित किया जाएगा।

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अभियान की निगरानी शहरी क्षेत्रों में स्थानीय निकाय निदेशक तथा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के मिशन निदेशक करेंगे। अभियान के लिए नगरीय निकायों में नगर आयुक्तों व अधिशासी अधिकारियों से वार्ड आधारित कार्य योजना बनाकर सफाई व फॉगिग कराने को कहा गया है। साथ ही जल भराव न होने देने के लिए आवश्यक कदम उठाने और एंटी लार्वा का स्प्रे कराने के निर्देश दिए गए। मुख्य सचिव द्वारा सभी जिलाधिकारियों व नगर आयुक्तों को जारी पत्र में प्रत्येक वार्ड से ठोस अपशिष्ट को तत्काल प्रोसेसिंग प्लांट/डम्पिंग स्थल पर पहुंचाने और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक राजस्व ग्राम व मजरे में सफाई कराने को कहा गया।

मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि जिला पंचायत राज अधिकारी व सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) के माध्यम से यह सुनिश्चित कराया जाए कि सफाई कर्मी अपनी तैनाती के पंचायतों में सफाई तथा फॉङ्क्षगग कार्य पूर्ण करें। इस अवधि में आवश्यक हो तो ग्राम पंचायत द्वारा अन्य कर्मियों को लगाकर यह कार्य कराया जा सकता है। मुख्य सचिव ने कहा कि वर्षाकाल में सामान्य रूप से डेंगू, चिकनगुनिया, जापानी इंसेफ्लाइटिस, एईएस एवं अन्य संक्रामक बीमारियों में अक्सर वृद्धि होती है।

इन बीमारियों का कोविड-19 के साथ प्रभाव अत्यंत हानिकारिक हो सकता है। इसलिए आवश्यक है कि इस तरह की वेक्टर जनित बीमारी पूर्णतया नियंत्रण में रहें। स्वच्छता व सैनिटाइजेशन की व्यवस्था तथा शुद्ध पेयजल की उपलब्धता इन संक्रामक बीमारियों पर प्रभावी नियंत्रण में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अभियान के दौरान लोगों को जागरूक किया जाए कि गहरे हैंडपंप (इण्डिया मार्क-2) के पानी का ही इस्तेमाल करें तथा उथले हैंडपंप के जल को उबालकर या आवश्यकतानुसार क्लोरीनेशन कर ही इस्तेमाल करें।


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