UP: दिव्यांग छात्र छात्राओं को समर्थ बनाने के लिए तैयार किया गया खास प्लान, आनलाइन थेरेपी पोर्टल व मोबाइल एप जैसी कई सुविधाएं
बेसिक शिक्षा विभाग ने दिव्यांग बच्चों के लिए पोर्टल व मोबाइल एप तैयार किया है। इसी के माध्यम से बच्चों की ट्रैकिंग के साथ उनको कई सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी। बच्चों को आनलाइन थेरेपी की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले दिव्यांग छात्र-छात्राओं को हर तरीके से समर्थ बनाए जाएंगे। ऐसे बच्चों का विद्यालयों में नामांकन कराने के साथ ही दृष्टि, वाक और बौद्धिक दिव्यांगों को पढ़ाने की शैक्षिक योजना भी तैयार की गई है। इतना ही नहीं अस्थि दिव्यांग बच्चों की फीजियोथेरेपी के लिए भी आनलाइन थेरेपी प्लान तैयार किए जा रहे हैं।
सूबे में छह से 14 वर्ष तक के सभी दिव्यांग बच्चों को गुणवत्तापरक समावेशी शिक्षा देने के लिए विविध प्रयोग किए जा रहे हैं। ऐसे बच्चों का चिन्हांकन, नामांकन व आनलाइन ट्रैकिंग के लिए राज्य परियोजना कार्यालय ने समर्थ मोबाइल एप व पोर्टल विकसित किया है। इस एप व पोर्टल पर 252975 दिव्यांग बच्चों का पूरा विवरण दिया गया है।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने बताया कि इस एप की सहायता से स्पेशल एजूकेटर्स ने बच्चों का चिन्हांकन करके नामांकन करा रहे हैं। इसी एप के डाटाबेस का विश्लेषण करके दिव्यांग बच्चों को उपकरण, ब्रेल पाठ्य पुस्तकें, वर्कशीट, मेडिकल बोर्ड की ओर से दिव्यांगता प्रमाणपत्र, बालिकाओं को स्टाईपेंड आदि मुहैया कराए जा रहे हैं। महानिदेशक ने बताया कि दिव्यांग छात्र-छात्राओं की गतिविधियों की आनलाइन ट्रैकिंग के लिए परिषदीय स्कूलों के प्रधानाध्यापक, नोडल शिक्षक, खंड शिक्षा अधिकारियों, जिला समन्वयक समेकित शिक्षा और बेसिक शिक्षा अधिकारी कर सकते हैं उन्हें इसका एक्सेस दिया गया है।
समग्र शिक्षा के तहत कक्षा एक से तीन तक के छात्र-छात्राओं के लिए हिंदी व गणित विषय पर 720 तरह की वर्कशीट तैयार की गई है और 86295 बच्चों को वितरित की गई है। इसी तरह से उपकरण, दिव्यांगता प्रमाणपत्र और ब्रेल पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराई गई हैं। उन्होंने बताया कि कक्षा एक से आठ तक दिव्यांग बालिकाओं को 200 प्रतिमाह की दर से 10 माह का दो हजार रुपये स्टाइपेंड डीबीटी के माध्यम से दिया गया है।