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दृष्टिहीन बच्चों के लिए लखनऊ में खुलेगा विशेष गृह

डॉक्टर व नर्स से लेकर सभी प्रकार की सुविधाएं रहेंगी मौजूद, ट्रिपल-पी मॉडल पर संचालित होगा 100 बेड का गृह

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Jul 2018 10:18 AM (IST)Updated: Sat, 21 Jul 2018 10:18 AM (IST)
दृष्टिहीन बच्चों के लिए लखनऊ में खुलेगा विशेष गृह
दृष्टिहीन बच्चों के लिए लखनऊ में खुलेगा विशेष गृह

लखनऊ (शोभित श्रीवास्तव)। प्रदेश सरकार दृष्टिहीन बच्चों के लिए राजधानी लखनऊ में विशेष गृह खोलने जा रही है। इसमें डॉक्टर व नर्स से लेकर विशेष शिक्षक सहित अन्य सभी प्रकार की सुविधाएं मौजूद रहेंगी। इसे ट्रिपल-पी मॉडल पर संचालित किया जाएगा। यानि भवन व इंफ्रास्ट्रक्चर सरकार का रहेगा जबकि इसका संचालन किसी प्रोफेशनल निजी संस्था को दिया जाएगा। महिला कल्याण विभाग देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों के लिए राजकीय बाल गृह संचालित करता है। इस समय प्रदेश में 24 गृह संचालित हो रहे हैं। इन गृहों में विशेष आवश्यकता वाले बच्चे भी रहते हैं। दृष्टिहीन, मूक-बधिर व मानसिक रूप से कमजोर बच्चों की जरूरतें अन्य बच्चों की तुलना में अलग होती हैं। सामान्य बच्चों के साथ इन्हें रखने में इन पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित नहीं हो पाता है। इसलिए सरकार इनके लिए अलग-अलग विशेष गृह बनाने जा रही है। ऐसे बच्चों की देखरेख भी वही कर सकते हैं जो इनके बारे में समझते हैं। इनको पढ़ाने के लिए भी विशेष शिक्षकों के साथ ही अलग विधा की जरूरत होती है। महिला कल्याण विभाग के विशेष गृह में इन सारी बातों का ख्याल रखा जाएगा। दृष्टिहीनों के लिए ट्रिपल-पी मॉडल पर बनने वाले गृह के संचालन के लिए जल्द ही सरकार टेंडर आमंत्रित करने जा रही है। महिला कल्याण विभाग के निदेशक पुनीत मिश्र ने बताया कि यह विशेष गृह लखनऊ के मोहान रोड पर बनाया जाएगा। वहां पर पहले से मानसिक मंदित बच्चों के लिए भी एक विशेष गृह पहले से चल रहा है। यहीं पर दृष्टिहीन बच्चों के लिए भी विशेष गृह संचालित किया जाएगा। इसमें केवल यही बच्चे रहेंगे। इनकी जरूरतों का सारा इंतजाम यहां किया जाएगा। दृष्टिहीन बच्चों को मिलेगा अनुकूल माहौल

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बाल मनोविज्ञान व विशेष शिक्षा के क्षेत्र में किए गए शोध से यह बात सामने आई है कि यदि दृष्टिहीन बच्चों को बिना कड़े नियम व प्रतिबंधों के माहौल में रखा जाता है तो वे ज्यादा बेहतर ढंग से बढ़ते हैं। उनका आत्म विश्वास भी दूसरे दृष्टिहीन बच्चों की तुलना में ज्यादा होता है। विशेषज्ञों द्वारा दी जाने वाली विशेष शिक्षा के जरिए ही ये बच्चे अपने आस-पास की चीजों को जानते हैं। छोटे-छोटे अनुभवों को महसूस कर यह अपने लिए सामान्य जिंदगी बनाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए यह विशेष गृह संचालित किए जाएंगे।


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