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लखनऊ में साढ़े छह किलोमीटर की सियासी सैर ने दी सपा को 'आक्सीजन', ब्राह्मणों को हमराही बनने का न्योता

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपनी साइकिल लेकर विक्रमादित्य मार्ग से निकले तो उसके पहले सियासी मौसम भांपा जातीय समीकरणों के लिहाज से शगुन भी देखा। इन दिनों कसरत ब्राह्मण वोट को लेकर है इसलिए समाजवादी आंदोलन के लिए पंडित जनेश्वर मिश्र की जयंती को चुना जो गुरुवार को थी।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 05 Aug 2021 09:53 PM (IST)Updated: Thu, 05 Aug 2021 09:54 PM (IST)
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ के लोहिया पथ पर साढ़े छह किलोमीटर साइकिल यात्रा निकाली।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। सत्ता के ट्रैक पर खूब रफ्तार से दौड़ी समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की साइकिल का हैंडल अब अखिलेश यादव के हाथ में है। खुद ही राह के रोड़े हटाने हैं और साइकिल भी चलानी है। निस्संदेह डगर चुनौती भरी है तो अखिलेश का 'पालिटिकल स्टेमिना' भी कम नहीं। भाजपा के चौड़े विजय रथ के किनारे से लोकभवन तक साइकिल पहुंचाने के लिए संगठन कितना पैडल मार सकता है, यह गुरुवार को साइकिल यात्रा में दिखा। मंत्रोच्चार से ब्राह्मणों को हमराही बनाने के न्योते के साथ सांसद आजम खां के सहारे मुस्लिमों के लिए पसीना बहाकर वोटबैंक का अच्छा संतुलन भी सपा मुखिया ने दिखाया।

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पांच महीने बाद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपनी साइकिल लेकर विक्रमादित्य मार्ग से निकले तो उसके पहले सियासी मौसम भांपा, जातीय समीकरणों के लिहाज से शगुन भी देखा। यादव वोट बैंक पर भरोसा है और इन दिनों कसरत ब्राह्मण वोट को लेकर है, इसलिए समाजवादी आंदोलन के लिए पंडित जनेश्वर मिश्र की जयंती को चुना, जो गुरुवार को थी। फिर समाजवादी आंदोलन के प्रणेता लोहिया के पथ को पकड़ा और जनेश्वर मिश्र पार्क तक पहुंचे। डेढ़ घंटे में पूरी की गई साढ़े छह किलोमीटर की इस साइकिल यात्रा का मकसद संगठन की ताकत दिखाने के साथ ही सत्ता की राह बनाना था।

अपने परंपरागत वोट बैंक यादव व मुस्लिम को सहेजने के साथ ही अखिलेश ब्राह्मण समाज को भी जोड़ने की भरपूर जुगत में दिखे। जेपीएनआइसी गेट के सामने ब्राह्मणों ने वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच अखिलेश का स्वागत किया और उन्हें राधा कृष्ण की प्रतिमा भेंट की, जिसका संदेश स्पष्ट था। साइकिल यात्रा में एक बार फिर वरिष्ठ नेता आजम खां का भी मुद्दा शामिल किया गया।

भाजपा से जनता नाराज, सपा की आएंगी 400 सीटें : साइकिल यात्रा से पहले अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार को हर मोर्चे पर नाकाम बताया। उन्होंने कहा कि अभी तक तो हम 350 सीट जीतने की बात करते थे, लेकिन प्रदेश की जनता की भाजपा से नाराजगी को देखकर अब लगता है कि सपा आगामी विधानसभा चुनाव में 400 सीटें जीत लेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग 'मेनिफेस्टो' नहीं, 'मनीफेस्टो' बनाते हैं।

योगी को नहीं आता लैपटाप चलाना : अखिलेश ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को लैपटाप चलाना नहीं आता है, इसलिए उन्होंने लैपटाप नहीं बांटा। मुख्यमंत्री योगी के बयान- 'जो जय श्रीराम नहीं बोलता मुझे उसके डीएनए पर थोड़ा शक है', पर अखिलेश ने कहा कि मुख्यमंत्री को डीएनए के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्हें डीएनए का फुल फार्म भी नहीं पता होगा।

बदल देंगे सरकार : सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी व पूर्व सांसद डिंपल यादव ने गुरुवार को कन्नौज में तिर्वा से साइकिल यात्रा को रवाना करते हुए कहा कि जो सरकार महिलाओं को सम्मान और युवाओं को रोजगार न दे सके, उसे हमें बदलना है।


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