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UP Politics: चुनावी बाजी हारे तो दिल जीतने आजमगढ़ चले अखिलेश, रमाकांत यादव से मिलने जाएंगे जेल

UP Political News उपचुनाव में मिली हार से सीख लेते हुए अखिलेश वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए नए सिरे से समीकरण दुरुस्त करने में जुट गए हैं। वह आजमगढ़ के बाहुबली विधायक रमाकांत यादव से मिलने आजमगढ़ जेल जा रहे हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sat, 20 Aug 2022 06:00 AM (IST)Updated: Sat, 20 Aug 2022 07:13 AM (IST)
UP Politics: चुनावी बाजी हारे तो दिल जीतने आजमगढ़ चले अखिलेश, रमाकांत यादव से मिलने जाएंगे जेल
UP Politics: लोकसभा उपचुनाव में बिखरे यादव-मुस्लिम गठजोड़ को फिर समेटने की जुगत।

UP News: लखनऊ [शोभित श्रीवास्तव]। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) 23 अगस्त को बाहुबली विधायक रमाकांत यादव (Ramakant Yadav) से मिलने आजमगढ़ जेल (Azamgarh Jail) जा रहे हैं। प्रत्यक्ष रूप से यह सूचना भर है, लेकिन इसके पीछे कई संदेश हैं और वोटबैंक की राजनीति (Vote Bank Politics) की पूरी कहानी है।

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लगभग दो वर्ष तक जेल में रहे पार्टी के कद्दावर नेता आजम खां के प्रति बेरुखी के बाद हुई फजीहत से सपा अध्यक्ष ने सबक लिया है और जिस क्षेत्र को कन्नौज और मैनपुरी जैसा किला वह माने बैठे थे, वहां लोकसभा उपचुनाव में यादव-मुस्लिम गठजोड़ को उधड़ते देख चुके हैं।

संकेत स्पष्ट है कि चुनावी बाजी हारने के बाद अखिलेश अब दिल जीतने के लिए आजमगढ़ की ओर चल पड़े हैं। आजमगढ़ में 22 प्रतिशत यादव व 18 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं। यादव के अलावा अन्य पिछड़ा वर्ग के भी 18 प्रतिशत मतदाता हैं। दलित वोट भी यहां करीब 20 प्रतिशत है।

ऐसे में सिर्फ यादव व मुस्लिम मतदाता मिलकर ही 40 प्रतिशत हो जाते हैं। यही कारण है कि वर्ष 2014 में मुलायम सिंह यादव यहां से सांसद बने थे, जबकि 2019 के चुनाव में अखिलेश यादव यहां से सांसद चुने गए। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद यहां भाजपा को केवल एक सीट से संतोष करना पड़ा था।

वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में आजमगढ़ की सभी 10 सीटें जीतने वाली सपा अखिलेश के इस्तीफे से खाली हुई लोकसभा सीट उपचुनाव में नहीं बचा पाई थी। करहल विधानसभा चुनाव जीतने के बाद अखिलेश ने आजमगढ़ संसदीय सीट से इस्तीफा दे दिया था।

आजमगढ़ उपचुनाव के प्रचार में भाजपा से योगी आदित्यनाथ से लेकर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और तमाम मंत्री व विधायक जुटे थे। वहीं, अखिलेश यादव आजमगढ़ सीट को लेकर इस कदर अति आत्मविश्वास में थे कि वे उपचुनाव में प्रचार करने तक नहीं गए।

सपा ने यहां का टिकट भी नामांकन के अंतिम दिन फाइनल किया और धर्मेंद्र यादव को मैदान में उतारा लेकिन बसपा उम्मीदवार शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने सपा के मुस्लिम वोटों में सेंधमारी कर साइकिल पंचर कर दी और परिणाम भाजपा के पक्ष में चला गया।

उपचुनाव में मिली हार से सीख लेते हुए अखिलेश वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए नए सिरे से समीकरण दुरुस्त करने में जुट गए हैं। आजम खां जब जेल में बंद थे तो उनसे मिलने न जाने पर अखिलेश की काफी खिंचाई हुई थी। आजम के समर्थकों व चाचा शिवपाल यादव ने भी उन्हें आड़े हाथों लिया था।

अखिलेश इस बार कोई चूक नहीं करना चाहते हैं। यही वजह है कि आजमगढ़ के बाहुबली विधायक रमाकांत यादव से मिलने आजमगढ़ जेल जा रहे हैं। जहरीली शराब कांड में रमाकांत इन दिनों आजमगढ़ जेल में बंद हैं। पहले अखिलेश को यहां 20 अगस्त को पहुंचना था, किंतु अब वे 23 अगस्त को आजमगढ़ पहुंचेंगे।

यहां अखिलेश पार्टी के कई यादव व मुस्लिम नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। अखिलेश यह संदेश देने की कोशिश करेंगे कि यादव व मुस्लिम यदि बंट गए तो उसका फायदा भाजपा को उपचुनाव की तरह हो जाएगा।


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