बजट सत्र के दौरान सपा विधायकों ने नहीं चलने दी विधानसभा, करते रहे नारेबाजी
अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने कई बार चेतावनी भरे अंदाज में कार्यवाही चलने में सहयोग के लिए कहा, लेकिन विपक्षी मानने को राजी नहीं थे।
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। विधानसभा में बजट सत्र के पहले दिन मंगलवार को विपक्ष के हंगामे के चलते प्रश्नकाल नहीं हो सका। कानून व्यवस्था के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी व कांग्रेस सदस्यों ने वेल में पहुंचकर जमकर हंगामा किया। बसपा सदस्य भी अपनी सीटों पर खड़े हो सरकार विरोधी नारेबाजी करते रहे।
अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने कई बार चेतावनी भरे अंदाज में कार्यवाही चलने में सहयोग के लिए कहा, लेकिन विपक्षी मानने को राजी नहीं थे। करीब 22 मिनट चले हंगामे के बाद अध्यक्ष द्वारा चार बार में 45 मिनट कार्यवाही स्थगित की गई।
सुबह 11 बजे वंदेमातरम के तुरंत बाद लाल टोपियां लगाए सपा सदस्य सरकार विरोधी नारेबाजी करते वेल में पहुंच गए। सपा का साथ देने के लिए कांग्रेस के अजय कुमार लल्लू, आराधना मिश्र, नरेश सैनी और राकेश सिंह आदि भी सरकार विरोध में शामिल हो गए जब कि बसपा के लालजी वर्मा, रामअचल राजभर आदि अपनी सीटों पर खड़े हो नारेबाजी करने लगे।
सरकार तो ऐसे चलती रहेगी: वेल में हंगामा करते विपक्ष को शांत करने के लिए अध्यक्ष दीक्षित द्वारा कार्यवाही का दूरदर्शन पर सीधा प्रसारण होने के बारे में बताया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की 22 करोड़ जनता आपके व्यवहार को देख रही है। कुछ लोगों के विरोध से सरकार नहीं रुक सकती परंतु जनता आपके ऐसे व्यवहार से जरूर क्षुब्ध होगी। रामगोविंद चौधरी ने कहा कि जनता की समस्याएं उठाने के लिए कहां जाएं? सरकार सुनती नहीं है।
बेरोजगार हैं, इनके पास कोई काम नहीं: हंगामा करते विपक्षी सदस्य उस समय उत्तेजित हो गए जब संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सपा व अन्य विपक्ष को जनता नकार चुकी है। अब ये लोग बेरोजगार हैं, इनके पास कोई काम नहीं है। खन्ना के बयान से नाराज विपक्ष ने नारेबाजी तेज कर दी।
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चार बार बढ़ा स्थगन काल: हंगामा शांत न होने पर अध्यक्ष ने 11.22 बजे दस मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित करने का एलान किया लेकिन, सपा के सदस्य वेल में धरने पर बैठे रहे। इस पर अध्यक्ष द्वारा चार बार स्थगन की अवधि को बढ़ाया गया। करीब 45 मिनट कार्यवाही बाधित रही जिसके चलते प्रश्नकाल नहीं हो सका।
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