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बाराबंकी में 100 साल पुरानी मस्जिद विध्वंस को लेकर अखिलेश यादव ने की निंदा, कहा - भाजपा सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने में सक्रिय

बाराबंकी में मस्जिद तोड़े जाने की समाजवादी पार्टी अध्यक्ष ने की निंदा। कहा कि शासन-प्रशासन का यह कृत्य भारतीय संविधान के सामाजिक सद्भाव की अवधारणा के खिलाफ है। प्रदेश में चुनाव निकट आता देख भाजपा सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने में सक्रिय हो गई है।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Wed, 19 May 2021 11:23 PM (IST)Updated: Thu, 20 May 2021 10:03 AM (IST)
बाराबंकी में 100 साल पुरानी मस्जिद विध्वंस को लेकर अखिलेश यादव ने की निंदा, कहा - भाजपा सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने में सक्रिय
बाराबंकी में मस्जिद तोड़े जाने की समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने की कड़ी निंदा।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बाराबंकी के राम सनेही घाट में 100 साल पुरानी मस्जिद को कथित रूप से ध्वस्त किए जाने की घटना को निंदनीय बताया है। उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन का यह कृत्य भारतीय संविधान के सामाजिक सद्भाव की अवधारणा के खिलाफ है। प्रदेश में चुनाव निकट आता देख भाजपा सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने में सक्रिय हो गई है। देश की गंगा-जमुनी संस्कृति बिगाड़ कर भाजपा अपनी राजनीति करती रही है।

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अखिलेश यादव ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि भाजपा नफरत की राजनीति से धार्मिक उन्माद फैलाना चाहती है। जनता को इससे सतर्क रहने की जरूरत है। 100 वर्ष पुरानी मस्जिद तोड़ना सत्ता का दुरुपयोग है। भाजपा का ऐसे कृत्यों में संलिप्त रहने का इतिहास रहा है। अखिलेश यादव ने इस घटना की जांच उच्च न्यायालय के जज से कराने व मस्जिद का फिर से निर्माण की मांग की है। उन्होंने कहा कि सपा का एक प्रतिनिधि मंडल अधिकारियों से संपर्क कर इस घटना के बारे में वार्ता करेगा।

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सुन्नी वक्फ बोर्ड नाराज, कहा- शक्तियों का दुरुपयोग: बता दें, उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने पहले ही मस्जिद को ध्वस्त किए जाने पर कड़ी नाराजगी जताई है। वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जुफर अहमद फारूकी ने कहा कि यह मस्जिद सुन्नी वक्फ बोर्ड में दर्ज थी। इसे ध्वस्त किया जाना कानून के खिलाफ है। उन्होंने इस अवैध व मनमानी कार्रवाई की कड़ी निंदा की है। वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि यह न सिर्फ कानून के खिलाफ है, बल्कि शक्तियों का दुरुपयोग है। साथ ही हाईकोर्ट द्वारा पारित 24 अप्रैल 2021 के आदेश का पूर्ण उल्लंघन है। उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड इस मस्जिद को फिर से बनाए जाने, उच्च स्तरीय जांच कराने व दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए जल्द ही हाईकोर्ट में मामला दायर करेगा।


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