राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में बनेगी गठिया रोग की 'सुपर स्पेशियालिटी' Lucknow News
राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय लखनऊ में जल्द बनेगी अर्थराइटिस की सुपर स्पेशियालिटी।
लखनऊ, जेएनएन। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में गठिया रोग का सफल उपचार है। राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय लखनऊ में इस रोग का उपचार गत दो दशकों से किया जा रहा है। वहीं अब इस महाविद्यालय में गठिया रोग की सुपरस्पेशियालिटी बनने जा रही है। इसके लिए बजट भी पास हो गया है। अब मरीजों को जल्द ही एक ही छत के नीचे सारी सुविधाएं मिल जाएंगी।
विक्टोरिया स्ट्रीट स्थित राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय में गत कई वर्षों से अर्थराइटिस से संबंधित मरीजों का इलाज किया जा रहा है। जिसमें जोड़ों से संबंधित रोगों के गंभीर से गंभीर मरीजों का सफल इलाज किया गया है। काय चिकित्सा के प्रोफेसर डॉ संजीव रस्तोगी ने लगभग 18 वर्षों से गठिया क्लीनिक में आने वाले रोगियों में आमवात , वात रक्त और संधिवात के अतिरिक्त कमर दर्द, स्लिप डिस्क, स्पोन्डिलाइटिस, आदि के रोगियों कस सफल इलाज किया है।
साल भर में 900 नए मरीज
डॉ रस्तोगी ने बताया कि महाविद्यालय में गत एक साल में गठिया के 900 नए मरीज आए हैं। वहीं पुराने रोगियों की संख्या अलग है। इसमेंन से अधिकतर ऐसे मरीज हैं जिन्हें एलोपेथिक दवाओं से भी आराम नहीं मिलता है। सहायक चिकित्सकों की एक बडी टीम रोगियों के उपचार में जुटती है और रोगियों को औषधि उपचार के अतिरिक्त खान पान , योगासन , जीवन शैली में सुधार , घर पर किये जा सकने वाले सिकाई आदि उपचार के विषय में सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराती है। आयुर्वेदिक कालेज में पहली बार इस क्लीनिक में रोगियों के लिये सुझाव एवम शिकायत रजिस्टर भी उपलब्ध कराया गया है जिसमें रोगियों को स्वतन्त्र भाव से उनके इस क्लीनिक में हुये अपने अनुभवों को अंकित करते हुये देखा जा सकता है।
छात्रों को मिलेगा सार्टिफिकेट कोर्स
गठिया के आयुर्वेदिक उपचार के लिये एक उन्नत शोध केन्द्र के रूप में विकसित करने के लिये प्रदेश सरकार को प्रस्तावित किया गया था। जिसकी स्थापना के लिए इस वर्ष के बजट में सरकार से मंजूरी मिल गयी है। गठिया केन्द्र प्रदेश में शासकीय स्तर पर स्थापित किया जाने वाला ऐसा पहला केन्द्र होगा जहां पर विभिन्न प्रकार के गठिया रोगियों को शोध पर आधारित आयुर्वेदिक उपचार उपलब्ध कराया जा सकेगा तथा जहां भविष्य के आयुर्वेदिक गठिया रोग विशेषज्ञों को भी तैयार किया जा सकेगा।
रिसर्च पर भी होगा वर्क
डॉ रस्तोगी ने बताया कि गठिया रोग के लिए एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएं दी जाएंगी जिसमें मरीजों को बेस्ट ट्रीटमेंट दिया जाएगा। इसमें मेडिसिन, एक्सरसाइज, डाइट मैनेजमेंट, उपकरण, सिकाई आदि की सुविधाएं मिलेंगी। कोशिश की जा रही है कि मरीजों को रजिस्ट्रेशन से लेकर दवा और एक्सरसाइज आदि एक ही जगह मिल जाए। साथ ही सुपर स्पेशियालिस्ट कोर्स को बढ़ावा देने के लिए पीजी और यूजी छात्रों को ट्रेंनिग भी दी जाएगी जिससे आयुर्वेद में अर्थराइटिस के सुपरस्पेशियालिस्ट भी बन सकेंगे। विभाग में मरीजों के रिकार्ड भी रखें जाएंगे जिससे ये पता चलेगा कि किस तरह के मरीज ओपीडी में आ रहे हैं। जिससे उनके इलाज और रिसर्च में भी सुविधा होगी।
12 अक्टूबर को अर्थराइटिस पर लगेगा शिविर
12 अक्टूबर को महाविद्यालय की ओर से गठिया रोग पर शिविर लगाया जाएगा। जहां जोड़ों से संबंधित रोगियों को देखा जाएगा। इसमें मरीजों की निश्शुल्क जांच और इलाज किया जाएगा। शिविर सुबह नौ से तीन बजे तक चलेगा।