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उत्तर प्रदेश की सिपाही भर्ती परीक्षा के लिए बिहार से बुलाए थे सॉल्वर

एसटीएफ की मुस्तैदी से गोरखपुर व इलाहाबाद में दो गिरोह पकड़े गए जिन्होंने अभ्यर्थियों से डील कर सॉल्वर के जरिये परीक्षा पास कराने का ठेका लिया था।

By Nawal MishraEdited By: Published: Mon, 18 Jun 2018 10:20 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jun 2018 05:39 PM (IST)
उत्तर प्रदेश की सिपाही भर्ती परीक्षा के लिए बिहार से बुलाए थे सॉल्वर
उत्तर प्रदेश की सिपाही भर्ती परीक्षा के लिए बिहार से बुलाए थे सॉल्वर

लखनऊ (जेएनएन)। सिपाही भर्ती परीक्षा-2018 में भी सेंध लगाने के लिए कई गिरोह सक्रिय हैं। स्पेशन टास्क फोर्स (एसटीएफ) की मुस्तैदी से गोरखपुर व इलाहाबाद में सक्रिय दो अलग-अलग गिरोह पकड़े गए हैं, जिन्होंने अभ्यर्थियों से चार से आठ लाख रुपये में डील कर सॉल्वर के जरिये परीक्षा पास कराने का ठेका लिया था। गिरोह परीक्षा में सेंध लगा पाते, इससे पहले ही एसटीएफ उन्हें दबोचने में कामयाब रही। एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह ने बताया कि गोरखपुर से रात नकल कराने वाले गिरोह के सरगना गोरखपुर निवासी अनिल गिरि, उसके साथी अमरनाथ यादव व आनन्द यादव को पकड़ा गया। तीनों से पूछताछ के आधार पर गिरोह के अन्य सदस्य गोरखपुर निवासी सुनील कुमार, बिहार निवासी धीरेंद्र कुमार उर्फ धीरू, सॉल्वर बिहार निवासी विवेक कुमार, विपिन कुमार व शंकर कुमार, अभ्यर्थी गोरखपुर निवासी विकास यादव तथा सत्यवंत यादव को गिरफ्तार किया गया।

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पूछताछ में सामने आया कि धीरेंद्र का सीधा संपर्क सॉल्वर से था और वही दोनों को गोरखपुर लेकर आया था। सरगना अनिल ने बताया कि उसका गिरोह प्रति अभ्यर्थी परीक्षा में सॉल्वर बिठाने के 70 हजार सहित अन्य खर्च के नाम पर कुल दो लाख रुपये लेता है। अभ्यर्थी के फाइनल चयन पर उससे आठ लाख रुपये तक वसूले जाते हैं। आरोपितों के खिलाफ गोरखपुर के कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। दूसरी ओर सोमवार सुबह एसटीएफ ने नकल गिरोह के इलाहाबाद निवासी इमरान अली, उसके साथी मु.इरफान, कौशल सिंह पटेल, भदोही निवासी नितिन शुक्ला, बलिया निवासी सत्येंद्र कुमार सिंह व बिहार निवासी सॉल्वर पवन कुमार सिंह को गिरफ्तार किया गया। 

एसटीएफ की टीम ने इलाहाबाद के नई बाजार स्थित गजराज सिंह स्कूल एंड कालेज में अभ्यर्थी रामकुमार यादव के स्थान पर परीक्षा देने पहुंचे पवन कुमार सिंह को पकड़ा गया। गिरोह के सरगना कौशल सिंह पटेल व उसके साथियों को नैनी स्थित एक होटल से दबोचा गया। आरोपितों के खिलाफ नैनी में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि आरोपितों से शुरुआती पूछताछ में एक अभ्यर्थी से चार से आठ लाख रुपये तक वसूले जाने की बात सामने आई है। कुछ अन्य गिरोह के बारे में भी गहनता से छानबीन की जा रही है। इलाहाबाद में सॉल्वर पवन परीक्षा केंद्र में पहुंच गया था, लेकिन तब तक उसका बायोमीट्रिक नहीं हुआ था। पवन इलाहाबाद में ही रहकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था। 

कोलकता से जाली फिंगर प्रिंट

एसटीएफ अधिकारियों ने बताया कि आरोपित परीक्षा में सेंध लगाने को बायोमीट्रिक सिस्टम को तोडऩे के लिए कोलकता के रेलवे टेक्नीशियन मनीष के संपर्क में थे। गोरखपुर में पकड़े गए धीरू ने राजू व रंजन की मदद से अभ्यर्थियों को 11 जून को मनोज मास्टर के कमरे में बुलाया था। जहां एम-सील पर अभ्यर्थियों के अंगूठों के निशान लिए गए थे। इसके जरिये कोलकता की लैब में नकली अंगुठे की छाप बनवाई गई। इसके अलावा सॉफ्टवेयर के जरिये फोटोशॉप से अभ्यर्थियों की तस्वीर में छेड़छाड़ कर उसे सॉल्वर की फोटो से मिक्सअप कर फर्जी पहचान पत्र बनाए जाते थे। इसकी और गहनता से छानबीन की जा रही है। 

13 लाख बरामद 

एसटीएफ ने गोरखपुर में पकड़े गए आरोपितों के कब्जे से 5.8 लाख रुपये, 14 प्रवेश पत्र, 16 मोबाइल फोन, अर्टिगा कार, फर्जी पहचान पत्र, विभिन्न अभ्यर्थियों के आधार कार्ड, वोटरकार्ड व आइडी कार्ड मिले हैं। इलाहाबाद में पकड़े गए आरोपितों के कब्जे से डेढ़ लाख रुपये, ओएमआर शीट, प्रश्नपत्र व एडमिट कार्ड, 10 मोबाइल, 20 एम-सील जिन पर अंगूठे के निशान बने थे, छह ब्लूटूथ डिवाइस, करीब 35 लाख रुपये के 34 चेक व अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं। 

पहले भी था सक्रिय 

एसटीएफ अधिकारियों के मुताबिक आरोपित अनिल गिरि ने करीब दो साल पहले सीआइएसएफ की सिपाही भर्ती परीक्षा के दौरान सक्रिय होने की बात स्वीकार की है। इसकी भी जांच कराई जा रही है। 


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