लखनऊ में चोरी हो रहा था स्नैपडील का डाटा, ग्राहकों से हो रही थी ठगी
लोगों से ठगी जाने वाली रकम पे-टीएम व अन्य ई-वॉलेट के जरिए विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर कराई जाती थी।
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। ऑनलाइन खरीदारी करने वाले कई तरह से ठगों के निशाने पर हैं। साइबर अपराधियों के अलावा शातिर ठग ग्राहकों को झूठे प्रलोभन देकर उनकी गाढ़ी कमाई लूट रहे हैं। लखनऊ में फर्जी कॉल सेंटर संचालित कर कुछ इसी प्रकार ठगी करने वाला बड़ा गिरोह पकड़ा गया है। ई-कामर्स कंपनी स्नैपडील का डाटा चोरी कर गिरोह उनके ग्राहकों को कॉल कर अपना निशाना बना रहा था। एसटीएफ ने गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है।
एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह ने बताया कि बाराबंकी के लखपेड़ाबाग निवासी नदीम हैदर नकवी, अमेठी के मुसाफिरखाना निवासी विकास कुमार व राहुल यादव को गोमती नगर क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। आरोपितों के कब्जे से चार वाकीटॉकी, सात मोबाइल फोन, विभिन्न बैंकों की चार चेक बुक, दो लैपटाप, तीन मोहर, तीन पासबुक, एक पैनकार्ड, 25 ग्राहकों का डाटा बरामद हुआ है।
एएसपी त्रिवेणी सिंह ने बताया कि गिरोह का मास्टरमाइंड नदीम हैदर है। वह इंटेलीक्वेंट इन्फो सेल्यूशन नाम से फर्जी कंपनी संचालित कर कॉल सेंटर चला रहा था। आरोपित करीब चार माह से गोमतीनगर के वैभव खंड में कॉल सेंटर संचालित कर रहे थे। एसटीएफ अधिकारियों के मुताबिक आरोपित नदीम हैदर ने पूछताछ में बताया कि लोगों को टेलीकालिंग के जरिये भारी लाभ का लालच देकर अपने जाल में फंसाया जाता था।
लोगों से ठगी जाने वाली रकम पे-टीएम व अन्य ई-वॉलेट के जरिए विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर कराई जाती थी। जो ग्राहक ई-वॉलेज में रकम ट्रांसफर नहीं कर पाते थे, उनसे एटीएम व क्रेडिट कार्ड की डिटेल व ओटीपी पूछकर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर लिया जाता था। हैदर ने पूछताछ में यह भी बताया कि उसका एक साथी स्नैपडील कंपनी के उपभोक्ताओं का पूरा डाटा हासिल हो जाता था।
जिसके बाद गिरोह उपभोक्ताओं को पूर्व मंट की गई ऑनलाइन शॉपिंग का हवाला देकर विश्वास में लेते थे और फिर अच्छा ग्राहक होने के नाते उन्हें आकर्षक योजनाओं का लाभ देने की पेशकश करते थे। इसके बाद उपभोक्ता को अपने जाल में फंसाकर ठगते थे। आरोपितों के खिलाफ विभूतिखंड थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
कंपनी भी कर रही डाटा उड़ाने वाले की जांच: एएसपी त्रिवेणी सिंह ने बताया कि स्नैपडील कंपनी के अधिकारियों से संपर्क करने पर उन्होंने आरोपितों के पास से बरामद डाटा को उनके उपभोक्ताओं का डाटा होने की बात स्वीकार की है। कंपनी स्तर पर भी डाटा लीक होने के संबंध में जांच की जा रही है। एसटीएफ भी इसकी गहनता से जांच कर रही है।
यह भी पढ़ें: सहारनपुर में बस और कार में टक्कर, पांच की मौत
फर्जी मोहरों का करता था प्रयोग: एसटीएफ अधिकारियों के मुताबिक गिरोह लोगों को बैंक का फर्जी प्रमाणपत्र भी देते थे। इसके लिए गिरोह स्टेट बैंक ऑफ इंडिया व आइसीआइसीआइ बैंक, दिल्ली के नाम की फर्जी मोहरों का प्रयोग करता था।
यह भी पढ़ें: न्यूज बुलेटिन: सुबह 9 बजे तक उत्तर प्रदेश की पांच बड़ी खबरें