वीआइपी ड्यूटी के लिए बनाई जाएगी पुलिस की स्मार्ट विंग, कार्यक्रमों की तैयार होगी रूपरेखा Lucknow News
लखनऊ में वीआइपी ड्यूटी के लिए पुलिस कर्मियों की बनाई जाएगी स्मार्ट विंग वर्ष 2019 में 1200 कार्यक्रमों में ड्यूटियों से हुई थी परेशानी।
लखनऊ [शोभित मिश्र]। नववर्ष में राजधानी के पुलिसकर्मियों के लिए राहत भरी खबर है। अब वीआइपी ड्यूटी के लिए पुलिस की अलग से स्मार्ट विंग बनेगी। इसका पूरा फोकस वीआइपी कार्यक्रमों की रूपरेखा बनाने पर ही रहेगा। साथ ही धरना प्रदर्शन समेत अन्य कार्यक्रमों की जिम्मेदारी भी इसी विंग की होगी।
इसके लिए जनवरी से ही सौ तेजतर्रार पुलिसकर्मियों को चिह्न्ति करके पुलिस लाइन में इनकी ट्रेनिंग भी शुरू करा दी जाएगी। ड्यूटियों के जरूरत के हिसाब से संख्या बढ़ाई जाएगी। इस स्मार्ट विंग को सभी रूटों और अन्य जरूरी जानकारियां पहले से ही होंगी, इससे मौके पर हड़बड़ाहट का सामाना भी नहीं करना पड़ेगा। पुलिस की यह स्मार्ट विंग कानून-व्यवस्था और अपराध नियंत्रण में नहीं लगाई जाएगी। इसकी जिम्मेदारी थानों के पुलिसकर्मियों के कंधों पर होगी।
पुलिस-पब्लिक की एक साथ होगी चौपाल : एसएसपी ने बताया कि राजधानी में उपद्रव समेत अन्य घटनाओं को देखते हुए नए वर्ष से पुलिस और पब्लिक की चौपाल लगाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए संबंधित नोडल अफसर को जिम्मेदारी दी जाएगी, जो अपने क्षेत्र के मुहल्लों और गांवों में चौपाल का आयोजन कर जनता के बीच संवाद स्थापित करेंगी। जब जनता से पुलिस का संवाद अच्छा होगा तो किसी भी संभावित घटना की जानकारी पुलिस को तुरंत मिल सकेगी।
इसलिए पड़ी जरूरत
एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि वर्ष 2019 में वीआइपी ड्यूटियां 600, विभिन्न संगठनों के कार्यक्रम 450, प्रदर्शन व त्योहार 150 समेत 1200 कार्यक्रम पुलिस टीमों ने संपन्न कराए। इसमें राष्ट्रपति का एक, उपराष्ट्रपति के दो व प्रधानमंत्री के तीन बड़े कार्यक्रम भी शामिल थे। वीआइपी और वीवीआइपी ड्यूटियों में स्मार्ट पुलिस की अलग से ¨वग बनाने से थानों के पुलिसकर्मियों को अपराध नियंत्रण और कानून-व्यवस्था संभालने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि अलग से सौ से अधिक पुलिसकर्मियों की स्मार्ट विंग सिर्फ वीआइपी और वीवीआइपी कार्यक्रमों के लिए बनाई जा रही है। इनकी धरना प्रदर्शन और अन्य कार्यक्रमों में भी मदद ली जाएगी। कानून व्यवस्था और अपराध नियंत्रण की जिम्मेदारी पहले की तरह थानों के पुलिसकर्मियों की होगी।