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ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने अपने आवास पर लगवाया स्मार्ट प्रीपेड मीटर, कहा- 24 घंटा बिजली देना प्राथमिकता

प्रदेश के ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री श्रीकांत शर्मा ने अपने सरकारी आवास पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगावाया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 03:58 PM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 09:44 PM (IST)
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने अपने आवास पर लगवाया स्मार्ट प्रीपेड मीटर, कहा- 24 घंटा बिजली देना प्राथमिकता
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने अपने आवास पर लगवाया स्मार्ट प्रीपेड मीटर, कहा- 24 घंटा बिजली देना प्राथमिकता

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन में पीएफ घोटाला के शोर के बीच प्रदेश के ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री श्रीकांत शर्मा ने अपने सरकारी आवास पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगावाया। इसके साथ ही उन्होंने इस योजना का आगाज किया। अब प्रदेश की सरकारी कालोनी व कार्यालय के साथ ही मंत्री, विधायक व अधिकारियों के सरकारी आवास पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे।

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ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री श्रीकांत शर्मा ने शुक्रवार को अपने सरकारी निवास पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाकर सरकारी विभागों, राजकीय आवासों और महानगरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के अभियान की शुरुआत की। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सबको बिजली, पर्याप्त बिजली, निर्बाध बिजली, स्वच्छ और सस्ती बिजली मिले यह सरकार का संकल्प है। इसके लिए समय से बिजली के बिलों का भुगतान जरूरी है। स्मार्ट प्रीपेड मीटर गरीब के घर में सस्ती बिजली पहुंचाने का रास्ता है। सरकार ने अपने घर से शुरुआत की है।

उन्होंने सभी सांसदों, विधायकों, अन्य जनप्रतिनिधियों और पार्टी पदाधिकारियों से भी आग्रह किया कि वह अपने घर पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाकर आम लोगों में जागरूकता बढ़ाएं। जिससे सभी इस अभियान में बढ़चढ़कर प्रतिभाग कर सकें। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि प्री-पेड मीटर सबसे पहले उत्तर प्रदेश के सभी नेताओं और अधिकारियों के सरकारी आवासों पर लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि नेताओं और अधिकारियों के सरकारी आवासों पर ही करीब 13 हजार करोड़ का बिजली बिल बकाया है। नेता,अधिकारियों और सरकारी विभागों का बिजली बिल नियमित जमा न किए जाने से लगातार बढ़ता जा रहा है। जिससे उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन की वित्तीय स्थित बदहाल हो गई है। खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।

उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि सरकार उत्तर प्रदेश के हर घर को 24 घंटे सस्ती दर पर बिजली देना चाहती है, लेकिन उत्तर प्रदेश में हजारों करोड़ का बिजली बिल बकाया होने से हम चाहकर भी बिजली उपभोक्ताओ को बेहतर सुविधा नहीं दे पा रहे हैं। बिजली विभाग का आम उपभोक्ताओं के साथ सरकारी विभागों पर भी हजारों करोड़ का बकाया है। जिसके चलते सबसे पहले यूपी के नेताओं, अधिकारियों और सरकारी दफ्तरों में प्री-पेड मीटर लगाने की योजना शुरू की है। सरकार बिजली चोरी रोकने के लिए सूबे के 75 जिलों में 65 बिजली थाने खोलकर बिजली चोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है। साथ ही किसानों और गरीब बिजली उपभोक्ताओं के लिए भी कई हितकारी योजनाएं चलाई है।

उन्होंने बताया कि बिजली बकाया जमा कराने के लिए 4 किलोवाट तक के उपभोक्ताओं के लिए आसान किश्त योजना चलाई जा रही है। जिसका लाभ उठाकर उपभोक्ता अपना बिल जमाकर सरचार्ज से छूट पा सकते हैं। श्रीकांत शर्मा ने एक और जहां नेताओं, अधिकारियों और सरकारी दफ्तरों के बाद हाई लाइन लास वाली जगहों पर भी प्रीपेड मीटर लगाए जाने की जानकारी दी, वहीं दूसरी ओर 15 प्रतिशत से कम लाइन लास वाले शहरों, कस्बों और गांवो में भी 24 घंटे के भीतर 24 घंटे बिजली आपूर्ति भी शुरू कर दिए जाने का दावा किया।

श्रीकांत शर्मा ने कहा कि गरीब के घर में 24 घंटे सस्ती बिजली पहुंचाना सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए नियमित बिलों का भुगतान करना जरूरी है। उन्होंने प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं से आग्रह किया कि वह सरकार के इस अभियान का हिस्सा बने। उपभोक्ताओं के समय से चुकाए गए बिल से ही सस्ती बिजली पहुंचाने का संकल्प सिद्ध हो सकेगा।

उर्जा मंत्री ने कहा कि बिजली चोरी भी सस्ती बिजली की उपलब्धता की दिशा में बड़ी बाधा है, बिजली चोरी ईमानदार उपभोक्ता के हक पर डाका है। उन्होने आम उपभोक्ताओं से भी अपील की कि वह बिजली चोरी रोकने हेतु 1912 पर जानकारी दें। सरकार ने सख्ती शुरू की है, जिलों में बिजली थाने सक्रिय किये गए हैं। आम लोग भी अभियान से जुड़ेंगे तो पूरे प्रदेश को इसका लाभ मिलेगा।

उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि सरकार उत्तर प्रदेश के हर घर को 24 घंटे सस्ती दर पर बिजली देना चाहती है, लेकिन उत्तर प्रदेश में हजारों करोड़ का बिजली बिल बकाया होने से हम चाहकर भी बिजली उपभोक्ताओ को बेहतर सुविधा नहीं दे पा रहे हैं। बिजली विभाग का आम उपभोक्ताओं के साथ सरकारी विभागों पर भी हजारों करोड़ का बकाया है। जिसके चलते सबसे पहले यूपी के नेताओं, अधिकारियों और सरकारी दफ्तरों में प्री-पेड मीटर लगाने की योजना शुरू की है। सरकार बिजली चोरी रोकने के लिए सूबे के 75 जिलों में 65 बिजली थाने खोलकर बिजली चोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है। साथ ही किसानों और गरीब बिजली उपभोक्ताओं के लिए भी कई हितकारी योजनाएं चलाई है।

कंट्रोल रूम रखेगा नजर

स्मार्ट प्रीपेड मीटर से बिजली उपभोक्ता अब मोबाइल की तरह मीटर रिचार्ज कराकर अपनी जरूरत के अनुसार बिजली का उपयोग कर सकेंगे। सिंगल फेज स्मार्ट प्रीपेड मीटर की कीमत 3200 रूपये और थ्री फेज स्मार्ट मीटर की कीमत 3500 रूपये है। हर शहर के बिजली निगम में एक कंट्रोल रूम होगा। स्मार्ट प्रीपेड मीटर को कंट्रोल रूम से कनेक्ट किया जाएगा। मीटर के अलावा कंट्रोल रूम में भी उपभोक्ता की रीडिंग नोट होगी। इसके लिए कंट्रोल रूम में सॉफ्टवेयर अपलोड किया जाएगा। अगर कोई उपभोक्ता मीटर से छेड़छाड़ करता है तो उसका सिग्नल कंट्रोल रूम को फ़ौरन मिल जाएगा। अगर कोई उपभोक्ता समय पर बिजली बिल नहीं भरता तो कंट्रोल रूम से उसे पहले एक मैसेज भेजा जाएगा और फिर अपने आप कनेक्शन कट जाएगा। जिससे बिजली विभाग को बकाया बढ़ने की समस्या से निजात मिल जाएगी।

नई प्रणाली से उपभोक्ता ऑनलाइन www.uppclonline.com  या स्मार्ट कंज्यूमर ऐप की मदद से अपने संस्थान या निवास पर नियमित ऊर्जा की खपत की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसे ऑनलाइन भुगतान के सभी डिजिटल माध्यमों के जरिये रिचार्ज किया जा सकेगा। 


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