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Atlnirbhar Bharat: एक पंथ दो काज...स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहन संग आत्मनिर्भरता

बाराबंकी के लघु उद्योग भारती ने लघु उद्योगों की स्थापना की दिशा में शुरू की कवायद व्यापारियों के बनाए वाट्सएप ग्रुप।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 24 May 2020 05:12 PM (IST)Updated: Mon, 25 May 2020 07:30 AM (IST)
Atlnirbhar Bharat: एक पंथ दो काज...स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहन संग आत्मनिर्भरता

बाराबंकी [जगदीप शुक्ल]। लॉकडाउन के दौरान बेपटरी हुई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान शुरू किया है। इसको सफल बनाने के लिए स्थानीय स्तर पर लोगों काे स्वरोजगार अपनाकर अात्मनिर्भर बनने के लिए लघु उद्याेगों की स्थापना कराई जाएगी और निष्क्रिय लघु उद्योगों को सक्रिय करने के लिए लोगों को प्रेरित करते हुए विदेशी उत्पादों के बजाय स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित कर उन्हें अपनाने पर जोर दिया जाएगा। इस दिशा में प्रशासन ही नहीं लघु उद्योग भारती ने भी कार्य करना शुरू कर दिया है। संस्था की ओर से व्यापारियों को जोड़ने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के व्यापारियों से फार्म भरवाकर सुझाव भी मांगे जा रहे हैं। इसमें व्यापारियों के उद्योग संबंधी जानकारी, विदेशों से होने वाले आयात से पड़ने वाले फर्क और नई इकाई लगाने के संबंध में जानकारी मांगने के साथ ही सुझाव भी साझा किए गए हैं। संस्था के उत्तर प्रदेश प्रांत के महामंत्री दीपक अग्रवाल ने इसके लिए अलग-अलग वाट्सएप ग्रुपों का गठन कर उससे संबंधित उद्यमियों को जोड़ रहे हैं।

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इन लघु उद्याेगों की तैयार हो रही परिकल्पना

पोषाक एवं शृंगार, पेठा मिक्सचर फूड, फुटवेयर एवं लेदर, दरी, आसन, गलीचा, हैंडलूम, मेडिकल एवं सर्जिकल डिवाइस, इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण हाउस होल्ड व इंडस्ट्रीज में लगने वाले सामान का उत्पादन, आधुनिक कृषि उपकरण, वूडन एवं बांस फर्नीचर, प्लास्टिक एवं मोल्डिंग आदि के लघु उद्योग स्थापित करने की कवायद की जा रही है।

ग्रुपों से जोड़े जा चुके हैं करीब दो हजार व्यापारी

लघु उद्योग भारती के प्रदेश महामंत्री दीपक अग्रवाल ने बताया कि संस्था की उत्तर प्रदेश के 52 जिलों में इकाईयां हैं। इसका उद्देश्य निष्क्रिय

पड़े लघु उद्याेगों का सक्रिय करवाने के साथ ही नए उद्योगों की स्थापना का सुझाव देना और आने वाली दिक्कतों को दूर करने में मदद करना है। ताकि लॉकडाउन के दौरान आने वाले प्रवासियों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराकर आत्मनिर्भर बनाया जा सके। साथ ही स्वदेशी उत्पादाें को प्रोत्साहित कर उनके उपयोग के प्रति लोगों को जागरूक करना है। अब तक वाट्सएप ग्रुपों के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों के करीब दो हजार व्यापारियों को जोड़ा जा चुका है। इसमें सबसे ज्यादा आधुनिक कृषि उपकरण, मेडिकल एवं सर्जिकल डिवाइस, प्लास्टिक एवं मोल्डिंग इकाइयों से जुड़े व्यापारियों की है।

लघु उद्योग भारती (अवध प्रांत) की महामंत्री रीता मित्तल ने कहा कि लघु उद्योगों की स्थापना का सिलसिला शुरू भी हो गया है। लखनऊ, नोएडा, आगरा, हरदोई, सीतापुर और बाराबंकी में मास्क, सैनिटाइजर, पीपीई किट, थर्मामीटर बनाने का काम शुरू कर दिया है। लोगों का विदेशी उत्पादों के बजाय स्वदेशी उत्पादों के प्रति लोगों का रुझान बढ़ रहा है। इससे प्रवासियों काे आत्मनिर्भर बनाकर उनका पलायन रोका जा सकेगा।


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