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KGMU : पेट में हाेे रहा था बार-बार इंफेक्शन, लिवर ट्रांसप्लांट कर दी नई जिंदगी lucknow news

केजीएमयू में हुआ छठा लिवर ट्रांसप्लांट दिल्ली की टीम रही मौजूद। भाई का हुआ रिजेक्ट पत्नी ने लिवर किया दान।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 08 Sep 2019 07:30 AM (IST)Updated: Mon, 09 Sep 2019 07:09 AM (IST)
KGMU : पेट में हाेे रहा था बार-बार इंफेक्शन, लिवर ट्रांसप्लांट कर दी नई जिंदगी lucknow news
KGMU : पेट में हाेे रहा था बार-बार इंफेक्शन, लिवर ट्रांसप्लांट कर दी नई जिंदगी lucknow news

लखनऊ, जेएनएन। पत्नी ने लिवर दान कर 42 वर्षीय पति को जीवन दान दिया। वहीं केजीएमयू के डॉक्टरों ने 11 घंटे में छठा सफल ट्रांसप्लांट किया। मरीज और डोनर दोनों की हालत में सुधार है। पेट में बार-बार संक्रमण फैलने से मरीज में लिवर प्रत्यारोपण चुनौती था।

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इंदिरा नगर निवासी मनोज द्विवेदी (42) को लिवर सिरोसिस था। उन्होंने केजीएमयू के गैस्ट्रोसर्जरी विभाग में दिखाया। विभागाध्यक्ष डॉ. अभिजीत चंद्रा ने लिवर ट्रॉसप्लांट ही विकल्प बताया। वहीं पति की जिंदगी बचाने के लिए सरोज आगे आईं। करीब 20 दिन पहले उन्हें आइसीयू में भर्ती कर इलाज शुरू किया गया। शनिवार सुबह सात बजे डोनर और मरीज को ओटी में शिफ्ट किया गया। इसके बाद शाम छह बजे ट्रांसप्लांट प्रक्रिया पूरी हो गई। डॉ. अभिजीत चंद्रा के मुताबिक मरीज और डोनर की हालत में सुधार है। दोनों होश में आ गए हैं।

बैक्टीरियल इंफेक्शन बना चुनौती, चार दिन थे अहम

केजीएमयू की प्रवक्ता व माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. शीतल वर्मा के मुताबिक मरीज मनोज द्विवेदी को लिवर सिरोसिस के साथ-साथ बैक्टीरियल इंफेक्शन हो गया था। ऐसे में पेट में बार-बार पानी भर जा रहा था। ऐसे में सर्जरी करना चुनौती था। मरीज को भर्ती कर हाई एंटीबायोटिक की डोज दी गईं। बार-बार कल्चर जांचें कराई गईं। उधर, भाई समेत तीन डोनर परिवार के रिजेक्ट हो गए, फिर पत्नी के लिवर मैचिंग सही रही। इंफेक्शन कंट्रोल होने पर उसका ऑपरेशन किया गया। तीन-चार दिन और देर होने पर मरीज की जान पर खतरा बन सकता था। 

पहले इन मरीजों को मिला जीवनदान 

केजीएमयू में पहला लिवर ट्रांसप्लांट 14 मार्च को अमरेंद्र सिंह का, नौ मई को नवीन बाजपेयी, 14 जून को विजय कुमार का, 25 जून तरुण जैन व 19 अगस्त को सुबोध का लिवर ट्रांसप्लांट किया गया।

सस्ता देख लौटे शहर

मरीज के लिवर ट्रांसप्लांट के लिए परिजन दिल्ली समेत कई शहरों में भटके। मगर, प्राइवेट में 30 से 40 लाख व आइएलबीएस दिल्ली में 18 लाख के लगभग खर्च बताया गया। वहीं केजीएमयू 10 से 12 लाख में लिवर ट्रांसप्लांट मुमकिन है। ऐसे में उन्होंने शहर में ही लिवर ट्रांसप्लांट कराने का फैसला किया।

यह है ट्रांसप्लांट टीम

केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह के मुताबिक गैस्ट्रोसर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ. अभिजीत चंद्रा, डॉ. विशाल, डॉ. विवेक, डॉ. प्रदीप जोशी, एनेस्थीसिया के डॉ. परवेज, डॉ. अनीता मलिक, डॉ. जीपी सिंह, ब्लड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन की डॉ. तूलिका चंद्रा, क्रिटिकल केयर की डॉ. अरमीन, गैस्ट्रोलॉजी के डॉ. सुमित रूंगटा, डॉ. अजेय व सीएमएस डॉ. एसएन शंखवार व डॉ. अमिता जैन टीम में शामिल रहीं। इसके अलावा दिल्ली के डॉ. सुभाष गुप्ता, डॉ. राजेश अग्रवाल, डॉ. शालीन व डॉ. श्वेता शामिल रहीं।


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