Sitapur Gas Leak: जहरीली गैस पर काबू पाने को दूसरे दिन भी कड़ी मशक्कत, सात की हो चुकी मौत
Sitapur Gas Leak सीतापुर में दरी फैक्ट्री में गैस रिसाव से सात लोगों का दम घुटने से मौत। एक ही परिवार के पांच लोगों की हुई शिनाख्त दूसरे दिन भी गैस रिसाव पर काबू पाने की कोशिश।
सीतापुर, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के सीतापुर में बीते दिन जहरीली गैस के रिसाव से 7 लोगों की मौत हो गई। फिलहाल, शुक्रवार को भी जहरीली गैस पर काबू पाने को मौके पर काम चल रहा है। जेसीबी से पूरी रात और फिर शुक्रवार को पूरे दिन केमिकल फैक्ट्री से पुरैनी पुल तक निकले करीब तीन-चार किमी नाले को पाटकर बराबर किया है। कच्चा नाला पाटने को शुक्रवार सुबह से तीन जेसीबी चल रही हैं। बता दें, बीती रात यानी गुरुवार को केमिकल फैक्ट्री में एक टैंकर आया था। इस टैंकर को पानी से यहीं पर धोया गया था। इससे निकला केमिकल एक नाली के जरिए दरी फैक्ट्री के आसपास भर गया। इसी से आसपास जहरीली गैस घुल गई और फैक्ट्री में सोए सभी सातों लोगों को मौत की नींद सुला दिया।
इशरत व फरहान की जमीन पर चल रही थी अवैध फैक्ट्री
मामला बिसवां तहसील के जलालपुर गांव का है। तहसीलदार राजकुमार गुप्ता ने बताया कि केमिकल फैक्ट्री जलालपुर गांव में जिस जमीन पर लगी है, वह बिसवां कस्बे के काजी टोला निवासी इशरत जहां पत्नी इजहारउल और उसके बेटे फरहान के नाम से है। केमिकल फैक्ट्री के बाहर मौके पर मौजूद सिंचाई विभाग के जेई पंकज कुमार व आनंद कुमार ने बताया शारदा सहायक पोषक नहर की सीपेज ड्रेन में फैक्ट्री का जहरीला पानी लगभग 800 मीटर दूर तक गया है। ड्रेन में मिट्टी से पटाई कराई जा रही है ताकि, गैस बाहर न फैले।
अलर्ट सेहत महकमा
केमिकल फैक्ट्री से निकले नाले में घोल के बहाव से उत्पन्न हुई जहरीली गैस के प्रभाव का आकलन करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम आस-पास के गांव में भ्रमण कर रही है। सीएमओ डा. आलोक वर्मा ने दर्जनभर से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों के साथ ही आशा एएनएम सहित कई कर्मियों को आस-पास के गांव में लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए लगाया है। स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि उन्होंने जलालपुर, चंदन महमूदपुर सहित कई गांव में लोगों की स्वास्थ्य जांच की है। जिसमें जहरीली गैस का प्रभाव देखने को नहीं मिला है। फिलहाल वह ग अभी स्वास्थ्य परीक्षण करने में लगे हुए हैं।
चंदन महमूदपुर गांव में एक परिवार के पांच शव सुपुर्द-ए-खाक
बिसवां के जलालपुर गांव में केमिकल फैक्ट्री से निकली जहरीली गैस से एक ही परिवार से मरने वाले पांच लोगों के शवों को सुपुर्द ए खाक किया जा रहा है। ग्रामीणों के मुताबिक मूलरूप से कानपुर के सुजातगंज निवासी अतीक पुत्र अलीरजा और उसकी पत्नी शाहिरा, पुत्री आयशा पुत्र अफरोज व फैसल के शवों का अंतिम संस्कार चंदन महमूदपुर गांव में किया गया है। शवों के सुपुर्द ए खाक से पहले गांव के मौलाना पेशे इमाम मोहम्मद मोबीन ने अंतिम नमाज अदा कराई।
मुनव्वर ने बताया कि उसके मृतक दामाद अतीक के साथ उसकी बेटी शाहिरा ब्याही थी। इसलिए वह यहीं रहकर अपने पूरे परिवार के साथ केमिकल फैक्ट्री में मजदूरी करता था। गांव वालों ने बताया कि इन सभी पांच मृतकों के शव गुरुवार रात 11 बजे के दौरान पोस्टमार्टम के बाद आ गए थे। इसके बाद शुक्रवार को दोपहर 2:30 बजे के दौरान इनके शव को सुपुर्द ए खाक किया गया है। इस दौरान मृतक अतीक के बड़े भाई मोहम्मद रफीक, मझले भाई मोहम्मद शफीक और बहन मेहरून्निसा व नूरजहां का पूरा परिवार भी अतीक की अंतिम यात्रा में शामिल हुआ है। अतीक के बड़े भाई रफीक ने बताया कि उन्हें गुरुवार सुबह 10:30 बजे के दौरान गरीब फैक्ट्री मालिक बबलू ने फोन कर भाई के मरने की खबर दी थी। इसके बाद रफीक ने अपने पूरे परिवार बताया और फिर शाम 6:00 बजे के दौरान वह लोग चंदन महमूदपुर गांव में आ गए थे।
क्यूटी बादुल्ला गांव में भी मातम
इसी तरह वहीं पड़ोस के गांव क्योटी बादुल्ला निवासी अनवर उर्फ मामा का भी अंतिम संस्कार उनके गांव में किया गया है। पूरे गांव में मातम पसरा है। हर कोई गमजदा है। कोई कुछ बोल नहीं पा रहा है।
पहलवान भी हुए सुपुर्द ए खाक
जहरीली गैस से मरने वाले बुजुर्ग अतीक अंसारी उर्फ पहलवान केशव को प्रशासन ने उनके राजधानी में चौक चौपटिया रोड लखनऊ भेजा है। यह उन्नाव जिले के मूल निवासी थे।
फैक्ट्री संचालक के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज
फैक्ट्री संचालक के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। एसपी एलआर कुमार ने बताया कि केमिकल फैक्ट्री के संचालक सुकेश गुप्ता के खिलाफ बिसवां कोतवाली में हत्या का मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। यही नहीं, संयुक्त टीम की जांच रिपोर्ट के बाद फैक्ट्री को सील करने की भी कार्रवाई की जा सकती है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुमति बगैर हो रहा था फैक्ट्री का संचालन
बिसवां के जलालपुर गांव में चल रही केमिकल फैक्ट्री में सात लोगों की मौत की केमिस्ट्री यूं ही नहीं बन गई। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम को भी केमिकल फैक्ट्री के संचालन में तमाम खामियां मिली हैं। जांच करने के लिए आए बोर्ड के सहायक अभियंता चंद्रेश कुमार की मानें तो केमिकल फैक्ट्री के संचालन के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति लेनी चाहिए थी। यह फैक्ट्री बगैर अनुमति के ही चल रही थी। सहायक अभियंता ने बताया कि पानी की जांच में पीएच- 6 निकल रहा था। यह सामान्य पानी का होता है। हालांकि, इस खेल के बावजूद भी रहस्य उजागर हो सकता है। सहायक अभियंता ने बताया कि मिट्टी का भी नमूना लिया गया है। संभव है कि उसमें स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
ये भी थीं कमियां
इस फैक्ट्री के संचालन में की जा रहीं अनदेखी भी इंतजामों की बदहाली को चीख-चीख कर बता रहीं थीं। दरअसल, इसी अनदेखी की वजह से ही कहीं न कहीं मौत की दास्तान लिख डाली गई। केमिकल फैक्ट्री के अंदर घुसें तो एक टैंकर रखा हुआ है। उसके लिए भी कोई फाउंडेशन आदि नहीं बना था। परिसर में बना हौज भी टूटा था। उसकी एक साइड की दीवार तो टूटी थी। यही नहीं, परिसर से निकली नाली भी क'ची थी। इससे पानी जमीन में सोकता रहता।
कामर्शियल टैक्स विभाग में है पंजीकृत
जलालपुर स्थित केमिकल फैक्ट्री का पंजीकरण द बालाजी रसायन उद्योग के नाम से वाणिज्य कर विभाग में 16 अगस्त 2019 को पंजीकृत कराई गई। इसके प्रो. सुकेश गुप्ता बिसवां के पत्थर शिवाला बाजार के समीप रहते हैं। उपायुक्त उद्योग आशीष गुप्ता का कहना है कि केमिकल फैक्ट्री में सिर्फ एक टैंकर है। फर्म संचालक बाहर से केमिकल मंगाकर चीनी मिल व रोजा पॉवर प्लांट में आपूर्ति करता है। फैक्ट्री में हाइड्रो क्लोरिक एसिड, सोडियम हाइड्रो आक्साइड व हाइपो सल्यूशन केमिकल आता था। प्रदूषण विभाग इसकी जांच कर रहा है। इसके बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।