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Hathras Case: अभी पूरी नहीं हुई हाथरस कांड की SIT जांच, एक बार फिर मांग सकती है और समय

Hathras Case SIT Investigation हाथरस कांड की जांच कर रही एसआइटी में पुलिस अधिकारियों और कर्मियों की भूमिका को लेकर अभी कुछ बिंदुओं पर जांच कर रही है जिसके बाद वह अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने का काम शुरू करेगी।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 15 Oct 2020 08:56 PM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 07:20 AM (IST)
एसआइटी पुलिस अधिकारियों और कर्मियों की भूमिका को लेकर अभी कुछ बिंदुओं पर जांच कर रही है।

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित हाथरस कांड में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) जांच शुरू होने के साथ ही सचिव गृह भगवान स्वरूप की अध्यक्षता में गठित विशेष जांच दल (एसआइटी) भी प्रकरण में पुलिस भूमिका को लेकर अपनी जांच करने में जुटी है। एसआइटी जांच की मियाद शनिवार को पूरी हो रही है। सूत्रों का कहना है कि एसआइटी अभी अपनी जांच पूरी करने के लिए एक बार फिर समय सीमा बढ़ाने की मांग कर सकती है।

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हाथरस कांड की जांच कर रही एसआइटी पुलिस अधिकारियों और कर्मियों की भूमिका को लेकर अभी कुछ बिंदुओं पर जांच कर रही है, जिसके बाद वह अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने का काम शुरू करेगी। बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 30 सितंबर को सचिव गृह भगवान स्वरूप की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एसआइटी गठित की थी। एसआइटी में डीआइजी चंद्र प्रकाश और एसपी पूनम बतौर सदस्य शामिल हैं। एसआइटी को जांच के पहले सात दिनों का समय दिया गया था। बाद में एसआइटी को जांच पूरी करने के लिए 10 दिनों का अतिरिक्त समय दिया गया था, जिसकी मियाद 17 अक्टूबर को पूरी हो रही है।

बता दें कि 14 सितंबर को हाथरस कांड हुआ और 29 सितंबर को दलित युवती की मौत हो गई। उसके बाद जिस तरह आनन-फानन में युवती का अंतिम संस्कार किया गया, उसपर काफी विवाद हुआ था। इसके अलावा स्थानीय अधिकारियों द्वारा पीड़ित परिवार के साथ किए गए व्यवहार पर भी निशाना साधा गया था। इस बीच यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में एसआइटी बनाई थी और सात दिनों में रिपोर्ट देने को कहा था।

एसआइटी ने इस दौरान स्थानीय अधिकारियों, पीड़ित परिवार के सदस्यों, गांववालों और अन्य संबंधित लोगों से पूछताछ की थी। इस बीच एसआइटी ने जांच के लिए दस दिन का अतिरिक्त समय मांगा था, जिसके बाद अब ये वक्त पूरा हुआ है। अब एसआईटी की ओर से रिपोर्ट लिखने का काम चल रहा है, जिसे 17 अक्टूबर को यूपी सरकार को सौंपा जाना है। एसआइटी की शुरुआती जांच के आधार पर ही हाथरस एसपी को सस्पेंड किया गया था और अन्य कुछ अधिकारियों पर एक्शन लिया गया था। 


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