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SIT जांच में मथुरा के मुकुट मुखारविंद मंदिर में 11 करोड़ से अधिक की धांधली मिली, रिसीवर समेत 12 पर केस

एसआइटी जांच में सामने आया कि मथुरा के मुकुट मुखारविंद मंदिर के रिसीवर ने फूलों की सजावट में निर्धारित मूल्य से अधिक धन वसूला। इसमें फूलों के ठेकेदारों की भी संलिप्तता रही।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 11 Sep 2020 08:54 PM (IST)Updated: Fri, 11 Sep 2020 08:54 PM (IST)
SIT जांच में मथुरा के मुकुट मुखारविंद मंदिर में 11 करोड़ से अधिक की धांधली मिली, रिसीवर समेत 12 पर केस
SIT जांच में मथुरा के मुकुट मुखारविंद मंदिर में 11 करोड़ से अधिक की धांधली मिली, रिसीवर समेत 12 पर केस

लखनऊ, जेएनएन। विशेष जांच दल (एसआइटी) ने करोड़ों रुपये की आर्थिक अनियमितता के मामले में मथुरा के मुकुट मुखारविंद मंदिर के रिसीवर रमाकांत गोस्वामी समेत 12 आरोपितों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कर ली है। एसआइटी की शुरुआती जांच में 11 करोड़ रुपये की धांधली सामने आ चुकी है। अब इसमें और गड़बड़ियों की जांच की जा रही है। आरोपितों पर जांच एजेंसी का शिकंजा जल्द कसेगा। एसआइटी जांच में यह भी सामने आया है कि रिसीवर ने मंदिर में फूलों की सजावट में निर्धारित मूल्य से अधिक धन वसूला। इसमें फूलों के ठेकेदारों की भी संलिप्तता रही।

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मथुरा के मुकुट मुखारविंद मंदिर में संपत्तियों की खरीद-फरोख्त व फूल बंगले की रकम में 11 करोड़ रुपये से अधिक की आर्थिक अनियमितता की जांच एसआइटी को सौंपी गई थी। शासन की अनुमति मिलने के बाद एसआइटी ने आरोपित रमाकांत गोस्वामी, मनु ऋषि, संतोष कुमार, राम कृष्ण शर्मा, राधा किशन, ठेकेदार विवेक शर्मा, उनकी मां सिद्धश्री शर्मा, पिंटू सैनी, लट्टू सैनी, बिहारी लाल सैनी व उनकी पत्नी कमलेश सैनी, बिहारी लाल सैनी व कोकन बाबू मिश्रा के विरुद्ध धोखाधड़ी व अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की है।

एसआइटी ने जुलाई, 2019 में प्रकरण की जांच शुरू की थी और बीती 20 फरवरी को जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि मथुरा के मुकुट मुखारबिंद व हरगोकुल दसवलिया ब्राह्मणान में दान-भेंट की रकम में घोटाले की पुष्टि हुई है। जांच में पता चला कि रिसीवर रमाकांत गोस्वामी ने कोर्ट में भ्रामक तथ्य पेश कर विवादित संपत्ति खास महल के भवन को निर्धारित कीमत से करीब तीन गुना अधिक मूल्य पर खरीदा था। मामले में रिसीवर ने वैल्यूअर, विक्रेता, मुकुट मुखारविंद मंदिर के प्रबंधक व एक कर्मचारी के साथ सांठगाठ कर खेल किया था।

कोर्ट के आदेशों को दरकिनार कर कृषि योग्य भूमि की खरीद में भी घपला किया गया। इसके अलावा वृद्धा पेंशन, कन्या विवाह, छात्रवृत्ति व अन्य मदों में मनमाने ढंग से चेकों के जरिए दान की रकम में घपला किया गया था। अधिक भुगतान करने के बाद रिसीवर ठेकेदारों से अपना कमीशन वसूलता था। एसआइटी अधिकारियों के मुताबिक घोटाले की रकम और बड़ी होने की आशंका है। इस बिंदु पर अभी और जांच की जाएगी।


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