सीएम योगी के मंत्री ने वापस करवाई रिश्वत, दिए एफआइआर के निर्देश
परिवार कल्याण महानिदेशालय में कार्यरत वरिष्ठ सहायक रामकिशोर रावत ने जबरन एक लाख रुपये की रिश्वत ली।
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। सरकारी महकमों में नौकरी के लिए रिश्वत लेने-देने के किस्से नए नहीं हैं लेकिन, ऐसे ही एक मामले पर स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह की तरफ से कुछ में हुई कार्रवाई ने भ्रष्टाचारियों को चौंका दिया है। परिवार कल्याण महानिदेशालय में मृतक आश्रितों की नियुक्ति में रिश्वत लिए जाने की शिकायत पर मंत्री ने पहले तो वसूली गई रिश्वत वापस कराई और अब प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को एफआइआर कराके रिश्वतखोर कर्मचारी को जेल भिजवाने के निर्देश दिए हैं।
मृतक आश्रित कोटे में नौकरी के लिए एक पात्र अभ्यर्थी श्वेता सिंह से परिवार कल्याण महानिदेशालय में कार्यरत वरिष्ठ सहायक रामकिशोर रावत ने जबरन एक लाख रुपये की रिश्वत ली। श्वेता ने 10 नवंबर को इसकी शिकायत स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह से की। मंत्री की जांच में सामने आया कि केवल श्वेता से ही नहीं, करीब दो दर्जन अन्य अभ्यर्थियों से भी नौकरी के लिए रिश्वत ली गई।
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मंत्री ने सीधे रावत को फोन कर रिश्वत वापस करने की चेतावनी दी। इस पर रावत श्वेता को तो दौड़कर बस अड्डे पर ही रकम पकड़ा आए। इसी बीच एक और अभ्यर्थी नीलू सिंह से 30 हजार रुपये लिए जाने की बात सामने आई। रावत ने मंत्री के सामने नीलू से भी रिश्वत लेना कुबूल किया। इस पर नीलू को भी रिश्वत की रकम वापस कराई गई। इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने बुधवार को प्रमुख सचिव स्वास्थ्य प्रशांत त्रिवेदी को रिश्वतखोर कर्मचारी के खिलाफ एफआइआर दर्ज करा के उसे जेल भेजने के निर्देश दिए हैं।