श्रीकांत शर्मा को मिल रही यूपी भाजपा अध्यक्ष बनने की बधाई, इंटरनेट मीडिया पर वायरल; जानें- क्या है सच्चाई
यूपी के मथुरा से भाजपा विधायक श्रीकांत शर्मा को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी मिलने की जो चर्चा शुरू हुई वह अब भी जारी है। इंटरनेट मीडिया तो श्रीकांत शर्मा को भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की बधाइयां भी मिलने लगी हैं।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का अगला प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा, इसे लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। तमाम समीकरणों के दृष्टिकोण से अलग-अलग नामों पर दावा किया जा रहा है। इनमें ब्राह्मण वर्ग से पिछली सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे डा. दिनेश और ऊर्जा मंत्री रहे श्रीकांत शर्मा का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है।
कुछ लोगों की जुबान पर अलीगढ़ सांसद सतीश गौतम का भी नाम है। इसी तरह कई नाम दलित समाज के भी संभावित माने जा रहे हैं। इस बीच रविवार को अचानक इंटरनेट मीडिया पर एक चर्चा जोर पकड़ गई कि श्रीकांत शर्मा को भाजपा का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। समर्थकों ने बधाइयों का तांता लगा दिया।
जिलों से पदाधिकारियों के फोन प्रदेश संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों तक पहुंचने लगे। आखिरकार यह चर्चा हवाई साबित हुई। श्रीकांत शर्मा का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की उनके पास कोई सूचना नहीं है। समर्थकों ने जो सूचना इंटरनेट मीडिया पर चलाई है, वह निराधार है।
दूसरी बार सत्ता में आई भाजपा सरकार में मथुरा से विधायक श्रीकांत शर्मा को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी मिलने की जो चर्चा शुरू हुई वह अभी भी जारी है। सोशल मीडिया तो श्रीकांत शर्मा को भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की बधाईयां भी मिलने लगी हैं। प्रदेश अध्यक्ष बनने की बधाई के कुछ पोस्ट भी वायरल हुए हैं।
श्रीकांत को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनने की बधाई कोई और नहीं बल्कि भाजपा के विधायकों ने ही दे डाली। हालांकि संगठन की ओर से अभी इस बात की किसी तरह की कोई जानकारी नहीं दी गई है। इसके बाद शाम होते-होते सभी ने अपनी-अपनी पोस्ट को डिलीट करना भी शुरू कर दिया, लेकिन पूर्व मंत्री श्रीकांत शर्मा को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चाएं अभी जारी हैं।
बता दें कि स्वतंत्र देव सिंह को कैबिनेट मंत्री बनाने के बाद से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का पद खाली है। राज्य में भाजपा का नया अध्यक्ष कौन होगा इस पर मंथन जारी है। दावों में कई नाम हैं और गुणा-भाग में मनमाफिक समीकरण, लेकिन पार्टी के रणनीतिकार लोकसभा चुनाव को देखते हुए हर पहलू को देख-टटोल रहे हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के लिए कई चेहरों पर नजर है। फिर चाहे वह पुराने सफल फार्मूले में फिट ब्राह्मण हो या बदलती परिस्थितियों में उपयोगी समझा जा रहा दलित वर्ग का कोई नेता। बताया जा रहा है कि मिशन 2024 के लिए किसी ब्राह्मण को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाएगा। पार्टी में ब्राह्मण नेताओं की कमी नहीं है, इसलिए इस समीकरण में कई चेहरे फिट किए जाने लगे।
पहला नाम पिछली सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे डा. दिनेश शर्मा का आया। तर्क यह कि डा. शर्मा भाजपा संगठन के अनुभवी कार्यकर्ता हैं। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का दायित्व संभाल चुके हैं। वह प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी बेहतर ढंग से संभाल सकते हैं। वरिष्ठता को देखते हुए वह विधान परिषद सभापति पद के भी उपयुक्त माने जा रहे हैं।
प्रदेश अध्यक्ष पद के दावेदारों में एक चर्चित नाम योगी सरकार-1.0 में ऊर्जा मंत्री रहे श्रीकांत शर्मा का भी है। माना जा रहा है कि पार्टी युवा नेता के रूप में उनकी ऊर्जा का उपयोग संगठन में करेगी। उन्हें प्रदेश की कमान सौंपी जा सकती है, क्योंकि वह भी संगठन के पुराने कार्यकर्ता रहे हैं। केंद्रीय संगठन में काम कर चुके हैं।
दूसरा समीकरण बनता है दलित नेता के लिए। दरअसल, पार्टी नेताओं का ही तर्क है कि इस विधानसभा चुनाव में वह दलित वोटर भी अच्छी संख्या में भाजपा को मिला है, जो बसपा का माना जाता था। चुनावी नतीजों ने भाजपा का यह भरोसा मजबूत किया है कि सवर्ण और पिछड़ों के उसके मौजूदा वोट बैंक में यदि दलित वोट बैंक भी जुड़ता है तो उसके लिए लोकसभा चुनाव की लड़ाई और आसान हो जाएगी।