अयोध्या मामले का हल कोर्ट के बाहर शीघ्र, जो काम हाथ लिया पूरा कियाः श्रीश्री
आर्ट आफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर की नजर में अयोध्या मामले का समाधान शीघ्रतिशीघ्र कोर्ट के बाहर होना जरूरी है। उनका दावा है कि जो काम हाथ लिया पूरा किया है।
लखनऊ (जेएनएन)। अयोध्या मामले का समाधान शीघ्रतिशीघ्र कोर्ट के बाहर होना जरूरी है। यह मानना है आर्ट आफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर का। उनका दावा है कि वह जो काम हाथ में लेते हैं, उसे पूरा करते हैं। वह आज श्रावस्ती, गोंडा होते हुए यूपी की राजधानी लखनऊ पहुंचे। वह अपने विभिन्न पड़ावों पर अपने अनुयायियों और समर्थकों से मिलते हुए आगे बढ़ रहे हैं। उनका यह दौरा ओम अनुग्रह यात्रा का हिस्सा है। इस दौरान कई मौकों पर वह मीडिया से बातचीत करते नजर आए। उनके सामने सबसे बड़ा सवाल राम मंदिर निर्माण को लेकर उठता रहा है।
आपसी सौहार्द को लेकर यात्रा
गोंडा जिले में श्रीराम मंदिर के अयोध्या में बनाए जाने को लेकर पूछे सवाल के जवाब में कहा कि जो भी काम हमने हाथ में लिया है, उसमें सफलता मिली है। यह समझने की बात है कि देश के दोनों समुदाय के लोग जिस तरह से एक साथ सौहार्द के साथ रहते हुए आए हैं, उसे आगे बढ़ाने के लिए इसका समाधान शीघ्रतिशीघ्र कोर्ट के बाहर होना जरूरी है। इसमें कोई सौदा नहीं बल्कि सौहार्द है। उन्होंने कहा कि दोनों समुदायों के बीच आपसी सौहार्द को लेकर यात्रा कर रहा हूं। पीएनबी घोटाले के मुद्दे पर उन्होंने कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया।
कोर्ट के बाहर हल निकलना अच्छा
गोरखपुर में आध्यात्मिक गुरु ने कहा कि राम मंदिर निर्माण मुद्दे पर प्रमुख लोगों से बातचीत चल रही है। शीघ्र ही कोई समाधान निकल आएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी बात हुई है, उनका भी मानना है कि कोर्ट के बाहर इसका हल निकल जाए तो अच्छा है। उन्होंने कहा कि मैं लखनऊ जा रहा हूं वहां नदवी से मुलाकात करूंगा। उम्मीद करता हूं कि शीघ्र ही कोई समाधान निकल आएगा।श्रीश्री रविशंकर आर्ट आफ लिविंग के तत्वावधान में यहां सैयद मोदी रेलवे स्टेडियम में आयोजित ऊं अनुग्रह उत्सव में शामिल होने के बाद रेलवे गेस्ट हाउस में रुके थे। वह विशेष ट्रेन से अपने 1200 अनुयायियों के साथ इस समय ऊं अनुग्रह यात्रा पर हैं। बुधवार को गोरखपुर से अनुग्रह यात्रा में आगे बढऩे से पूर्व उन्होंने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि दोनों पक्षों में सहमति बन रही है। सबका मानना है कि कोर्ट के बाहर इसका समाधान निकल जाए तो बेहतर होगा। मैं भी यही कोशिश कर रहा हूं। लोगों का समर्थन भी प्राप्त हो रहा है।
जयगुरुदेव का जयघोष
इसके पूर्व श्रीश्री रेलवे गेस्ट हाउस में कुछ खास अनुयायियों से मिले। इस दौरान करीब दो दर्जन श्रद्धालु बाहर बरामदे में भजन-कीर्तन करते रहे। श्रीश्री वहां से निकलकर आपने एक अनुयायी शिखा बिज के घर गए, मुलाकात की, कुशल-क्षेम पूछा और आशीर्वाद दिया। तत्पश्चात रेलवे स्टेशन आए। रेलवे स्टेशन पर उनके सैकड़ों अनुयायी उनका इंतजार कर रहे थे। श्रीश्री की गाड़ी ज्यों ही आती हुई दिखी, जयगुरुदेव का जयघोष गूंजने लगा। उनके दर्शन को लोग लालायित थे और उनके करीब पहुंच जाने को आतुर। श्रीश्री के साथ बंगलौर व अन्य स्थानों से आए अनुयायियों व सुरक्षा बलों ने घेरा बना लिया, फिर भी अनुयायी उनके करीब पहुंचने की कोशिश करते रहे। बड़ी भीड़ के बीच से सबको आशीर्वाद देते और मुस्कारते श्रीश्री अनुग्रह यात्रा की विशेष ट्रेन तक पहुंचे। थोड़ी देर बाद ट्रेन लखनऊ के लिए रवाना हो गई।