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'छोटी सी गुजारिश' कान्स फिल्म फेस्टिवल में, 24 अंतरराष्ट्रीय समारोहों में अब तक मिले 13 अवार्ड

चंद मिनटों में झकझोरती रिश्तों और संवेदनाओं की लघुफिल्म 'छोटी सी गुजारिश'।

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 May 2018 04:35 PM (IST)Updated: Sat, 12 May 2018 04:40 PM (IST)
'छोटी सी गुजारिश' कान्स फिल्म फेस्टिवल में, 24 अंतरराष्ट्रीय समारोहों में अब तक मिले 13 अवार्ड
'छोटी सी गुजारिश' कान्स फिल्म फेस्टिवल में, 24 अंतरराष्ट्रीय समारोहों में अब तक मिले 13 अवार्ड

लखनऊ[जागरण संवाददाता]। हमारे संस्कारों-मानवीय संवेदनाओं के बदलते परिवेश में नयी पीढ़ी में तेजी से होते अवमूल्यन को रेखाकित करती लखनऊ में बनी लघु फिल्म 'छोटी सी गुजारिश' ने मई में पेरिस में होने वाले कास फिल्म फेस्टिवल में भी अपनी जगह बना ली है। टीएनवी फिल्म्स के बैनर पर बनी निर्माता-निर्देशक प्रज्ञेश कुमार इस फिल्म ने राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 24 बार आधिकारिक चयन प्राप्त करते हुए अबतक बेस्ट शार्ट फिल्म, बेस्ट स्टोरी, बेस्ट एक्टर-एक्टेऊस, बेस्ट इंडियन शार्टफिल्म कैटेगरी सहित राइटिंग, डायरेक्शन, सिनेमैटोग्रॉफी व एक्टिंग कैटेगरी में 13 अवार्ड हासिल किए हैं। बदलती पीढ़ी की कहानी है 'छोटी सी गुजारिश'

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प्रज्ञेश कुमार सिंह ने बताया कि पहले माना जाता था कि 25 साल में पीढ़ी बदल जाती है। मगर ग्लोबलाइजेशन के दौर में जेनरेशन चेंज का अंतराल काफी कम हो गया है। अब तो कोई पंद्रह साल का मॉडर्न बच्चा अपने नॉलेज, इंटरेस्ट और एटीट्यूड के साथ सामने खड़ा होकर हमें एहसास करा देता है कि पीढ़ी बदल गई है। छोटी सी गुजारिश तेजी से बदलती इसी पीढ़ी की कहानी है। नई पीढ़ी उन मूल्यों को तवज्जो नहीं देती जो समाज के लिए बुनियादी और अहम हैं। उसे सिर्फ सक्सेज, कॅरियर और अपनी परेशानियों से मतलब है। ऐसे में मा-बाप या हमारे बुजुर्ग खुद को कहा पाते हैं? वो नई पीढ़ी से तालमेल मिलाएंगे या फिर अपनी सोच संस्कारों के साथ आगे बढ़ेंगे? ये फिल्म का अहम मुद्दा है।

नजर आएंगे ये कलाकार

लखनऊ और आसपास शूट हुई फिल्म में इंदर कुमार, शिशिर शर्मा और स्मिता जयकर जैसे नामी फिल्मी कलाकारों के साथ स्थानीय कलाकार हैं। सिनेमेटोग्राफी सन् 2012 में राष्ट्र्रीय पुरस्कार प्राप्त फिल्म 'फिल्मिस्तान' फेम शुभ्राशु दास की है।

कांस फेस्टिवल से पहले भी हुई चयनित

फिल्म कान्स फेस्टिवल से पहले फिल्म वाशिगटन डीसी साउथ एशियन फिल्म फेस्टिवल, वेनेजुएला इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, रोजारिटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, सेफालू इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, एनईजेड इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, सदर्न स्टेट इंडो फिल्म फेस्टिवल में चयनित हुई है। देश में हुए समारोहों में मुंबई इंटरनेशनल शार्ट फिल्म फेस्टिवल, जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, दिल्ली इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, नोएडा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, जोधपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, शान-ए-अवध फिल्म फेस्टिवल, टाप शा‌र्ट्स इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, फाइव कान्टीनेंट इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, बंज़ारा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, लेक व्यू इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, चंबल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, साउथ फिल्म एंड आ‌र्ट्स अकादमी फेस्टिवल में शामिल होकर 13 अवॉर्ड हासिल कर चुकी है। फिल्म के पुरस्कार-सम्मान व सराहना का ये सिलसिला अभी थमा नहीं।

प्रज्ञेश कुमार बना चुके हैं ये चर्चित लघु फिल्में

निर्माता के तौर पर रजत कपूर के साथ 'रैट रेस', शर्लिन चोपड़ा के साथ 'चमेली', मुंबई की लोकल टेनों की समस्या पर 'डियर लोकल', सफाई अभियान पर 'स्वच्छ भारत', 'हाफ ट्रुथ', 'क्यूट गर्ल', 'मीना' जैसी कई चर्चित लघु फिल्में प्रज्ञेश कुमार बना चुके हैं।


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