कुनबे की कलहः लोहिया ट्रस्ट से रामगोपाल की छुट्टी, शिवपाल को जिम्मेदारी
मुलायम सिंह यादव पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर लगाम लगाने के प्रयास में हैं। इसी क्रम में आज लोहिया ट्रस्ट की बैठक में उन्होंने प्रोफेसर रामगोपाल यादव को सचिव के पद से हटा दिया।
लखनऊ (जेएनएन)।समाजवादी कुनबे की कलह ने गुरुवार को नया मोड़ लिया। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने लोहिया ट्रस्ट में सचिव पद से रामगोपाल यादव की छुुट्टी कर शिवपाल यादव की नियुक्ति कर दी है। वहीं अखिलेश यादव व धर्मेन्द्र यादव के साथ आजम खां व बलराम यादव का बैठक में नहीं पहुंचाना भी चर्चा का मुद्द बना है। समाजवादी पार्टी के 23 सितंबर को प्रस्तावित प्रांतीय अधिवेशन के बाद 25 सितंबर को मुलायम अहम फैसला करेंगे।
गुरुवार को विक्रमादित्य मार्ग पर सपा दो खेमों में विभक्त दिखी। दोपहर 12 बजे पार्टी मुख्यालय में अखिलेश यादव जहां बसपा के बागियों को सदस्यता दिलाने में मशगूल थे वहीं निकट स्थित लोहिया ट्रस्ट के दफ्तर में मुलायम सिंह ने बड़ा उलटफेर किया। ट्रस्ट के सचिव पद से रामगोपाल यादव को हटाने और शिवपाल यादव की ताजपोशी करने का फैसला लिया। लगभग आधा घंटे चली इस बैठक में प्रधान ट्रस्टी मुलायम सिंह ने पिछली कार्यवाही की पुष्टि के बाद आय-व्यय पर विचार भी किया। सामाजिक गतिविधियों पर चर्चा करते हुए सचिव पद से रामगोपाल को हटाने का निर्णय लिया। वहीं, बैठक में छह सदस्यों की गैरहाजिरी पर भी चर्चा की गयी और मुलायम सिंह को फैसला लेने के लिए अधिकृत भी किया गया।
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अखिलेश के करीबी रहें गैरहाजिर
लोहिया ट्रस्ट की लगातार दूसरी बैठक में अखिलेश यादव और उनके करीबी नहीं आए। बैठक के समय अखिलेश निकट ही पार्टी मुख्यालय में बसपा के बागियों को सदस्यता ग्रहण करा रहे थे। ट्रस्ट में मुलायम के अलावा 12 सदस्य हैं। जिसमें अखिलेश यादव, शिवपाल सिंह यादव, प्रो. रामगोपाल, धर्मेंद्र यादव, बलराम यादव, आजम खां, जगपाल सिंह और भगवती सिंह शामिल हैं। गत आठ अगस्त को भी बैठक में अखिलेश व रामगोपाल नहीं आए थे। गुरुवार को बैठक से अखिलेश के साथ रामगोपाल यादव, बलराम यादव, धर्मेद्र यादव, जगपाल सिंह और आजम खां भी गैरहाजिर रहें।
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शिवपाल समर्थकों का दबदबा
लोहिया ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी मुलायम सिंह इससे पूर्व भी अखिलेश के चार समर्थक सदस्यों नेता विरोधी दल राम गोविंद चौधरी, विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन, ऊषा वर्मा व आलोक शाक्य को बाहर किया था। उनके स्थान पर रामनरेश यादव, राम सेवक यादव, राजेश यादव और दीपक मिश्रा को शामिल किया गया था। अब रामगोपाल को सचिव पद से हटाने के बाद शिवपाल समर्थकों का दबदबा बढ़ा है।
Abhi tak Ram Gopal Yadav sachiv trustee they, unhein hata kar ke mera naam prastavit kar dia hai: Shivpal Yadav after meeting of Lohia Trust pic.twitter.com/9BijQOlsKw— ANI UP (@ANINewsUP) September 21, 2017
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सपा सम्मेलन का न्यौता नहीं मिला
बैठक के बाद शिवपाल ने बताया कि समाजवादी पार्टी के प्रांतीय व राष्ट्रीय सम्मेलनों का निमंत्रण नहीं मिला इसलिए वहां जाने का सवाल नहीं उठता है। अलग संगठन बनाने के प्रश्न पर गोलमोल जवाब देते हुए शिवपाल ने कहा कि मुलायम सिंह यादव जो फैसला लेंगे उसका पालन होगा।