तीन तलाक देने वालों पर दुष्कर्मी की तरह कानूनी कार्रवाई होः शिया वक्फ बोर्ड
छोटीसी बात पर तीन तलाक देने के दोषियों पर धोखाधड़ी और दुष्कर्म की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए।-शिया वक्फ बोर्ड अध्यक्ष वसीम रिजवी
लखनऊ (जेएनएन)। शिया वक्फ बोर्ड तीन तलाक पर कानून बनाने को केंद्र सरकार का अच्छा फैसला करार देता है। वह किसी महिला से शादी कर छोटीसी बात पर तलाक देने को अपराध से कम नहीं मानता और इसके दोषियों को तीन तलाक देने पर दुष्कर्म की धाराओं में मुकदमा दर्ज करने की बात कहता है।
इससे इतर कुछ मुस्लिम संगठनों के सहारनपुर सम्मेलन में प्रस्तावित तीन तलाक बिल का विरोध किया गया। सम्मेलन ने इसे मुस्लिम परिवारों की व्यवस्था तोडऩे का षड्यंत्र करार दिया।
तीन तलाक पर दुष्कर्म की धारा लगेः वसीम
शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने कहा कि तीन तलाक पर कानून बनाना केंद्र सरकार का अच्छा फैसला है। विपक्ष ने इसे रोककर मुस्लिम महिलाओं के साथ ज्यादती की है। उन्होंने कहा कि किसी महिला से शादी कर उसे छोटी सी बात पर एक ही बार में तलाक देना अपराध से कम नहीं। ऐसे मामले में तलाक देने वाले पर दुष्कर्म व धोखाधड़ी की धारा भी लगानी चाहिए। शाहजहांपुर के मुमुक्षु आश्रम में रिजवी ने पत्रकारों से कहा कि तीन तलाक पर कानून पास होना चाहिए।
राम मंदिर के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड का दावा खारिज हो जाने के बाद शिया वक्फ बोर्ड ने इस मामले में याचिका दायर की है। बोर्ड वहां पर जमीन में किसी तरह का हिस्सा नहीं चाहता है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर बने, जबकि लखनऊ में शिया बोर्ड को जमीन उपलब्ध कराई जाए, जहां पर मस्जिद-ए-अमन बनाई जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में करीब 2300 मदरसे बिना मान्यता के चल रहे हैं।
जिन मदरसों को मान्यता दी गई, उनमें से अधिकांश में टाट पट्टी पर पढ़ाई हो रही है। रिजवी ने कहा कि मदरसों में पढ़ाई का स्तर संतोषजनक नहीं है। शिया वक्फ की संपत्ति पर खुले गैर मान्यता प्राप्त मदरसे बंद होंगे। जो संचालक ऐसा नहीं करेगे उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा। इतना ही नहीं शिशु मंदिर व मिशिनिरी के स्कूलों की तर्ज पर मदरसों में 15 फीसद बच्चे अन्य धर्म व जातियों के पढ़ाना जरूरी होगा।
तीन तलाक बिल का विरोध
तीन तलाक को लेकर सहारनपुर सम्मेलन में मुस्लिम महिलाओं ने तीन तलाक बिल का विरोध किया। साथ ही प्रस्ताव पारित कर राष्ट्रपति से इस पर रोक लगाने की मांग की। आल इंडिया दीनी मदारिस बोर्ड, मिल्ली तालीमी ट्रस्ट, जामिअतुत तय्यिबात, मदरसा मारिफुल कुरआन, अब्दुल हमीद एजुकेशनल एवं वेलफेयर सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में मुस्लिम महिलाओं ने तीन तलाक बिल को मुस्लिम परिवारों की व्यवस्था तोडऩे का षड्यंत्र करार दिया। मदरसे की शिक्षिका करीम बानो ने अध्यक्षता करते हुए बिल के विरोध में पांच प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कराकर राष्ट्रपति को प्रेषित किए।
इन प्रस्ताव में केन्द्र सरकार से मांग की गई कि तीन तलाक संबंधी बिल वापस लें या महिलाओं के अधिकार के साथ पुरुषों के अधिकारों को भी सुरक्षित रखते हुए शरीअत के मुताबिक संशोधन करें। कहा कि बिल को राज्यसभा की सलेक्ट कमेटी के सुपुर्द किया जाए।