केजीएमयू में बना करोड़ों का रैन बसेरा, फर्श पर तीमारदार Lucknow News
केजीएमयू में हर वक्त रहते हैं पांच हजार से ज्यादा तीमारदार करोड़ों की लागत से बना रैन बसेरा बंद पड़ा है।
लखनऊ, जेएनएन। केजीएमयू में पूरे प्रदेश से हजारों मरीज रोजाना आते हैं। उनके साथ तीमारदारों की भीड़ भी होती है। जो मरीज गंभीर रोग के कारण भर्ती होते हैं, उनके परिजन कैंपस में ही रुकते हैं। खुले आसमान में उनकी रात न कटे, इसलिए रैन बसेरे का निर्माण किया गया है। यह क्यों जरूरी था, मरीजों के आंकड़े देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है। करीब पांच हजार तीमारदार यहां हर वक्त रहते हैं।
रैन बसेरे की स्थिति
10 हजार के आसपास रोजाना ओपीडी होती, मरीज और तीमारदार की स्थिति, 04 हजार बेड हर वक्त मरीजों से फुल रहते, 4400 बेड की कुल सुविधा यहां उपलब्ध, 8000 से ज्यादा तीमारदार रोजाना आने का अनुमान। 03 मंजिल बनाई गई बिल्डिंग। नवंबर 2016 को रैन बसेरे का शिलान्यास रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने किया था, 240 बेड यहां फांक रहे धूल, 7.60 करोड़ रुपये पावर ग्रिड ऑफ कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने सीएसआर फंड से दिए थे। प्राइवेट रूम भी प्रत्येक तल पर बनाए गए, बेड हर तल पर ठहरने के लिए डाले गए हैं, साल में तीन तीन फ्लोर का रैन बसेरा बना, सात डॉरमेट्री प्रत्येक तल पर तैयार।
केजीएमयू के शताब्दी परिसर में करोड़ों का रैन बसेरा बनकर साल भर से तैयार है। यहां लाखों के बेड व गद्दे भी पड़े धूल फांक रहे हैं। वहीं दूर-दराज से आए तीमारदार ठंड में ठिठुरने को मजबूर हैं। यह हाल तब है जब गुरुवार को मुख्यमंत्री ने ट्रॉमा सेंटर में रैन बसेरे की अव्यवस्था पर नाराजगी जता चुके हैं। साथ ही व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए। बावजूद, स्थिति में सुधार नहीं हुआ।
केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि अभी निर्माण कार्य चल रहा है। इसलिए रैन बसेरा शुरू नहीं किया गया। फरवरी से तीमारदारों को सुविधा मिलने लगेगी।