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तबीयत बिगड़ने की बात पर कुंभ से काशी रवाना हो गए शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद

श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए रामाग्रह यात्रा निकालने की घोषणा कर चुके शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती अचानक काशी चले गए।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 14 Feb 2019 03:57 PM (IST)Updated: Thu, 14 Feb 2019 09:23 PM (IST)
तबीयत बिगड़ने की बात पर कुंभ से काशी रवाना हो गए शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद

लखनऊ, जेएनएन।  सांस लेने में तकलीफ की शिकायत पर द्वारका पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को इलाज के लिए गुरुवार को प्रयागराज से वाराणसी लाया गया। यहां बीएचयू हॉस्पिटल के आइसीयू वार्ड में भर्ती कर उनका इलाज शुरू कर दिया गया है। श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए रामाग्रह यात्रा निकालने की घोषणा कर चुके शंकराचार्य पर प्रयागराज में प्रशासन यात्रा न निकालने का दबाव बना रहा था। इसके मद्देनजर मंडलायुक्त डॉ. आशीष गोयल व पुलिस अधिकारी गुरुवार की सुबह शंकराचार्य को मनाने मनकामेश्वर मंदिर गए थे। वहां अयोध्या से आए अधिकारी भी डटे थे। अधिकारियों का दबाव बढऩे पर शंकराचार्य दोपहर एक बजे प्रयागराज से काशी रवाना हो गए। वह 17 फरवरी की सुबह प्रयाग आकर यात्रा में शामिल होंगे।

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वहीं, बीएचयू चिकित्सकों के अनुसार स्वामी स्वरूपानंद को चेस्ट व यूरिनल इंफेक्शन के साथ ही सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। आइसीयू में भर्ती करने के बाद उनका इलाज किया जा रहा है। डाक्टरों ने उन्हें 48 घंटे आइसीयू में रखने की सलाह दी है। इलाज कर रहे डाक्टरों के अनुसार कुंभ प्रवास के दौरान ठंड लगना इसकी प्रमुख वजह है। फिलहाल स्वामी जी खतरे से बाहर हैं, अगले दो दिन तक आइसीयू में ही रखकर उनका इलाज किया जाएगा। 

निकालेंगे रामाग्रह यात्रा 

स्वामी स्वरूपानंद के शिष्य व मनकामेश्वर मंदिर के प्रभारी श्रीधरानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती काशी से प्रयाग आकर 17 फरवरी को रामाग्रह यात्रा निकाल कर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का शिलान्यास करने वाले हैं। वह ऐसा न करें इसके लिए प्रयागराज मंडलायुक्त सहित कई पुलिस व प्रशासन के अधिकारी उन्हें सुबह से घेरे थे, जिसके चलते वह असहज महसूस करने लगे। उनका स्वास्थ्य भी खराब था, जिसके चलते वह काशी चले गए हैं, लेकिन रामाग्रह यात्रा बंद नहीं होगी। 

परमधर्म संसद में किया था ऐलान

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने प्रयागराज के कुंभ क्षेत्र में हुई परमधर्म संसद में 21 फरवरी को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए शिलान्यास करने की घोषणा की थी। वह 17 फरवरी को रामाग्रह यात्रा निकालकर अयोध्या रवाना होने वाले हैं। यात्रा का प्रतापगढ़ व सुलतानपुर में प्रवास होने के बाद 20 फरवरी को अयोध्या पहुंचना है। 

शाह की यात्रा का दिखा असर 

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के प्रयाग आगमन का असर शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती की रामाग्रह यात्रा पर दिखने लगा है। अमित शाह ने खुलकर किसी से कुछ नहीं कहा, लेकिन उनके सामने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के समस्त पदाधिकारियों व अखाड़ों के महात्माओं से स्वरूपानंद की रामाग्रह यात्रा में अयोध्या न जाने का आग्रह किया था। योगी ने कहा था कि राम मंदिर निर्माण का हल निकाला जा रहा है, आप लोग अयोध्या न जाएं। यह वो महात्मा थे, जिन्होंने विहिप की धर्म संसद का विरोध व स्वरूपानंद की रामाग्रह यात्रा का समर्थन किया था। योगी की अपील के बाद महात्मा अयोध्या न जाने का मन बना रहे थे।


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