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आबादी के दबाव का बोझ उठाने में हांफ रहीं सीवर लाइनें

-80 के दशक की आबादी के लिहाज से बनी सीवर व्यवस्था ध्वस्त होने के कगार पर -पुरानी लाइनें चो

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Dec 2017 08:05 PM (IST)Updated: Sun, 10 Dec 2017 08:05 PM (IST)
आबादी के दबाव का बोझ उठाने में हांफ रहीं सीवर लाइनें

-80 के दशक की आबादी के लिहाज से बनी सीवर व्यवस्था ध्वस्त होने के कगार पर

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-पुरानी लाइनें चोक होने के बावजूद नई बिछी लाइनों से नहीं जोड़ी गई

जागरण संवाददाता, लखनऊ : वर्षों पुरानी सीवर लाइनें आबादी के दबाव का बोझ नहीं उठा पाने की वजह से हांफ रही हैं। इसके चलते जगह-जगह चोक हो रही हैं और नई सीवर लाइनों को अब तक चालू नहीं किया गया है। आलम यह है कि नगर निगम क्षेत्र की आबादी करीब 35 लाख हो चुकी है, लेकिन 80 के दशक की आबादी के लिहाज से बिछाई गई सीवर लाइनें ही अब तक काम कर रही हैं। अब यह व्यवस्था भी ध्वस्त होने की कगार पर पहुंच गई है। हालत ये है कि शहर के 25 फीसद अनियोजित क्षेत्र तक सीवर लाइन अब तक पहुंचाई ही नहीं जा सकी है। इन क्षेत्रों में सोख्ता टैंक के जरिये ही लोग काम चला रहे हैं। जवाहर लाल नेहरू नेशनल अरबन रिन्यूअल मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत अरबों रुपये के सीवर के काम 2012 तक किए गए थे, लेकिन इन नई लाइनों से पुरानी लाइनें जोड़ी ही नहीं गई। अब अमृत योजना के तहत सीवर लाइन बिछाने और जोड़ने का बचा हुआ काम करने की तैयारी की जा रही है।

जागृति विहार में सीवर चोक

अलीगंज सेक्टर-जे में मकान संख्या ई 3 521 से 540 तक पिछले एक महीने से चोक पड़ी सीवर लाइन की सफाई करने कोई नहीं पहुंचा। आरोप है कि शिकायत के बाद भी अधिकारी छुट्टियों का हवाला देते रहे, इसके बाद फोन ही उठाना बंद कर दिया। आलम यह है कि यहा के घरों में सीवर का पानी भर रहा है। आशीष, एनपी श्रीवास्तव, आरपी वर्मा, सुरेश चंद्र द्विवेदी, रजनी कात चतुर्वेदी, वीरेंद्र सक्सेना, एसपी श्रीवास्तव, एचएस सिंह, एपी गुप्ता, सुरेश द्विवेदी ने अपनी दिक्कतें गिनाईं। अधिशासी अभियंता कुलदीप सिंह से शिकायत की गई पर अभी तक कोई कार्रवाई नही की गई है। एलएमसी यूपीएनआइसी साइट पर भी शिकायत करा दी है जिसका डॉकेट नंबर 418697 है।

28 वर्ष में नहीं चालू हुई सीवर लाइन

वर्ष 1989 में नगर निगम सीमा में शामिल हुए चिनहट वार्ड, इस्माइलगंज द्वितीय वार्ड व शहीद भगत सिंह वार्ड आज भी सीवर लाइन चालू न होने की समस्या से जूझ रहा है। इन वाडरें में सीवर लाइन तो पड़ी है, लेकिन अभी तक लोगों के घरों से कनेक्ट नहीं किया गया। जिससे घरों का पानी या तो नालियों में जाता है या फिर सड़क पर बहता है। यहा तीन बार सीवर लाइन डाली गई, लेकिन अभी तक इसे चालू नहीं किया जा सका। वार्ड की करीब 50 फीसद आबादी जलभराव की समस्या से जूझ रही है। शीतला माता मंदिर, कुम्हारन टोला, कबड़ियन टोला, बुद्ध विहार कॉलोनी, जमादर मुहल्ला में आज भी जलभराव की जबरदस्त समस्या है। वाल्मीकि मुहल्ला, बुद्ध विहार कॉलोनी के आचार्य पब्लिक स्कूल के पास सड़क पर फैला नाले का पानी लोगों के लिए मुसीबत का सबब बना है।

कुंडरी रकाबगंज में दुर्गा मंदिर के आसपास गंदगी : तिलक नगर वार्ड के कुंडरी रकाबगंज रोड स्थित ललिता शास्त्री मांटेसरी स्कूल के पास महीनों से सीवर लाइन चोक है। शास्त्री नगर में दुर्गा मंदिर के आसपास नालिया चोक हैं। दुर्गंध और गंदगी बनी रहती है। राजा बाजार वार्ड मे बाग मक्का और कश्यप नगर, रस्तोगी टोला एवं डेग वाली गली सहित कई मुहल्लों में सीवर चोक है। बजबजाती नालियों की दुर्गंध और गंदगी रोड पर फैली रहती है। जलभराव की समस्या हमेशा बनी रहती है। सीवर चोक होने से मौलवी अनवर बाग, अस्तबल चारबाग, यहियागंज, टेढ़ी बाजार, बाग काजी मे पानी निकासी न होने से गंदगी और जलभराव रहता है।

दो सप्ताह से भरतपुरी के लोग परेशान : अंबेडकर नगर वार्ड के भरतपुरी बी के लोग पिछले दो सप्ताह से सीवर लाइन चोक की समस्या जूझ रहे हैं, लेकिन जलकल विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। लाइन चोक होने से अक्सर सीवर ओवर फ्लो होकर सड़क व नाली में बह रहा है। कुछ ऐसा ही हाल राजाजीपुरम ई ब्लाक मार्केट का भी है। यहां सीवर लाइन चोक पड़ी है। जिससे क्षेत्रीय लोगों व व्यापारियों को काफी दिक्कतें उठानी पड़ रही है। व्यापारी अरविंद वर्मा व सुरेंद्र शर्मा बताते हैं कि सीवर लाइन चोक होने की समस्या अक्सर बनी रहती है। जलकल विभाग के कर्मचारी ठीक ढंग से सफाई नहीं करते है, जिससे समस्या बनी रहती है। स्थानीय निवासी शायरा बताती हैं कि पिछले दो सप्ताह से इलाके की सीवर लाईन चोक पड़ी है। जिसका गंदा पानी सड़क व नाली में बह रहा है। वहीं बालकिशन बताते हैं कि सीवर लाइन चोक होने की समस्या को लेकर जलकल विभाग जोन-2 कार्यालय पर शिकायत भी की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। समस्या जस की तस बनी हुई है।

कोट

सीवर समस्या का समाधान शहर में नगर निगम और जलकल विभाग के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती है। जेएनएनयूआरएम के तहत शहर में जो लाइनें बिछाई गई थीं, उनको अब तक घरों की सीवर से कनेक्ट नहीं किया जा सका है। इस वजह से परेशानियां बहुत हैं। अभी भी शहर का बहुत बड़ा हिस्सा ऐसा है जहां सीवर लाइन भी नहीं है। शहर के बाहर अनियोजित कॉलोनियां हैं, जिन पर एलडीए का कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। इस चुनौती से निपटने की कोशिशें हम कर रहे हैं।

-उदयराज सिंह, नगर आयुक्त


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