सेक्युलर मोर्चा गठन के बाद शिवपाल के संपर्क में एक दर्जन से अधिक विधायक!
शिवपाल समर्थकों अनुसार लगभग एक दर्जन विधायक शिवपाल के साथ जा सकते हैं। इनमें कुछ तो सपा के स्थापना काल से ही पार्टी से जुड़े हैैं।
लखनऊ (जेएनएन)। हाल ही में समाजवादी सेक्युलर मोर्चा का गठन करने वाले शिवपाल यादव ने शुक्रवार को प्रदेश की सभी लोकसभा सीटों पर चुनाव लडऩे का एलान कर यह साफ कर दिया है कि चुनावी महासमर में सपा के लिए उनसे निपटना आसान न होगा। मोर्चा के गठन के तत्काल बाद से ही शिवपाल और उनके समर्थकों ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है और वह सपा में उपेक्षित चल रहे नेताओं को जोडऩे की कोशिशों में जुटे हुए हैं। समर्थकों अनुसार लगभग एक दर्जन विधायक शिवपाल के साथ जा सकते हैं। इनमें कुछ तो सपा के स्थापना काल से ही पार्टी से जुड़े हुए हैैं।
सेक्युलर मोर्चा के गठन के चौथे दिन ही प्रदेश की सभी 80 सीटों पर लडऩे की शिवपाल की घोषणा इस बात का संकेत है कि सपा के भीतर से ही कुछ नेताओं ने उनका मनोबल बढ़ाने की शुरुआत कर दी है। इसमें पूर्वांचल ही नहीं, पश्चिम के भी कई नेता शामिल हैैं। यह किसी से छिपा नहीं है कि मुलायम सिंह यादव के शासनकाल में वह सबसे शक्तिशाली नेता हुआ करते थे। यहां तक कि वह मुलायम के सहज उत्तराधिकारी भी माने जाते थे लेकिन 2012 में अखिलेश के उभार ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया था। अखिलेश को मुख्यमंत्री बनाने के मुलायम के फैसले ने शिवपाल को हतोत्साहित किया था लेकिन उन्होंने जल्द ही इस स्थिति से समझौता कर लिया था। बाद में अखिलेश शासनकाल में भी वह समानांतर सत्ता का केंद्र बने हुए थे और अपने लोगों को मजबूत करते रहे थे।
प्रदेश की सभी सीटों पर लडऩे की बात कहकर शिवपाल ने न सिर्फ सपा बल्कि, बसपा और भाजपा के असंतुष्टों के लिए भी पांसा फेंक दिया है। जाहिर है कि उन्होंने पूरे होमवर्क के साथ ही अपनी नयी राजनीतिक पारी की शुरुआत की है और आनेवाले दिनों में सपा के भीतर ही कई तरह की उठापठक देखने को मिल सकती है। क्योंकि सभी जानते हैैं कि शिवपाल सपा की हर कमजोर रग से पूरी तरह वाकिफ हैैं और वह इसका भरपूर फायदा उठाने में चूकेंगे नहीं।