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लखनऊ में Fake कागजों से गाड़ी फाइनेंस कराकर बेचने में सात गिरफ्तार Lucknow News

30 वाहन फर्जी कागजात से कराए थे फाइनेंस। कागजात में हेराफेरी कर वाहन कराते थे फाइनेंस 12 वाहन बरामद।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sun, 24 Nov 2019 10:12 PM (IST)Updated: Mon, 25 Nov 2019 08:42 AM (IST)
लखनऊ में Fake कागजों से गाड़ी फाइनेंस कराकर बेचने में सात गिरफ्तार Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। क्राइम ब्रांच और कृष्णानगर पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का राजफाश किया है, जो बैंक से वाहन के लिए लोन लेने वाले लोगों के दस्तावेजों में हेराफेरी कर गाडिय़ों को फाइनेंस कराकर कम पैसों में उन्हें बेच दिया करता था। 

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पुलिस ने इस मामले में सरगना समेत सात को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से पांच लग्जरी चारपहिया और छह दो पहिया वाहन बरामद किए हैं। उनके कब्जे से फर्जी आधार कार्ड व विभिन्न बैंकों की मुहर भी बरामद हुई हैं। गिरफ्तार अभियुक्तों में गिरोह का सरगना प्रॉपर्टी डीलर अलीगढ़ निवासी अमित यादव, वजीरगंज निवासी रेहान खान, कृष्णानगर निवासी आनंद कुमार, पारा निवासी अनिल कुमार, मो. शमीम, अलीगढ़ निवासी कलीमुद्दीन व मडिय़ांव निवासी विवेक द्विवेदी शामिल हैं। गिरोह के सदस्यों ने हाईस्कूल से लेकर स्नातक तक शिक्षा भी ग्रहण की है। 

धंधे में तीन साल से थे लिप्त 

एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि सभी पिछले तीन साल से धंधे में सक्रिय थे। इस संबंध में शाहनजफ रोड स्थित स्पीड मोटर्स के मैनेजर की ओर से हजरतगंज और ठाकुरगंज थाने में एफआइआर दर्ज कराई गई थी। गैंग के सदस्यों ने लखनऊ में 30 से अधिक दो पहिया वाहन धोखाधड़ी कर फाइनेंस कराया था। गिरोह के अन्य सदस्यों व वाहनों की तलाश की जा रही है।

ऐसे करते थे खेल

गैंग सरगना अमित यादव ने पुलिस पूछताछ में बताया कि साथी शमीम के माध्यम से एजेंट से मिलकर वाहनों के नाम पर बैंक से लोन लेने वाले लोगों के कागजात निकाल लेते थे। आधार कार्ड समेत अन्य कागजात में फोटो गिरोह के सदस्यों की लगा देते थे। 50 हजार से एक लाख रुपये देकर आठ से दस लाख धनराशि तक के वाहन फाइनेंस करा लेते थे। फिर इसके बाद ग्राहकों को दस से 12 लाख का वाहन तीन से चार लाख में बेच देते थे। गिरोह के साथ अपने साथी विवेक द्विवेदी, पीयूष गुप्ता व आकाश के माध्यम से ये वाहन बेच देते थे। 

पहले भी जा चुके जेल, दिल्ली से भी जुड़े हैं तार

एएसपी अपराध दिनेश कुमार पुरी ने बताया कि अमित यादव समेत गिरोह के अन्य सदस्य पहले भी जेल जा चुके हैं। गिरोह के तार दिल्ली, अलीगढ़, कानपुर समेत अन्य जगहों से भी जुड़े हैं।

पुलिस टीम को एसएसपी ने दिया पुरस्कार

इंस्पेक्टर क्राइम ब्रांच अंजनी कुमार पांडेय, इंस्पेक्टर कृष्णानगर प्रदीप कुमार सिंह, क्राइम ब्रांच के दारोगा अशोक कुमार, रणविजय, बृजमोहन समेत टीम में शामिल बीस पुलिसकर्मियों को एसएसपी ने पुरस्कार देने की घोषणा की है। 


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