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Kasturba School Scam: गोंडा में जिला समन्वयक व लेखाकार की समाप्त होगी सेवा, रिकवरी का आदेश

Kasturba School Scam प्रेरणा पोर्टल पर छात्राओं की उपस्थिति कम होने के बाद भी शत प्रतिशत धनराशि का भुगतान कर दिया गया था। समीक्षा में राजफाश हुआ तो तत्कालीन राज्य परियोजना निदेशक विजय किरण आनंद ने बीएसए से जवाब मांगा था।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 13 Sep 2021 03:56 PM (IST)Updated: Tue, 14 Sep 2021 07:15 AM (IST)
कस्तूरबा विद्यालयों में उजागर हुआ था 96 लाख का घोटाला, जांच के बाद डीएम ने दिया आदेश।

गोंडा, संवाद सूत्र। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में छात्राओं की उपस्थिति शून्य होने के बाद विभिन्न मद में 96 लाख रुपये खर्च किए जाने की जांच अब पूरी हो चुकी है। समिति की जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला समन्वयक बालिका शिक्षा रजनी श्रीवास्तव व लेखाकार की सेवा समाप्त की जाएगी। इनसे घोटाले की रकम वसूलने का भी आदेश दिया गया है।

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जिले में 17 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय संचालित हैं। इसमें कक्षा छह से आठ तक छात्राएं आवासीय सुविधा के साथ पढ़ाई करती हैं। शासन ने भोजन, स्टेशनरी, यूनिफॉर्म, स्वेटर, साबुन, तेल व अन्य जरूरी सामानों की खरीद के लिए बजट आवंटित किया था। 11 फरवरी से 31 मार्च के बीच छात्राओं के भोजन व अन्य जरूरी सामान क्रय करने के मद में 96 लाख रुपये निकाल लिया गया। प्रेरणा पोर्टल पर छात्राओं की उपस्थिति कम होने के बाद भी शत प्रतिशत धनराशि का भुगतान कर दिया गया था। समीक्षा में राजफाश हुआ तो तत्कालीन राज्य परियोजना निदेशक विजय किरण आनंद ने बीएसए से जवाब मांगा था। मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति को जांच सौंपी गई। इसमें जिला विद्यालय निरीक्षक राकेश कुमार के साथ ही जिला पंचायत के वित्तीय परामर्श मंगलेश सिंह पालीवाल शामिल थे। ब्लॉकवार बीईओ व बीडीओ से 96 लाख रुपये से क्रय की गई सामग्री की जांच कराई गई। जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है। डीएम मार्कण्डेय शाही ने जिला समन्वयक बालिका शिक्षा व लेखाकार की सेवा समाप्त करने के साथ ही रिकवरी का आदेश दिया है।

दैनिक जागरण ने प्रमुखता से उठाया था मुद्दा : दैनिक जागरण ने घोटाले की खबर को प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद जिला प्रशासन ने जांच में तेजी शुरू की थी। विभागीय स्तर पर भी कार्रवाई शुरू की गई थी। देवीपाटन मंडल के सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक डॉ. विनय मोहन वन ने जिला समन्वयक बालिका शिक्षा से जवाब-तलब किया। इसमें भुगतान से संबंधित रिपोर्ट तलब की गई थी।


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