पृथक बुंदेलखंड राज्य को लेकर महोबा से फिर शुरू हुआ आंदोलन
केंद्र उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार है तो बुंदेलखंड को पृथक राज्य का दर्जा देने की मांग फिर से उठने लगी है।
महोबा (जेएनएन)। पृथक बुंदेलखंड राज्य के लिए एक बार फिर आंदोलन उठ खड़ा हुआ है। अगुआ जिला बने महोबा में पांच दिन से जारी धरने के बाद भी सरकार या जनप्रतिनिधियों में कोई हलचल न होती देख अब आंदोलन को और धार देने की कवायद शुरू हुई है।
आल्हा चौक पर चल रहे धरने के नेतृत्वकर्ता जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सुखनंदन सिंह और सहयोगी तारा पाटकर ने कहा कि भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री उमा भारती कई बार बुंदेलखंड राज्य की वकालत कर चुकी हैं। अब केंद्र, उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार है तो बुंदेलखंड को पृथक राज्य का दर्जा क्यों नहीं दिया जा रहा। आंदोलनकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र भेज चुके हैं लेकिन, अब तक सरकार या किसी जनप्रतिनिधि ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
जल्द आएंगे बाबूलाल और राजा बुंदेला
पूर्व में गठित बुंदेलखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष बाबूलाल व राजा बुंदेला जल्दी ही धरनास्थल पर आकर झंडे के स्वरूप आदि पर निर्णय करेंगे।
इनसे भी लिया जाएगा सहयोग
बुंदेलखंड मुक्ति मोर्चा के अलावा समय समय पर मांग उठाने वाले बुंदेलखंड एकीकृत पार्टी के भानू सहाय, बुंदेलखंड नवनिर्माण सेना के विनय तिवारी, बुंदेलखंड अधिकार सेना के पूर्व सांसद गंगाचरण राजपूत, बुंदेलखंड इंसाफ सेना के पूर्व मंत्री बादशाह सिंह, मैं बुंदेलखंडी हूं के सूर्य प्रकाश मिश्र, बुंदलेखंड किसान यूनियन आदि संगठनों के प्रमुख लगातार संपर्क में हैं और एक साथ आवाज बुलंद कर सकते हैं।
साथ ही विभिन्न सामाजिक, व्यापारिक, अधिवक्ता व सांस्कृतिक संगठनों से भी सहयोग की अपील की जा रही है। बुंदेलखंड अधिकार सेना के प्रमुख गंगाचरण राजपूत पहले ही धरनास्थल पर पहुंच कर सहयोग की घोषणा कर चुके हैं।
व्यापार मंडल साथ, पीएम तक पहुंचाएंगे बात
धरनास्थल पर पहुंचे उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल (श्याम बिहारी गुट) के प्रदेश उपाध्यक्ष मुकुंद मिश्र ने धरनास्थल पर कहा कि प्रस्तावित बुंदेलखंड में आने वाले 13 जनपदों के जिलाध्यक्ष प्रधानमंत्री को मांग पत्र भेजेंगे। विकास की दृष्टि से छोटा राज्य महत्वपूर्ण होता है, इसलिए वह पूरी तरह आंदोलन के साथ हैं।