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UP Board 2019: पापा कक्ष निरीक्षक तो बेटा परीक्षार्थी, पारदर्शी परीक्षा के दावे का भंडाफोड़

जागरण की छानबीन में पारदर्शी परीक्षा के दावे का भंडाफोड़, बाद में हुआ बाहर।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 09 Feb 2019 11:23 AM (IST)Updated: Sun, 10 Feb 2019 09:09 AM (IST)
UP Board 2019: पापा कक्ष निरीक्षक तो बेटा परीक्षार्थी, पारदर्शी परीक्षा के दावे का भंडाफोड़

लखनऊ, [संदीप पांडेय]। यूपी बोर्ड परीक्षा में शासन की सख्ती के बावजूद ‘जुगाड़’ सिस्टम ने सेंध लगानी शुरू कर दी है। जिस केंद्र पर पापा की कक्ष निरीक्षक के बतौर ड्यूटी लगी थी वहीं बेटा बोर्ड की परीक्षा देता मिला। मामला पकड़ में आने पर शिक्षक को केंद्र से बाहर कर दिया गया।

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शुक्रवार सुबह की पाली में 44 व दोपहर की पाली में 88 सेंटरों पर परीक्षा हुई। मलिहाबाद क्षेत्र के अतिसंवेदनशील परीक्षा केंद्र जनता इंटर कॉलेज खड़ौहां में दो बजे से उर्दू का पेपर था। डेढ़ बजे के करीब एक व्यक्ति ने बाइक से परीक्षा केंद्र में प्रवेश किया। प्रधानाचार्य-शिक्षकों से मुलाकात की। तभी दो छात्र बैग डालकर बिना तलाशी के अंदर प्रवेश करने लगे। ऐसे में अन्य स्टाफ ने रोक दिया। लिहाजा, प्रधानाचार्य के कक्ष में बैठा व्यक्ति बाहर आया। दोनों छात्रों से वार्ता की। इसके बाद खुद प्रधानाचार्य (केंद्र व्यवस्थापक) के साथ स्क्रीनिंग टीम में शामिल होकर मुख्य गेट से तलाशी लेकर छात्रों को प्रवेश दिया। जागरण टीम यह पूरा घटनाक्रम कैमरे में कैद करती रही। मामला संदिग्ध लगने पर ड्यूटी की आड़ में हो रहे खेल की छानबीन शुरू कर दी। यह व्यक्ति देखते ही देखते परीक्षा कक्ष में पहुंच गया। यहां वह तय सीटों पर छात्रों को बैठाने लगा।

शिक्षक बोला-गांव के छात्र, बेटा बोला पापा हैं

कॉलेज के स्टाफ से नजदीकी देख संवाददाता ने मामले की पड़ताल की। व्यक्ति से नाम पूछा, तो थोड़ा हिचका। इसके बाद कमलेश कुमार सरोज बताया। परीक्षा केंद्र में ड्यूटी बताकर, बाहर वार्ता करने वाले दोनों छात्रों को अपने गांव का निवासी बताया। मगर, जवाब देते वक्त जबान लड़खड़ा रही थी। प्रधानाचार्य से बोर्ड ड्यूटी लिस्ट लेकर उसमें नाम तलाशा और दोनों छात्रों का प्रवेश पत्र देखा तो इसमें एक छात्र अश्वनि कुमार सरोज के पिता का नाम कमलेश कुमार सरोज निकला। छात्र अश्वनि ने भी माना कि उक्त शिक्षक उसके पापा हैं। दोनों दिलावर नगर निवासी हैं। कमलेश कुमार मलिहाबाद के ही जावेद अली कॉलेज में शिक्षक हैं।

भौचक्क प्रधानाचार्य ने ड्यूटी से हटाया

कॉलेज के प्रधानाचार्य अजीत सिंह भी जागरण की पड़ताल पर भौचक्क रह गए। सबूत मीडिया के हाथ में पड़ने पर वह सकपका गए। शिक्षक को ड्यूटी करने से मना कर दिया। साथ ही बेटे की परीक्षा का हवाला देकर पिता शिक्षक को सेंटर से बाहर कर दिया।

नहीं लग सकती परिवारीजन की ड्यूटी

कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी में नियमों को ताक पर रख दिया गया। माध्यमिक शिक्षा परिषद ने सेंटर पर परीक्षा देने वाले छात्रों के परिजनों की ड्यूटी पर सख्त रोक लगा रखी थी। शासनादेश भी जारी किया था।

सैकड़ों ने परीक्षा से मुंह फेरा, अब कटेगा वेतन

बोर्ड परीक्षा शुरू हुए दो दिन हो गए। मगर कक्ष निरीक्षकों ने ड्यूटी से मुंह फेर लिया है। इनके न पहुंचने से परीक्षा में बाधा पहुंच रही है। ऐसे में डीआइओएस ने गैर हाजिर शिक्षकों का वेतन काटने के निर्देश दिए। जनपद में आदर्श जेल समेत 113 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। वहीं 4058 कक्ष निरीक्षक बनाए गए। डीआइओएस ने पहली बार कक्ष निरीक्षकों की चुनाव की तर्ज पर नाम से ड्यूटी लगाने का दावा किया है। बावजूद अभी 40 फीसद शिक्षकों ने केंद्रों पर ज्वाइन नहीं किया। परीक्षा शुरू होने के दूसरे दिन भी गैर हाजिर रहने वाले कक्ष निरीक्षकों का डीआइओएस डॉ. मुकेश कुमार ने वेतन काटने का आदेश दिया है।

135 ने छोड़ी परीक्षा, तीन पेपरों में सन्नाटा

यूपी बोर्ड परीक्षा के दूसरे दिन भी विद्यार्थी नदारद रहे। ढाई हजार से अधिक पंजीकृत विद्यार्थियों में से 135 परीक्षा देने नहीं आए। वहीं तीन विषयों के पेपर में पूरी तरह सन्नाटा रहा। प्रथम पाली में हाईस्कूल व इंटर के 1,014 विद्यार्थियों को परीक्षा में शामिल होना था। इसमें 10वीं में कृषि के 478 में से 50 छात्र गैर हाजिर रहे। वहीं इंटर के संगीत गायन में 406 में से चार, संगीत वादन के 130 में से एक विद्यार्थी ने परीक्षा छोड़ दी। ऐसे में द्वितीय पाली में इंटर के संस्कृत विषय की परीक्षा में 958 विद्यार्थी पंजीकृत थे।

वहीं 39 ने परीक्षा नहीं दी। ऐसे में उर्दू के 829 में से 37, सिंधी के तीन में से दो विद्यार्थी परीक्षा से गायब रहे। इन विषयों में सभी गायब : नृत्य कला विषय में छात्रों की संख्या शून्य रही। वहीं बंगला में एक छात्र पंजीकृत था। यह भी परीक्षा देने नहीं आया। ऐसे ही मलयालम में भी एक विद्यार्थी पंजीकृत था, इसने भी पेपर छोड़ दिया। अब तक 912 ने परीक्षा से मुंह फेरा : यूपी बोर्ड परीक्षा में जनपद में एक लाख से अधिक छात्र परीक्षा देंगे। अब तक दो दिनों की परीक्षा में 912 ने पेपर छोड़ दिया। यह परीक्षा परिणाम आने से पहले ही सफलता की रेस से बाहर हो गए।

क्या कहते हैं प्रिंसिपल?

खड़ौहां स्थित जनता इंटर कॉलेज प्रधानाचार्य/केंद्र व्यवस्थापक अजीत सिंह का कहना है कि कमलेश कुमार सरोज जावेद अली इंटर कॉलेज के शिक्षक हैं। इनकी कक्ष निरीक्षक के तौर पर ड्यूटी लगी है। कॉलेज में इन्होंने एक फरवरी को ज्वॉइन कर लिया था। आज भी ड्यूटी के लिए आए थे, लेकिन पता चला कि इनका बेटा ही पेपर दे रहा है, तो वापस कर दिया गया। ड्यूटी डीआइओएस ऑफिस से लगी है।

क्या कहते हैं अफसर ?

डीआइओएस डॉ. मुकेश कुमार का कहना है कि जिस सेंटर पर बेटे का पेपर है। उस पर शिक्षक पिता की ड्यूटी नहीं लग सकती है। यदि ऐसा हुआ तो गंभीर मामला है। मामले की जांच करवाऊंगा।


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