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Second Phase Election in UP: दूसरे चरण में यूपी की 8 सीटों पर 26 अप्रैल को मतदान, समझें इन सीटों के सियासी समीकरण

Second Phase Election in UP अठारहवीं लोकसभा के चुनाव के दूसरा चरण में यूपी की आठ सीटों पर 26 अप्रैल को मतदान होगा। 2019 में भाजपा ने अमरोहा को छोड़ इस चरण की शेष सात सीटें जीती थीं। अमरोहा पर बसपा काबिज हुई थी। अगर बात दूसरे चरण की हो तो यह न केवल भाजपा-रालोद बल्कि सपा-कांग्रेस गठबंधन के लिए भी कड़ी परीक्षा है। विशेष संवाददाता राजीव दीक्षित की रिपोर्ट...

By Rajeev Dixit Edited By: Nitesh Srivastava Published: Mon, 22 Apr 2024 07:32 PM (IST)Updated: Mon, 22 Apr 2024 07:32 PM (IST)
Second Phase Election in UP: उत्तर प्रदेश की 8 सीटों के प्रमुख पार्टियों के उम्मीदवार

राजीव दिक्षित, लखनऊ जागरण। मिशन-80 का लक्ष्य लेकर चल रही भाजपा इस चरण की सभी सीटें जीतने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है तो पिछले चुनाव में मात्र एक सीट जीत पाई बसपा के लिए अपनी सफलता को दोहराने की चुनौती होगी। आइएनडीआइए के तहत कोटे में आई 17 सीटों में से अब तक 15 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर चुकी कांग्रेस के लिए भी दूसरा चरण प्रतिष्ठापरक है। कांग्रेस इस चरण की आठ सीटों में से चार पर अपने उम्मीदवारों के साथ मैदान में है, जबकि शेष चार सीटों पर सपा ताल ठोंक रही है। इस लिहाज से दूसरा चरण सपा-कांग्रेस गठबंधन के लिए भी कसौटी साबित होगा।

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Aligarh Lok Sabha Seat: 

Satish Gautam, Bijendra Singh, Hitendra Kumar

ब्राह्मण जाति से ताल्लुक रखने वाले भाजपा प्रत्याशी सतीश गौतम तीसरी जीत का तानाबाना बुन रहे हैं तो बसपा ने भी पैंतरा बदल कर यहां सजातीय प्रत्याशी उतारा है। अपने मुस्लिम प्रत्याशी गुफरान नूर का टिकट काटकर उसने भगवा खेमा छोड़कर आए हितेन्द्र कुमार उर्फ बंटी उपाध्याय पर दांव खेला है। सपा ने जाट बिरादरी के पूर्व सांसद चौधरी बिजेन्द्र सिंह पर फिर भरोसा जताया है। अलीगढ़ सीट पर सर्वाधिक मुस्लिम मतदाता हैं। बावजूद इसके प्रमुख दलों का कोई मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में नहीं है। मुस्लिम मतों का झुकाव या बिखराव यहां के परिणाम पर असर डालेगा।

Amroha Lok Sabha Seat:

Kanwar Singh Tanwar, Danish Ali, Mujahid Hussain

वर्ष 1980 के बाद से किसी प्रत्याशी को लगातार दो बार लोकसभा न भेजने वाली यह सीट इसी तर्ज को कायम रखेगी या पिछले साढ़े चार दशक से चली आ रही परंपरा को तोड़ेगी, इस पर निगाहें लगी हैं। हाथी से उतरकर हाथ थामने वाले मौजूदा सांसद कुंवर दानिश अली मुस्लिम बहुल इस सीट पर साइकिल का साथ मिलने से दोबारा बाजी मारने के लिए कमर कस रहे हैं तो रालोद के साथ आने से भाजपा के कंवर सिंह तंवर भी ढोलक पर जोरदार थाप लगाकर 2014 की सफलता हासिल करने के लिए प्रयासरत हैं। मुस्लिमों की बड़ी तादाद वाली इस सीट पर बसपा उम्मीदवार मुजाहिद हुसैन मुकाबले का तीसरा कोण उभारने की कोशिश में लगे हैं।

Baghpat Lok Sabha Seat:

Rajkumar Sangwan Amarpal Sharma, Praveen Bansal

चौधरी चरण सिंह के परिवार का गढ़ रही इस सीट पर 47 वर्षों बाद इस परिवार का कोई सदस्य चुनाव नहीं लड़ रहा है। रालोद ने राष्ट्रीय सचिव राजकुमार सांगवान को उतारा है। सपा ने पहले पूर्व जिलाध्यक्ष मनोज चौधरी को और आखिरी दौर में साहिबाबाद के पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा को उतार दिया। बसपा ने दिल्ली हाई कोर्ट के अधिवक्ता प्रवीण बंसल पर दांव लगाया है। भाजपा ने जाट, सपा ने ब्राह्मण और बसपा ने गुर्जर प्रत्याशी को मैदान में उतारा है। पिछले दो चुनावों में यहां आमने-सामने रहीं भाजपा और रालोद के हाथ मिलाने से एनडीए समर्थक यहां हैंडपंप को मजबूत मान रहे हैं।

Bulandshahr Lok Sabha Seat:

Bhola Singh, Shivram Valmiki, Girish Chandra

अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित यह सीट दो वर्तमान सांसदों के बीच चुनावी जंग की गवाह बनी हुई है। भाजपा ने यहां पिछली दो बार लगातार जीत दर्ज कर चुके भोला सिंह को जीत की हैट्रिक लगाने की मुराद पूरी करने का अवसर दिया है तो बसपा ने नगीना के सांसद गिरीश चंद्र को मैदान में उतार कर चुनावी संग्राम में गर्मी पैदा करने की कोशिश की है। कांग्रेस ने आल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सदस्य और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव शिवराम वाल्मीकि को प्रत्याशी बनाया है। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव को अपवाद मान लें तो 1991 से अब तक भाजपा यहां अपराजेय रही है।

Ghaziabad Lok Sabha Seat

Atul Garg, Dali Sharma, Nand Kishore Pundir

पिछले दो बार के सांसद जनरल वीके सिंह की जगह मैदान में उतरे पूर्व राज्य मंत्री और गाजियाबाद के विधायक अतुल गर्ग इस सीट पर भाजपा की चौथी जीत के सूत्रधार बनने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाए हैं। वीके सिंह का टिकट कटने से ठाकुर बिरादरी की शुरुआती नाराजगी से पार पाने के लिए भाजपा को मशक्कत करनी पड़ी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां रोड शो किया। कांग्रेस ने डाली शर्मा पर फिर भरोसा जताया है। बसपा ने अंशय कालरा का टिकट काटकर ठाकुर बहुल इस सीट पर इसी बिरादरी के नंद किशोर पुंडीर को मैदान में उतारकर मुकाबले को रोचक बनाने की कोशिश की है।

Mathura Lok Sabha Seat

Hema Malini, Mukesh Dhangar, Suresh Singh

इस लोकसभा क्षेत्र में भाजपा सांसद हेमा मालिनी जीत की तिकड़ी लगाने की तैयारी में जुटी हैं तो उनकी राह रोकने के लिए कांग्रेस के मुकेश धनगर और जाट बिरादरी के सेवानिवृत्त आइआरएस अधिकारी सुरेश सिंह बसपा प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं। कांग्रेस को पिछली बार यहां 20 वर्ष पहले सफलता मिली थी, जबकि बसपा का यहां अब तक खाता नहीं खुल पाया है। भाजपा ने अपने इरादे जता दिए हैं। मथुरा से प्रचार अभियान का श्रीगणेश कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कह चुके हैं कि अपनी जन्मभूमि पर विराजित प्रभु श्रीराम ने होली खेली तो मथुरा-वृंदावन को भी इसका इंतजार है।

Meerut Lok Sabha Seat

Arun Govil, Dev Vrat Tyagi, Sunita

रामायण में प्रभु श्रीराम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल के बतौर भाजपा प्रत्याशी मैदान में उतरने से यह सीट चर्चा में है। गोविल मेरठ सीट पर भाजपा सांसद राजेन्द्र अग्रवाल की जीत की हैट्रिक के सिलसिले को आगे बढ़ाने के लिए पसीना बहा रहे हैं। सपा ने पहले यहां दलित बिरादरी के भानु प्रताप को प्रत्याशी बनाया, फिर सरधना विधायक अतुल प्रधान पर दांव लगाया, जिन्होंने नामांकन भी कर दिया और इसके चंद घंटों बाद शहर की पूर्व महापौर सुनीता वर्मा को मैदान में उतार दिया। बसपा ने देवव्रत त्यागी को उतारा है। मुसलमानों की बड़ी संख्या वाली सीट पर सपा व बसपा ने मुस्लिम प्रत्याशी से परहेज कर मुकाबले को रोचक बना दिया है।

Gautam Buddha Nagar Lok Sabha Seat

Mahesh Sharma, Mahendra Nagar, Rajendra Solanki

यहां दो डाक्टरों के बीच चुनावी जंग में बसपा तीसरा कोण उभारने में जुटी है। पेशे से चिकित्सक सांसद डा. महेश शर्मा इस सीट से जीत की तिकड़ी बनाने के लिए मैदान में हैं। सपा ने पहले यहां डा. महेन्द्र नागर को प्रत्याशी बनाया, फिर राहुल अवाना को, लेकिन पांच दिन बाद ही फिर डा. महेन्द्र नागर पर भरोसा जताया। बसपा ने पार्टी सुप्रीमो मायावती के गृह जिले की सीट से पूर्व विधायक राजेन्द्र सिंह सोलंकी को उतारा है। तीनों पार्टियों ने अलग-अलग जातियों के उम्मीदवारों पर दांव खेला है। डा. महेश शर्मा ब्राह्मण हैं, वहीं डा. महेन्द्र नागर गुर्जर और राजेन्द्र सिंह सोलंकी ठाकुर हैं।

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